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चयनित पारा मेडिकल अभ्यर्थी हाइकोर्ट जाने को मजबूर, फिर नए सिरे से निकली बहाली

साहिबगंज में पारा मेडिकल बहाली का नए सिरे से चयन होने पर चयनित अभ्यर्थियों ने विरोध किया है. अभ्यर्थियों ने जिला प्रशासन के खिलाफ हाईकोर्ट में केस करने की धमकी दी है.

चयनित अभ्यर्थी
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Published : Sep 26, 2019, 12:02 AM IST

साहिबगंजः चयनित पारा मेडिकल अभ्यर्थियों ने जिला प्रशासन के खिलाफ बिगुल फूंक दिया है. उन्होंने जिला प्रशासन के खिलाफ हाईकोर्ट में जाकर केस करने की धमकी दी है.

देखें पूरी खबर


126 पदों पर बहाली के लिए विज्ञापन

पिछले महीनों पारा मेडिकल के बहाली में जिला प्रशासन द्वारा कई पदों पर बहाली निकाली गई थी. जिसमें एएनएम और जीएनएम के लिए 69 पद और बाकी लैब टेक्नीशियन फार्मासिस्ट एमपीडब्ल्यू सहित कई पद थे. कुल 126 पदों पर बहाली के लिए विज्ञापन भी दिया गया था. जिला प्रशासन द्वारा दिल्ली के एक एजेंसी द्वारा इन सभी पदों पर आवेदन मंगवाया गया. सभी भर्तियों पर एग्जाम हुआ, जिसके बाद रिजल्ट निकला. रिजल्ट में पास हुए अभ्यर्थियों का काउंसलिंग किया गया. एजेंसी द्वारा पूरी प्रक्रिया करने के बाद जिला प्रशासन को सूची बनाकर अंतिम मुहर लगाने के भेज दिया गया, जिसके बाद जिला प्रशासन ने अंतिम मुहर लगाकर स्वास्थ्य विभाग में चयनित अभ्यर्थियों की सूची जारी कर दी.


अंतिम तारीख 6 अक्टूबर तक

30 जून को जिले में नए डीसी राजीव रंजन ने पदभार ग्रहण किया. पदभार ग्रहण करने के साथ ही इस बहाली में जांच कमेटी गठित कर स्वास्थ्य विभाग के दो सीनियर लिपिक कर्मी मुकेश और दिलीप को सस्पेंड कर दिया गया. इसे मामले में डीपीएम और दिल्ली के एजेंसी पर केस भी दर्ज किया गया है.

सभी 126 चयनित पारा मेडिकल अभ्यर्थियों द्वारा लगातार दबाव बनाए जाने के बाद जिला प्रशासन ने फिर इस बहाली को लेने के लिए विज्ञापन निकाल दिया है, जिसकी अंतिम तारीख 6 अक्टूबर तक है. इस बहाली को लेकर पुनः विज्ञापन निकालने पर अभ्यर्थियों ने जिला प्रशासन के खिलाफ बिगुल फूंक दिया है. उन्होंने कहा कि यह कैसा न्याय है.

यह भी पढ़ें- कैबिनेट की बैठक में मोटर वाहन अधिनियम में संशोधन, रांची के मास्टर प्लान 2037 में भी आंशिक सुधार

6 अक्टूबर तक आवेदन देने की अंतिम तिथि

इस मामले में सिविल सर्जन ने कहा कि पूर्व में पारा मेडिकल की जो बहाली निकाली गई थी उसे रद्द करते हुए पुनः एक बार विज्ञापन निकाला गया है, जो अगले महीने 6 अक्टूबर तक आवेदन देने की अंतिम तिथि रखी गई है. एक सवाल पर उन्होंने कहा कि अभ्यर्थी हाई कोर्ट में जाना चाहते हैं तो वह स्वतंत्र हैं, लेकिन जिला प्रशासन पूर्व में बहाली में काफी अनियमितता पाई है, इसलिए इसे रद्द कर दोबारा इस बहाली को लेने की प्रक्रिया शुरू की गई है.

साहिबगंजः चयनित पारा मेडिकल अभ्यर्थियों ने जिला प्रशासन के खिलाफ बिगुल फूंक दिया है. उन्होंने जिला प्रशासन के खिलाफ हाईकोर्ट में जाकर केस करने की धमकी दी है.

