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अंतरराज्यीय फेरी सेवा 7 महीने से बंद, जान हथेली पर लेकर गंगा पार कर रहे लोग - साहिबगंज में गंगा का जलस्तर

राजमहल और मानिकचक (बंगाल) के बीच चलने वाली अंतरराज्यीय फेरी सेवा (Interstate Ferry Service) पिछले 7 महीने से बंद रहने से गंगा पार जाने वाले यात्रियों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. गंगा का जलस्तर बढ़ने से यात्रियों की भी मुसीबत बढ़ गई है.

Interstate ferry service closed for 7 months in sahibganj
साहिबगंज: गंगा पार जाने वाले यात्रियों को परेशानी, अंतर्राज्यीय फेरी सेवा 7 महीने से बंद
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Published : Jul 17, 2021, 4:43 PM IST

साहिबगंज: राजमहल और मानिकचक (बंगाल) के बीच चलने वाली अंतरराज्यीय फेरी सेवा पिछले 7 महीने से बंद रहने से गंगा पार जाने वाले यात्री परेशान हैं. गंगा पार जाने के लिए यहां से लोगों को यंत्र चालित नाव के सहारा लेना पड़ रहा है. गंगा का जलस्तर इन दिनों बढ़ रहा है. ऐसे में गंगा के तेज बहाव में नाव पर जरूरत से ज्यादा यात्रियों की सवारी कर ले जाया जा रहा है.

देखें पूरी खबर

इसे भी पढ़ें- साहिबगंजः 5 महीने से बंद है फेरी सेवा, जान जोखिम में डालकर लोग पार कर रहे गंगा


बताते चलें कि यहां हर दिन साहिबगंज मनिहारी के बीच गंगा के रास्ते लगभग 300 से अधिक यात्री गंगा पार करते हैं. गंगा नदी का जलस्तर बढ़ा हुआ है. पानी में ज्यादा बहाव है. जानकार बताते हैं कि नदी के तेज बहाव में जहाज ही चलने में सक्षम है, यंत्र चालित नाव में अधिक बैलेंस नहीं रहता है. ये किसी भी लिहाज से यात्रियों को लेकर जाने में सुरक्षित नहीं है.

Interstate ferry service closed for 7 months in sahibganj
गंगा नदी का जलस्तर बढ़ने से यात्रियों को परेशानी

क्या कहते हैं यात्री
गंगा पार कर रहे हैं यात्रियों का कहना है कि कई बार बीच मझधार में नाव पहुंचती है और तेज हवा से नाव डगमगाने लगती है. नाव के अंदर पानी जाने लगता है. ऐसी परिस्थिति में सांस अटक जाती है. डर के मारे लोग नाव पर ही बैठे-बैठे भगवान का नाम लेने लगते हैं. बड़ी मुश्किल से धीरे-धीरे नाव दूसरे छोर पर लगती है, तो जान में जान आती है. लोगों की मांग है कि जिला प्रशासन को चाहिए कि फेरी सेवा चालू करे या नाव को सीज कर संख्या अधिक बढ़ाए, ताकि कम लोग सवार होकर गंगा नदी पार कर सके.

सभी अधिकारियों को निर्देश

अपर समाहर्ता ने बताया कि अंतरराज्य फेरी सेवा राजमहल और मानिकचक के बीच फिलहाल रोक लगी हुई है. हाई कोर्ट का मामला है. फिलहाल राज्य सरकार को पत्र लिखकर दिशा निर्देश मांगा गया है कि कोई वैकल्पिक व्यवस्था की जाए. सभी सीओ, वीडियो को निर्देश दिए गए हैं कि संभावित बाढ़ को देखते हुए अपने-अपने क्षेत्रों की रिपोर्ट दें ताकि लोगों को सुविधा के लिए जरूरत की चीजें दी जा सके.

मामला न्यायालय में होने के चलते इतने दिनों से फेरी सेवा बंद है. अधिकांश नाव चालक अधिक यात्री बैठाकर नाव चलाता है. कोरोना गाइडलाइन का विधिवत पालन नहीं किया जा रहा है. सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क का प्रोटोकॉल शायद ही कोई यात्री फॉलो करता है. व्यवसाय और स्वास्थ्य जांच के लिए क्षेत्र की एक बड़ी आबादी मालदा पर निर्भर है. फेरी सेवा बंद होने के कारण ऐसे लोगों को सफर करने में परेशानी हो रही है. राजमल फेरी घाट क्षेत्र वासियों के लिए लाइफ लाइन है. नाव की यात्रा जान हथेली पर रखकर लोग मजबूरन कर रहे हैं. केंद्रीय जल आयोग के मुताबिक गंगा का जलस्तर 6 बजे तक 25.40 मीटर तक पहुंची है, जबकि वॉर्निंग लेवल 26.25 मीटर है. वहीं खतरे का निशान 27.25 मीटर है.

