साहिबगंज: जिला प्रशासन और स्वास्थ्य महकमा स्वास्थ्य सुविधाओं को जन-जन तक पहुंचाने के लाख दावे करे, लेकिन तस्वीरें हकीकत को बयां कर ही देती है. अब ऐसी ही एक तस्वीर साहिबगंज जिले से सामने आई है जो ये बता रही है कि जिले में मरीजों के साथ स्वास्थ्य सिस्टम भी खटिया पर ही है.
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मरीज को नहीं मिला एंबुलेंस
दरअसल ये पूरा मामला सदर प्रखंड के गदाई दियरा का है. जहां एक महिला की तबीयत अचानक खराब होने के बाद परिजनों ने जब 108 नंबर पर फोन कर एंबुलेंस की मांग की तो वाहन उपलब्ध नहीं है का बहाना बनाकर एंबुलेंस देने से मना कर दिया गया. बिगड़ती तबीयत को देख परिजन खटिया पर लादकर मरीज को अस्पताल पहुंचाने के लिए विवश हो गए.
कोरोना टीका लेने के बाद बिगड़ी तबीयत
परिजनों की माने तो शनिवार (11 सितंबर) को कोरोना टीका लेने के बाद मरीज की तबीयत अचानक खराब हो गई. लगातार लूज मोशन से हालत बिगड़ती जा रही थी. मरीज की स्थिति को देखते हुए और एंबुलेंस नहीं मिलने पर खटिया पर लादकर मरीज को अस्पताल पहुंचाया गया. परिजनों के मुताबिक अगर उन्हें समय पर एंबुलेंस मिल गया होता तो मरीज को इतनी दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ता.
हैरत में पड़े लोग
इधर खटिया पर मरीज को देख आते-जाते लोग हैरत में पड़ गए. सभी लोगों ने इसके लिए एक सुर से सिस्टम को दोषी ठहराया. स्थानीय लोगों के मुताबिक इन लोगों को एंबुलेंस की सुविधा उपलब्ध कराई जानी चाहिए थी. चिलचिलाती धूप में मरीज को इस तरह ले जाना न तो मरीज के लिए और न ही परिजनों के लिए सुरक्षित था.
स्वास्थ्य विभाग पर उठे सवाल
बता दें कि जिला अस्पताल सहित हर प्रखंड में 108 पर फोन करने पर एंबुलेंस उपलब्ध हो जाता है. सरकारी एंबुलेंस भी है. जिला में 2 कार्डियक एंबुलेंस भी है तमाम सुविधा के बावजूद मरीज को वाहन नहीं मिलने से स्वास्थ्य विभाग की संवेदनशीलता पर सवाल उठ रहे हैं.