देखें पूरी खबर


126 पदों पर बहाली के लिए विज्ञापन

पिछले महीनों पारा मेडिकल के बहाली में जिला प्रशासन द्वारा कई पदों पर बहाली निकाली गई थी. जिसमें एएनएम और जीएनएम के लिए 69 पद और बाकी लैब टेक्नीशियन फार्मासिस्ट एमपीडब्ल्यू सहित कई पद थे. कुल 126 पदों पर बहाली के लिए विज्ञापन भी दिया गया था. जिला प्रशासन द्वारा दिल्ली के एक एजेंसी द्वारा इन सभी पदों पर आवेदन मंगवाया गया. सभी भर्तियों पर एग्जाम हुआ, जिसके बाद रिजल्ट निकला. रिजल्ट में पास हुए अभ्यर्थियों का काउंसलिंग किया गया. एजेंसी द्वारा पूरी प्रक्रिया करने के बाद जिला प्रशासन को सूची बनाकर अंतिम मुहर लगाने के भेज दिया गया, जिसके बाद जिला प्रशासन ने अंतिम मुहर लगाकर स्वास्थ्य विभाग में चयनित अभ्यर्थियों की सूची जारी कर दी.


अंतिम तारीख 6 अक्टूबर तक

30 जून को जिले में नए डीसी राजीव रंजन ने पदभार ग्रहण किया. पदभार ग्रहण करने के साथ ही इस बहाली में जांच कमेटी गठित कर स्वास्थ्य विभाग के दो सीनियर लिपिक कर्मी मुकेश और दिलीप को सस्पेंड कर दिया गया. इसे मामले में डीपीएम और दिल्ली के एजेंसी पर केस भी दर्ज किया गया है.

सभी 126 चयनित पारा मेडिकल अभ्यर्थियों द्वारा लगातार दबाव बनाए जाने के बाद जिला प्रशासन ने फिर इस बहाली को लेने के लिए विज्ञापन निकाल दिया है, जिसकी अंतिम तारीख 6 अक्टूबर तक है. इस बहाली को लेकर पुनः विज्ञापन निकालने पर अभ्यर्थियों ने जिला प्रशासन के खिलाफ बिगुल फूंक दिया है. उन्होंने कहा कि यह कैसा न्याय है.

यह भी पढ़ें- कैबिनेट की बैठक में मोटर वाहन अधिनियम में संशोधन, रांची के मास्टर प्लान 2037 में भी आंशिक सुधार

6 अक्टूबर तक आवेदन देने की अंतिम तिथि

इस मामले में सिविल सर्जन ने कहा कि पूर्व में पारा मेडिकल की जो बहाली निकाली गई थी उसे रद्द करते हुए पुनः एक बार विज्ञापन निकाला गया है, जो अगले महीने 6 अक्टूबर तक आवेदन देने की अंतिम तिथि रखी गई है. एक सवाल पर उन्होंने कहा कि अभ्यर्थी हाई कोर्ट में जाना चाहते हैं तो वह स्वतंत्र हैं, लेकिन जिला प्रशासन पूर्व में बहाली में काफी अनियमितता पाई है, इसलिए इसे रद्द कर दोबारा इस बहाली को लेने की प्रक्रिया शुरू की गई है.

Intro:पारा मेडिकल बहाली का नये सिरे से होने पर चयनित अभ्यार्थयो ने किया विरोध। जिला प्रशासन के खिलाप हाईकोर्ट में कोर्ट में केस करने की दिया धमकी।