साहिबगंज: राजमहल और मानिकचक (बंगाल) के बीच चलने वाली अंतरराज्यीय फेरी सेवा पिछले 7 महीने से बंद रहने से गंगा पार जाने वाले यात्री परेशान हैं. गंगा पार जाने के लिए यहां से लोगों को यंत्र चालित नाव के सहारा लेना पड़ रहा है. गंगा का जलस्तर इन दिनों बढ़ रहा है. ऐसे में गंगा के तेज बहाव में नाव पर जरूरत से ज्यादा यात्रियों की सवारी कर ले जाया जा रहा है.

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बताते चलें कि यहां हर दिन साहिबगंज मनिहारी के बीच गंगा के रास्ते लगभग 300 से अधिक यात्री गंगा पार करते हैं. गंगा नदी का जलस्तर बढ़ा हुआ है. पानी में ज्यादा बहाव है. जानकार बताते हैं कि नदी के तेज बहाव में जहाज ही चलने में सक्षम है, यंत्र चालित नाव में अधिक बैलेंस नहीं रहता है. ये किसी भी लिहाज से यात्रियों को लेकर जाने में सुरक्षित नहीं है.

Interstate ferry service closed for 7 months in sahibganj
गंगा नदी का जलस्तर बढ़ने से यात्रियों को परेशानी

क्या कहते हैं यात्री
गंगा पार कर रहे हैं यात्रियों का कहना है कि कई बार बीच मझधार में नाव पहुंचती है और तेज हवा से नाव डगमगाने लगती है. नाव के अंदर पानी जाने लगता है. ऐसी परिस्थिति में सांस अटक जाती है. डर के मारे लोग नाव पर ही बैठे-बैठे भगवान का नाम लेने लगते हैं. बड़ी मुश्किल से धीरे-धीरे नाव दूसरे छोर पर लगती है, तो जान में जान आती है. लोगों की मांग है कि जिला प्रशासन को चाहिए कि फेरी सेवा चालू करे या नाव को सीज कर संख्या अधिक बढ़ाए, ताकि कम लोग सवार होकर गंगा नदी पार कर सके.

सभी अधिकारियों को निर्देश

अपर समाहर्ता ने बताया कि अंतरराज्य फेरी सेवा राजमहल और मानिकचक के बीच फिलहाल रोक लगी हुई है. हाई कोर्ट का मामला है. फिलहाल राज्य सरकार को पत्र लिखकर दिशा निर्देश मांगा गया है कि कोई वैकल्पिक व्यवस्था की जाए. सभी सीओ, वीडियो को निर्देश दिए गए हैं कि संभावित बाढ़ को देखते हुए अपने-अपने क्षेत्रों की रिपोर्ट दें ताकि लोगों को सुविधा के लिए जरूरत की चीजें दी जा सके.

मामला न्यायालय में होने के चलते इतने दिनों से फेरी सेवा बंद है. अधिकांश नाव चालक अधिक यात्री बैठाकर नाव चलाता है. कोरोना गाइडलाइन का विधिवत पालन नहीं किया जा रहा है. सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क का प्रोटोकॉल शायद ही कोई यात्री फॉलो करता है. व्यवसाय और स्वास्थ्य जांच के लिए क्षेत्र की एक बड़ी आबादी मालदा पर निर्भर है. फेरी सेवा बंद होने के कारण ऐसे लोगों को सफर करने में परेशानी हो रही है. राजमल फेरी घाट क्षेत्र वासियों के लिए लाइफ लाइन है. नाव की यात्रा जान हथेली पर रखकर लोग मजबूरन कर रहे हैं. केंद्रीय जल आयोग के मुताबिक गंगा का जलस्तर 6 बजे तक 25.40 मीटर तक पहुंची है, जबकि वॉर्निंग लेवल 26.25 मीटर है. वहीं खतरे का निशान 27.25 मीटर है.

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