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साहिबगंज जहाज हादसाः 36 घंटा बाद भी गंगा नदी से नहीं निकाला जा सका हाइवा और चालक का शव

साहिबगंज गंगा नदी में मालवाहक जहाज हादसे के बाद से लापता हाइवा और ड्राइवर अब तक नहीं मिले (Hiva and Driver Missing in Cargo Ship Case) है. गोताखोर उन्हें लगातार ढूंढने की कोशिश कर रहे हैं.

Sahibganj cargo ship case
हाइवा और चालक की तलाश में लगे गोताखोर
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Published : Jan 1, 2023, 9:20 AM IST

गंगा नदी में लापता हाइवा और ड्राइवर की खोज

साहिबगंज : 36 घंटा बीतने के बाद भी गंगा नदी से हाइवा और चालक को बाहर नहीं निकाला (Hiva and Driver Missing in Cargo Ship Case) जा सका है. खोजबीन शनिवार दोपहर 12 बजे से शुरु हुई और शाम पांच बजे तक जारी रही. कोलकाता से पहुंचे चार गोताखोर और डीबीएल कंपनी के एक गोताखोर स्टाफ ने मिलकर प्रयास किया. लेकिन गंगा नदी में गहराई अधिक होने से सफलता नहीं मिली.

यह भी पढ़ें: गंगा नदी में पलटी डीबीएल कंपनी की मालवाहक जहाज, लोडेड ट्रक और ड्राइवर के डूबने की आशंका

बारी- बारी से गोताखोर ऑक्सीजन मास्क और स्पॉट के सहारे गंगा के अंदर जा रहे थे और कुछ समय के बाद बाहर आ जाते थे. गंगा नदी का पानी काफी ठंडा था, इसलिए पानी में काम करना थोड़ा मुश्किल हो रहा था. उधर धनबाद से पहुंचे आजसू नेता और परिजन इस हादसे से नाराज थे. लोगों ने डीबीएल कंपनी के प्रबंधक, एसडीओ, डीटीओ, मुफस्सिल थाना प्रभारी से शव को जल्द से जल्द निकालने का अनुरोध किया.

गौरतलब है कि साहिबगंज- मनिहारी के बीच गंगा नदी में मालवाहक जहाज पर सवार कुछ हाइवा गंगा नदीं में समा गए. यह मालवाहक जहाज गंगा पुल निर्माण करा रही दिलीप बिल्डकॉन लिमिटेड (डीबीएल) की एमवी इंफ्रालिंक वन थी. यह घटना महादेवगंज स्थित शोभनपुर डीबीएल कंपनी के कास्टिंग यार्ड वन पर सुबह 7:15 बजे की बताई गई. सभी हाइवा गिट्टी लेकर गंगा के उस पार मनिहारी साइट पर जा रहे थे. जहां गंगा नदी पर पुल बन रहा है. अचानक हाइवा लोड के दौरान हादसा हो गया. जब सुबह डे शिफ्ट का ड्राइवर पहुंचा तो देखा घटना हो गई. इस जहाज में दस हाइवा को लोड करने की क्षमता थी. शुक्रवार की शाम तक जहाज पर पलटे हाइवा को सीधा कर बाहर निकालने का काम किया गया. शेष गोताखोर नहीं रहने से पानी के अंदर हाइवा को नहीं निकाला जा सका था.

एक नाराज ड्राइवर ने कहा कि यह हादसा डीबीएल कंपनी की एक बहुत बड़ी लापरवाही की वजह से हुआ है. यदि पहले से जहाज को दुरुस्त कर लिया जाता तो यह हादसा नहीं होता. नदी में अगर अच्छी तरह से जांच की जाए तो कई लोगों का शव बाहर निकल सकता है.


उपायुक्त रामनिवास यादव ने अपर समाहर्ता विनय कुमार मिश्र के नेतृत्व में 5 सदस्य कमेटी का गठन किया है. डीसी ने जहाज के फिटनेस की जांच के लिए झारखंड के मुख्य सर्वेयर को भी पत्र लिखा है. उपायुक्त ने जहाज के परिचालन पर रोक लगा दी है. कंपनी को दूसरे जहाज से माल ढोने का आदेश दिया है. बनी कमेटी में अपर समाहर्ता के अलावा सदर एसडीओ राहुल, आनंद, डीटीओ संतोष कुमार गर्ग, डीएमओ विभूति कुमार और एसडीपीओ राजेंद्र दुबे शामिल हैं. उपायुक्त ने हादसे की वजह से हुए नुकसान आदि का आंकलन कर शीघ्र विस्तृत रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है.