Body:पारा मेडिकल बहाली का नये सिरे से होने पर चयनित अभ्यार्थयो ने किया विरोध। जिला प्रशासन के खिलाप हाईकोर्ट में कोर्ट में केस करने की दिया धमकी।
स्टोरी-साहिबगंज--- चयनित पारा मेडिकल अभ्यर्थियों ने जिला प्रशासन के खिलाफ बिगुल फूंक दिया है जिला प्रशासन के खिलाफ हाई कोर्ट में जाकर केस करने का धमकी दे डाला है। मामला यह है कि पिछले महीनों पारा मेडिकल के बहाली में जिला प्रशासन द्वारा कई पदों पर बहाली निकाल कर खाली पड़े रिक्त पदों को भरने का काम किया था जिसमें एएनएम और जीएनएम के लिए 69 पद और बाकी लैब टेक्नीशियन फार्मासिस्ट एमपीडब्ल्यू सहित कई पद था कुल 126 पदों पर बहाली के लिए पिछले महीने विज्ञापन निकाला गया था।
जिला प्रशासन द्वारा दिल्ली के एक एजेंसी द्वारा इन सभी पदों पर आवेदन मनाया गया। सभी भर्तियों पर एग्जाम हुआ रिजल्ट निकला ।रिजल्ट में पास हुए भर्ती को काउंसलिंग किया गया और उनके सारा सर्टिफिकेट जांच किया गया। एजेंसी द्वारा सारा प्रक्रिया पूरी कर जिला प्रशासन को सूची बनाकर अंतिम मुहर लगाने के लिए दिया। जिला प्रशासन द्वारा अंतिम मुहर लगाकर स्वास्थ्य विभाग में चयनित अभ्यर्थियों की सूची टांग दी गई और जॉइन लेटर देने के लिए समय में दिया गया।
मामला बिगड़ गया जब आईएस स्तर पर झारखंड में ट्रांसफर हुआ ।30 जून को जिले को नए डीसी राजीव रंजन पदभार ग्रहण किया ।पदभार ग्रहण करने के साथ ही इस बहाली में जांच कमेटी गठित कर स्वास्थ्य विभाग के दो सीनियर लिपिक कर्मी मुकेश और दिलीप को सस्पेंड कर दिया गया और बाद में एक बार फिर डीपीएम और दिल्ली के एजेंसी पर केस दर्ज किया गया वजह बताया गया इस बहाली में काफी अनियमितता पाई गई है पैसे का बड़े स्तर पर लेनदेन हुआ है इसलिए इस बहाली को कैंसिल कर शामिल लोगों पर करवाई के लिए कार्रवाई की जा रही है।
126 चयनित पारा मेडिकल अभ्यर्थियों द्वारा लगातार दबाव बनाए जाने पर जिला प्रशासन एवं फिर इस बहाली को लेने के लिए विज्ञापन निकाल चुके हैं 6 अक्टूबर तक अंतिम तिथि किया गया है।
इस बहाली को पुनः विज्ञापन निकालने पर अभ्यर्थियों ने जिला प्रशासन के खिलाफ बिगुल फूंक दिया है। लोगों ने कहा कि यह कैसा न्याय है शुरू से अंतिम तक काफी बारीकी से जिला प्रशासन हमेशा जांच पड़ताल की है हम एग्जाम देकर पास किए है। जिला में कई जगह सेंटर बनाए गए थे इतनी भीड़ में हम कितने मेहनत से पास किए लेकिन जैसे ही जॉइन लेटर देने के बाद आई तो पता चला कि अब जिला प्रशासन का रही है इस बहाली में काफी अनियमितता पाई गई है जिला प्रशासन को बता देना चाहते हैं पहले के रिजल्ट पर हमें बाहर नहीं किया गया तो जिला प्रशासन एक-एक पद अधिकारी पर केस दर्ज करेंगे।
बाइट- चयनित पारा मेडिकल अभ्यर्थी,1,2,3
सिविल सर्जन ने कहा कि पूर्व में पारा मेडिकल का जो बहाली निकाली गई थी उसे रद्द करते हुए पुनः एक बार विज्ञापन निकाला गया है जो अगले महीने 6 तारीख तक आवेदन देने का अंतिम तिथि रखा गया है ।एक सवाल पर कहा कि अभ्यर्थी हाई कोर्ट में जाना चाहते हैं तो वह स्वतंत्र है लेकिन जिला प्रशासन पूर्व में बहाली में काफी अनियमितता पाई है इसलिए रद्द किया गया है इसलिए दोबारा इस बहाली को लेने की प्रक्रिया चालू कर दी गई है।
बाइट- डीएन सिंह,सीएस,साहिबगंज


Conclusion:निश्चित रूप से पूर्व में पारा मेडिकल बहाली में चयनित हुए भारती के साथ अन्याय हुआ है कहीं न कहीं जिला प्रशासन ने कई जगह सेंटर पर एग्जाम लिया था बारीकी से सर्टिफिकेट जांच हुआ काउंसलिंग हुआ अंतिम सूची निकला ।आखिर क्या ऐसा मामला हुआ जब अंतिम घड़ी में जॉइन लेटर देने की बात आई तो बहाली को कैंसिल कर दिया गया और आज नए सिरे से बहाली निकाला गया कहीं न कहीं गड़बड़झाला है।
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