साहिबगंजः चयनित पारा मेडिकल अभ्यर्थियों ने जिला प्रशासन के खिलाफ बिगुल फूंक दिया है. उन्होंने जिला प्रशासन के खिलाफ हाईकोर्ट में जाकर केस करने की धमकी दी है.
126 पदों पर बहाली के लिए विज्ञापन
पिछले महीनों पारा मेडिकल के बहाली में जिला प्रशासन द्वारा कई पदों पर बहाली निकाली गई थी. जिसमें एएनएम और जीएनएम के लिए 69 पद और बाकी लैब टेक्नीशियन फार्मासिस्ट एमपीडब्ल्यू सहित कई पद थे. कुल 126 पदों पर बहाली के लिए विज्ञापन भी दिया गया था. जिला प्रशासन द्वारा दिल्ली के एक एजेंसी द्वारा इन सभी पदों पर आवेदन मंगवाया गया. सभी भर्तियों पर एग्जाम हुआ, जिसके बाद रिजल्ट निकला. रिजल्ट में पास हुए अभ्यर्थियों का काउंसलिंग किया गया. एजेंसी द्वारा पूरी प्रक्रिया करने के बाद जिला प्रशासन को सूची बनाकर अंतिम मुहर लगाने के भेज दिया गया, जिसके बाद जिला प्रशासन ने अंतिम मुहर लगाकर स्वास्थ्य विभाग में चयनित अभ्यर्थियों की सूची जारी कर दी.
अंतिम तारीख 6 अक्टूबर तक
30 जून को जिले में नए डीसी राजीव रंजन ने पदभार ग्रहण किया. पदभार ग्रहण करने के साथ ही इस बहाली में जांच कमेटी गठित कर स्वास्थ्य विभाग के दो सीनियर लिपिक कर्मी मुकेश और दिलीप को सस्पेंड कर दिया गया. इसे मामले में डीपीएम और दिल्ली के एजेंसी पर केस भी दर्ज किया गया है.
सभी 126 चयनित पारा मेडिकल अभ्यर्थियों द्वारा लगातार दबाव बनाए जाने के बाद जिला प्रशासन ने फिर इस बहाली को लेने के लिए विज्ञापन निकाल दिया है, जिसकी अंतिम तारीख 6 अक्टूबर तक है. इस बहाली को लेकर पुनः विज्ञापन निकालने पर अभ्यर्थियों ने जिला प्रशासन के खिलाफ बिगुल फूंक दिया है. उन्होंने कहा कि यह कैसा न्याय है.
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6 अक्टूबर तक आवेदन देने की अंतिम तिथि
इस मामले में सिविल सर्जन ने कहा कि पूर्व में पारा मेडिकल की जो बहाली निकाली गई थी उसे रद्द करते हुए पुनः एक बार विज्ञापन निकाला गया है, जो अगले महीने 6 अक्टूबर तक आवेदन देने की अंतिम तिथि रखी गई है. एक सवाल पर उन्होंने कहा कि अभ्यर्थी हाई कोर्ट में जाना चाहते हैं तो वह स्वतंत्र हैं, लेकिन जिला प्रशासन पूर्व में बहाली में काफी अनियमितता पाई है, इसलिए इसे रद्द कर दोबारा इस बहाली को लेने की प्रक्रिया शुरू की गई है.