साहिबगंज: कहते हैं मां बच्चों के दिल के सबसे ज्यादा करीब होती है. जीवन में सबसे खास जगह रखने वाली मां हंसी के पीछे छिपे बच्चों के गम को भी झट से पहचान लेती है. कुछ ऐसा ही हुआ है साहिबगंज के रहने वाले युवक विक्की कुमार शर्मा के साथ. विक्की की मां ने अपनी जान का परवाह न करते हुए अपने बेटे को दूसरी बार जीवन दिया है.
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विक्की की दोनों किडनी खराब: बोरियो प्रखंड के जिरवाबाड़ी थाना अंतर्गत बड़ा पचगढ़ स्थित ज्योतियां मोड़ के पास रहने वाला 29 वर्षीय युवक विक्की कुमार शर्मा की दोनो किडनी खराब हो चुकी थी. साहिबगंज और भागलपुर के डॉक्टरों ने साफ साफ कह दिया कि बचने का दो मात्र रास्ता है पहला अब जिंदगी भर डायलिसिस इलाज का सहारा लेना होगा या किडनी ट्रांसप्लांट कराना होगा.
टूट गई थी हिम्मत: विक्की की मानें तो किडनी खराब होने की जानकारी के बाद उसका हिम्मत जवाब दे गया. उसे यही चिंता सता रही थी कि चार बहन है, बूढ़ा मां बाप है और जिंदगी का अब कोई भरोसा नहीं है. उसने बताया कि उसका पूरा परिवार इस संकट की घड़ी में उसके साथ खड़ा रहा. जिसकी वजह से उसे काफी हिम्मत मिली और वह इलाज करवाने में सफल रहा.
मां ने दी किडनी: युवक विक्की शर्मा ने बताया कि उसकी मां ने उसे अपनी किडनी देने का फैसला किया. जिसके बाद वो भैलोर के सीएमसी क्रिश्चन मेडिकल कॉलेज में भर्ती हो गए. लगभग 8 महीने डायलिसिस में रहकर इलाज कराते रहे. लगभग सभी जगहों से एनओसी मिलने के बाद 19 दिसंबर 2019 को मां की किडनी ट्रांसप्लांट की गई. जिसके बाद वो स्वस्थ हैं.
10 लाख रुपये से अधिक हुआ खर्च: विक्की के मुताबिक किडनी ट्रांसप्लांट की पूरी प्रक्रिया में लगभग दस लाख से अधिक की राशि खर्च हो गई. उसने बताया कि इस विकट घड़ी में राजमहल सांसद विजय हांसदा की मदद मुख्यमंत्री फंड से 2.50 लाख और पीएम केयर फंड से तीन लाख का राशि मिली. उसके अतिरिक्त किसी तरह सगे संबंधियों से पैसे मांगकर किसी तरह इलाज कराया गया. युवक विक्की ने बताया मां कमला देवी ने मुझे किडनी दान कर पुन: जीवन दिया है. इनके ममता के तले हमेशा झुक कर सेवा करता रहूंगा. हर बेटे को ऐसी मां मिले. मां बिल्कुल स्वस्थ्य है पिता और परिजन का भरपुर सहयोग मिला.