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संथाल परगना में कोरोना वायरस के टेस्ट के लिए लैब नहीं, रिम्स से रिपोर्ट लाने में लगते हैं हजारों रुपये

देश में कोरोना वायरस के मरीज लगातार बढ़ते जा रहे हैं. झारखंड में भी चार मामले सामने आए हैं. लेकिन संथाल परगना में कोरोना का टेस्ट करने के लिए लैब नहीं है.

No testing lab for corona virus in Santhal Pargana
संथाल परगना में कोरोना वायरस की टेस्टिंग लैब नहीं
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Published : Apr 6, 2020, 6:47 PM IST

साहिबगंज: संथाल परगना में कोरोना वायरस की टेस्टिंग के लिए लैब नहीं है. ऐसे में कोरोना वायरस के संदिग्ध मरीज की जांच रिपोर्ट रिम्स से लाने में हजारों रुपए खर्च होते हैं. इससे काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. अभी प्रदेश में कोरोना वायरस की जांच रिम्स में होती है या फिर जमशेदपुर में.

देखें पूरी खबर

साहिबगंज से रांची की दूरी लगभग 500 किलोमीटर है. ऐसे में आने जाने में काफी पैसा और समय दोनों लगता है. इस बारे में लैब तकनीशियन शाहबाज आलम ने कहा कि रांची से रिपोर्ट आने में कम से कम तीन दिन या अधिक लगता है, तब जाकर हम लोग को मरीज के बारे में जानकारी प्राप्त होती है. उन्होंने कहा कि साहिबगंज से एंबुलेंस में दो स्टाफ जांच सैंपल को लेकर रांची जाते हैं. इससे आने-जाने में लगभग आठ हजार रुपये खर्च हो जाते हैं.

ये भी पढ़ें: झारखंड में मिला चौथा कोरोना पॉजिटिव, स्वास्थ्य विभाग ने की पुष्टि

अगर धनबाद में कोरोना की जांच शुरू हो जाती है तो साहिबगंज के लिए थोड़ा सी दूरी कम हो जाएगी. वहीं, सिविल सर्जन डीएन सिंह ने कहा कि संथाल परगना में यदि कोरोना की जांच के लिए मेडिकल लैब होती तो मरीज को राहत और सुविधा मिलती. साथ ही समय की बचत भी होती. रिम्स भेजने में वाहन का एक बार में ही आठ हजार रुपये खर्च होते हैं. फिलहाल रिम्स से ही भेजकर रिपोर्ट मंगवाते हैं.

साहिबगंज: संथाल परगना में कोरोना वायरस की टेस्टिंग के लिए लैब नहीं है. ऐसे में कोरोना वायरस के संदिग्ध मरीज की जांच रिपोर्ट रिम्स से लाने में हजारों रुपए खर्च होते हैं. इससे काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. अभी प्रदेश में कोरोना वायरस की जांच रिम्स में होती है या फिर जमशेदपुर में.

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साहिबगंज से रांची की दूरी लगभग 500 किलोमीटर है. ऐसे में आने जाने में काफी पैसा और समय दोनों लगता है. इस बारे में लैब तकनीशियन शाहबाज आलम ने कहा कि रांची से रिपोर्ट आने में कम से कम तीन दिन या अधिक लगता है, तब जाकर हम लोग को मरीज के बारे में जानकारी प्राप्त होती है. उन्होंने कहा कि साहिबगंज से एंबुलेंस में दो स्टाफ जांच सैंपल को लेकर रांची जाते हैं. इससे आने-जाने में लगभग आठ हजार रुपये खर्च हो जाते हैं.

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अगर धनबाद में कोरोना की जांच शुरू हो जाती है तो साहिबगंज के लिए थोड़ा सी दूरी कम हो जाएगी. वहीं, सिविल सर्जन डीएन सिंह ने कहा कि संथाल परगना में यदि कोरोना की जांच के लिए मेडिकल लैब होती तो मरीज को राहत और सुविधा मिलती. साथ ही समय की बचत भी होती. रिम्स भेजने में वाहन का एक बार में ही आठ हजार रुपये खर्च होते हैं. फिलहाल रिम्स से ही भेजकर रिपोर्ट मंगवाते हैं.

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