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साहिबगंज: धान अधिप्राप्ति में जिला अपने लक्ष्य से काफी पीछे, जागरूकता की कमी बनी बड़ी वजह

साहिबगंज में किसानों के बीच जागरुकता का अभाव है, जिससे धान अधिप्राप्ति के लक्ष्य से काफी पीछे हैं. बता दें कि सभी प्रखंड में लेम्प्स खोले गए हैं, जिससे किसान अपनी धान को नजदीकी लेम्प्स तक पहुंचा पाएं.

lack of awareness among farmers in Sahibganj
धान
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Published : Feb 6, 2020, 12:50 PM IST

साहिबगंज: धान अधिप्राप्ति में लक्ष्य से जिला काफी पीछे है. जिला के सभी प्रखंड में लेम्प्स खोले गए हैं ताकि किसान अपनी धान को लेकर नजदीकी लेम्प्स तक पहुंचे. जहां और समर्थन मूल्य और बोनस के साथ डीबीटी के माध्यम से दो हजार रुपये राशि प्राप्त करें, लेकिन किसानों के बीच जागरूकता की कमी के कारण अपना लक्ष्य पूरा नहीं कर पा रहे हैं.

देखें पूरी खबर

बता दें कि अभी तक जिला में पांच क्विंटल धान का क्रय हुआ है जबकि लक्ष्य 30,000 क्विंटल का है. अपने लक्ष्य तक नहीं पहुंचने का बड़ा कारण है कि सभी किसान लेम्प्स में ध्यान नहीं दे रहे हैं. रजिस्ट्रर्ड किसान ही धान लेम्प्स में बेच सकते हैं. दूसरा बिचौलिये खेत में नगद राशि देकर सभी किसान से धान खरीद लेते हैं, यही वजह है कि सरकार के लक्ष्य से साहिगंज काफी पीछे है.

ये भी देखें- अपराधियों ने 5 सौ रुपये नहीं देने पर युवक को मारी गोली, घायल युवक का रिम्स में इलाज जारी

किसानों का कहना है कि लेम्प्स में धान बेचने से एक सप्ताह के अंदर खाता में पैसा आ जाता है, लेकिन बहुत सारे किसानों का अभी तक रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ है. किसान जागरूक नहीं हैं, जिससे लेम्प्स खाली रहता है. जिला आपूर्ति अधिकारी ने कहा कि बिचौलियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा. दूसरी बात धान में अभी मॉइस्चर है, 15 फरवरी के बाद धान लेम्प्स तक आना चालू हो जाएगा. उन्होंने किसानों से अपील की है कि बिचौलियों के बहकावे में नहीं आए और अपना पूरा धान लेम्प्स तक पहुंचाएं. सरकार आपके खातों में पूरा पैसा डीबीटी के माध्यम से देगी.

साहिबगंज: धान अधिप्राप्ति में लक्ष्य से जिला काफी पीछे है. जिला के सभी प्रखंड में लेम्प्स खोले गए हैं ताकि किसान अपनी धान को लेकर नजदीकी लेम्प्स तक पहुंचे. जहां और समर्थन मूल्य और बोनस के साथ डीबीटी के माध्यम से दो हजार रुपये राशि प्राप्त करें, लेकिन किसानों के बीच जागरूकता की कमी के कारण अपना लक्ष्य पूरा नहीं कर पा रहे हैं.

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बता दें कि अभी तक जिला में पांच क्विंटल धान का क्रय हुआ है जबकि लक्ष्य 30,000 क्विंटल का है. अपने लक्ष्य तक नहीं पहुंचने का बड़ा कारण है कि सभी किसान लेम्प्स में ध्यान नहीं दे रहे हैं. रजिस्ट्रर्ड किसान ही धान लेम्प्स में बेच सकते हैं. दूसरा बिचौलिये खेत में नगद राशि देकर सभी किसान से धान खरीद लेते हैं, यही वजह है कि सरकार के लक्ष्य से साहिगंज काफी पीछे है.