गंगा नदी में लापता हाइवा और ड्राइवर की खोज

साहिबगंज : 36 घंटा बीतने के बाद भी गंगा नदी से हाइवा और चालक को बाहर नहीं निकाला (Hiva and Driver Missing in Cargo Ship Case) जा सका है. खोजबीन शनिवार दोपहर 12 बजे से शुरु हुई और शाम पांच बजे तक जारी रही. कोलकाता से पहुंचे चार गोताखोर और डीबीएल कंपनी के एक गोताखोर स्टाफ ने मिलकर प्रयास किया. लेकिन गंगा नदी में गहराई अधिक होने से सफलता नहीं मिली.

यह भी पढ़ें: गंगा नदी में पलटी डीबीएल कंपनी की मालवाहक जहाज, लोडेड ट्रक और ड्राइवर के डूबने की आशंका

बारी- बारी से गोताखोर ऑक्सीजन मास्क और स्पॉट के सहारे गंगा के अंदर जा रहे थे और कुछ समय के बाद बाहर आ जाते थे. गंगा नदी का पानी काफी ठंडा था, इसलिए पानी में काम करना थोड़ा मुश्किल हो रहा था. उधर धनबाद से पहुंचे आजसू नेता और परिजन इस हादसे से नाराज थे. लोगों ने डीबीएल कंपनी के प्रबंधक, एसडीओ, डीटीओ, मुफस्सिल थाना प्रभारी से शव को जल्द से जल्द निकालने का अनुरोध किया.

गौरतलब है कि साहिबगंज- मनिहारी के बीच गंगा नदी में मालवाहक जहाज पर सवार कुछ हाइवा गंगा नदीं में समा गए. यह मालवाहक जहाज गंगा पुल निर्माण करा रही दिलीप बिल्डकॉन लिमिटेड (डीबीएल) की एमवी इंफ्रालिंक वन थी. यह घटना महादेवगंज स्थित शोभनपुर डीबीएल कंपनी के कास्टिंग यार्ड वन पर सुबह 7:15 बजे की बताई गई. सभी हाइवा गिट्टी लेकर गंगा के उस पार मनिहारी साइट पर जा रहे थे. जहां गंगा नदी पर पुल बन रहा है. अचानक हाइवा लोड के दौरान हादसा हो गया. जब सुबह डे शिफ्ट का ड्राइवर पहुंचा तो देखा घटना हो गई. इस जहाज में दस हाइवा को लोड करने की क्षमता थी. शुक्रवार की शाम तक जहाज पर पलटे हाइवा को सीधा कर बाहर निकालने का काम किया गया. शेष गोताखोर नहीं रहने से पानी के अंदर हाइवा को नहीं निकाला जा सका था.

एक नाराज ड्राइवर ने कहा कि यह हादसा डीबीएल कंपनी की एक बहुत बड़ी लापरवाही की वजह से हुआ है. यदि पहले से जहाज को दुरुस्त कर लिया जाता तो यह हादसा नहीं होता. नदी में अगर अच्छी तरह से जांच की जाए तो कई लोगों का शव बाहर निकल सकता है.


उपायुक्त रामनिवास यादव ने अपर समाहर्ता विनय कुमार मिश्र के नेतृत्व में 5 सदस्य कमेटी का गठन किया है. डीसी ने जहाज के फिटनेस की जांच के लिए झारखंड के मुख्य सर्वेयर को भी पत्र लिखा है. उपायुक्त ने जहाज के परिचालन पर रोक लगा दी है. कंपनी को दूसरे जहाज से माल ढोने का आदेश दिया है. बनी कमेटी में अपर समाहर्ता के अलावा सदर एसडीओ राहुल, आनंद, डीटीओ संतोष कुमार गर्ग, डीएमओ विभूति कुमार और एसडीपीओ राजेंद्र दुबे शामिल हैं. उपायुक्त ने हादसे की वजह से हुए नुकसान आदि का आंकलन कर शीघ्र विस्तृत रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है.

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