ETV Bharat / state

अनाथ बच्चों को नहीं मिल रहा सरकारी योजना का लाभ, जानिए क्या है वजह? - Orphan children do not get benefit of government scheme

झारखंड सरकार वैसे बच्चों का सर्वे करा रही है, जिनके माता पिता का देहांत कोरोना काल में हो गया. ऐसे बच्चों को चिन्हित कर उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ मुहैया कराया जाएगा. लेकिन साहिबगंज में ये योजना अधिकारियों की उदासीनता का शिकार हो गयी है. प्रमाणपत्र नहीं होने नकी वजह से अनाथ बच्चों को सरकार की इस योजना का लाभ नहीं मिल रहा है.

Orphan children are not getting government help
अनाथ बच्चों को नहीं मिल रही सरकारी मदद
author img

By

Published : Jun 25, 2021, 10:15 PM IST

Updated : Jun 25, 2021, 10:49 PM IST

साहिबगंज: कोरोना काल में अनाथ हुए बच्चों की मदद के लिए झारखंड सरकार एक सर्वे करा रही है. जिसमें ऐसे बच्चों की पहचान कर उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाया जाएगा. लेकिन जिले में ये योजना दम तोड़ती नजर आ रही है.

देखिए पूरी खबर

ये भी पढ़ें- साहिबगंजः सदर अस्पताल में जल्द लगेगा डबल क्षमता का ऑक्सीजन प्लांट, मरीजों के उपचार में मिलेगी मदद

झारखंड सरकार के एक सर्वे में साहिबगंज में 14 ऐसे नाबालिग बच्चों का पता चला है जिनके माता-पिता का कोरोना काल में देहांत हो गया. अनाथ हो गए बच्चों की मदद के लिए सरकारी योजना के तहत प्रत्येक महीने 2 हजार रुपये और उनके परिजनों को वृद्धा पेंशन या विधवा पेंशन समेत सरकारी आवास मुहैया कराने का प्रावधान है. लेकिन साहिबगंज में इस योजना को लागू करने में मुश्किल आ रही है.

योजना को लागू करने में क्या है दिक्कत?

जिला बाल संरक्षण अधिकारी के मुताबिक जिले में 14 बच्चों को चिन्हित किया गया है जिनके माता पिता का निधन इस कोरोना काल में हो गया. लेकिन ऐसे बच्चों का न तो बैंक में खाता खुल रहा है और न ही ब्लॉक में प्रमाण पत्र बन रहा है. जिस वजह से ये बच्चे सरकारी लाभ से अभी तक वंचित हैं. जिला बाल संरक्षण अधिकारी पूनम कुमारी के मुताबिक प्रशासन को इस समस्या से अवगत करा दिया गया है, उन्होंने जल्द ही सभी समस्याओं के समाधान की उम्मीद जताई है.

क्यों नहीं बन रहा प्रमाण पत्र?

बच्चों के प्रमाण पत्र बनने में खतियान की समस्या आ रही है. कोई भी प्रमाण पत्र बनाने के लिए इनसे 1932 का खतियान मांगा जा रहा है. जो इनके पास नहीं है. इसी वजह से आज भी लोगों का अस्थाई प्रमाण पत्र ही बनता है. ऐसी स्थिति में बच्चों को प्रमाण पत्र बनाने में समस्या आ रही है और प्रमाण पत्र नहीं होने से उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा है.

साहिबगंज: कोरोना काल में अनाथ हुए बच्चों की मदद के लिए झारखंड सरकार एक सर्वे करा रही है. जिसमें ऐसे बच्चों की पहचान कर उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाया जाएगा. लेकिन जिले में ये योजना दम तोड़ती नजर आ रही है.

देखिए पूरी खबर

ये भी पढ़ें- साहिबगंजः सदर अस्पताल में जल्द लगेगा डबल क्षमता का ऑक्सीजन प्लांट, मरीजों के उपचार में मिलेगी मदद

झारखंड सरकार के एक सर्वे में साहिबगंज में 14 ऐसे नाबालिग बच्चों का पता चला है जिनके माता-पिता का कोरोना काल में देहांत हो गया. अनाथ हो गए बच्चों की मदद के लिए सरकारी योजना के तहत प्रत्येक महीने 2 हजार रुपये और उनके परिजनों को वृद्धा पेंशन या विधवा पेंशन समेत सरकारी आवास मुहैया कराने का प्रावधान है. लेकिन साहिबगंज में इस योजना को लागू करने में मुश्किल आ रही है.

योजना को लागू करने में क्या है दिक्कत?

जिला बाल संरक्षण अधिकारी के मुताबिक जिले में 14 बच्चों को चिन्हित किया गया है जिनके माता पिता का निधन इस कोरोना काल में हो गया. लेकिन ऐसे बच्चों का न तो बैंक में खाता खुल रहा है और न ही ब्लॉक में प्रमाण पत्र बन रहा है. जिस वजह से ये बच्चे सरकारी लाभ से अभी तक वंचित हैं. जिला बाल संरक्षण अधिकारी पूनम कुमारी के मुताबिक प्रशासन को इस समस्या से अवगत करा दिया गया है, उन्होंने जल्द ही सभी समस्याओं के समाधान की उम्मीद जताई है.

क्यों नहीं बन रहा प्रमाण पत्र?

बच्चों के प्रमाण पत्र बनने में खतियान की समस्या आ रही है. कोई भी प्रमाण पत्र बनाने के लिए इनसे 1932 का खतियान मांगा जा रहा है. जो इनके पास नहीं है. इसी वजह से आज भी लोगों का अस्थाई प्रमाण पत्र ही बनता है. ऐसी स्थिति में बच्चों को प्रमाण पत्र बनाने में समस्या आ रही है और प्रमाण पत्र नहीं होने से उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा है.

Last Updated : Jun 25, 2021, 10:49 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.