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किसानों का कहना है कि लेम्प्स में धान बेचने से एक सप्ताह के अंदर खाता में पैसा आ जाता है, लेकिन बहुत सारे किसानों का अभी तक रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ है. किसान जागरूक नहीं हैं, जिससे लेम्प्स खाली रहता है. जिला आपूर्ति अधिकारी ने कहा कि बिचौलियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा. दूसरी बात धान में अभी मॉइस्चर है, 15 फरवरी के बाद धान लेम्प्स तक आना चालू हो जाएगा. उन्होंने किसानों से अपील की है कि बिचौलियों के बहकावे में नहीं आए और अपना पूरा धान लेम्प्स तक पहुंचाएं. सरकार आपके खातों में पूरा पैसा डीबीटी के माध्यम से देगी.

Intro:धान अधिप्राप्ति में साहिबगंज अपने लक्ष्य से काफी पीछे। आज भी बिचौलिया हावी,जिला प्रशासन का दावा जल्द लक्ष्य तक पहुचेंगे।
बिचौलिया आज भी हावी है। बिचौलिया खेत में ही कुछ कम नगद राशि देकर किसान से धान क्रय कर लेता है और सरकारी प्रक्रिया में किसान को एक सप्ताह से पंद्रह दिन तक खाता में राशि आने में समय लगता है यही वजह है किसान नगद राशि में ज्यादा यकीन करते हैं और सरकारी प्रकिर्या में किसान धान को लेम्प्स तज नहीं लेकर पहुंचते हैं।


Body:धान अधिप्राप्ति में साहिबगंज अपने लक्ष्य से काफी पीछे। आज भी बिचौलिया हावी,जिला प्रशासन का दावा जल्द लक्ष्य तक पहुचेंगे।
स्टोरी-साहिबगंज-- धान अधिप्राप्ति के लक्ष्य से जिला काफी पीछे हैं जिला के सभी प्रखंड में लेम्प्स खोले गए हैं ताकि किसान अपनी धान को लेकर नजदीकी लेम्प्स तक पहुंचे और समर्थन मूल्य और बोनस के साथ बीटीटी के माध्यम से दो हजार रुपये राशि प्राप्त कर सकते है।
अभी तक जिला में पांच क्विंटल है धान का क्रय हुआ है जबकि लक्ष्य 30,000 कुंतल का है किसान इस्लाम तक नहीं पहुंचने का बड़ी वजह यह है कि सभी किसान लंच में ध्यान नहीं दे सकते हैं रजिस्ट्रेशन युक्त किसान ही धान लफ्ज़ में बेच सकते हैं दूसरा बिचौलिया खेत में नगद राशि देकर संविधान किसान से खरीद लेता है यही वजह है कि सरकार का लक्ष्य से साहेबगंज काफी पीछे है।
किसान का कहना है कि लेम्प्स में धान बेचने से एक सप्ताह के अंदर खाता में पैसा आ जाता है लेकिन बहुत सारा किसान आ रजिस्ट्रेशन नही हुआ है यही वजह है किसान लैंप्स तक नहीं ला पाते हैं बहुत सर किसान जागरूक नहीं है जिससे लेम्प्स खाली रहता है ।
बाइट--रविंद यादव,किसान
बाइट-2-- पुरुषोत्तम कुमार,लेम्प्स वर्कर
जिला आपूर्ति अधिकारी ने कहा कि बिचौलिया को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। दूसरी बात धान अभी मॉइस्चर है 15 फरवरी के बाद धान लेम्प्स तक आना चालू हो जाएगा। आशा है धीरे-धीरे हम अपने लक्ष्य को पूरा कर लेंगे। किसानों से अपील है कि बिचौलिया के बहकावे में नहीं आए और अपना पूरा धान लेम्प्स तक पहुंचाएं ताकि सरकार आप के खातों में पूरी पैसा डीबीटी के माध्यम से दे सके।
बाइट-- बांका राम,डीएसओ,साहिबगंज


Conclusion:निश्चित रूप से किसान के बीच जागरुकता का अभाव है यदि किसान जागरूक हो जाए तो शत प्रतिशत किसान अपना रजिस्ट्रेशन करा लेंगे और समर्थन मूल्य से अधिक सरकार द्वारा दिए गए बोनस के साथ अपना कमाई कर सकते हैं ।
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