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सावन के महीने में हरी चूड़ी का खास महत्व है, इस बार बिक्री नहीं होने से दुकानदार निराश - साहिबगंज में हरी चूड़ियों की दुकान

सावन में भोले नाथ की पूजा के साथ हरे रंग का खास महत्व है. सावन महीने में महिलाएं हरे रंग की चूड़ी और साड़ी पहनती है. माना जाता है कि भगवान शिव को हरा रंग बेहद पसंद है. इसलिए महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए हरे रंग के वस्त्र के साथ हरी चूड़ी पहनती है. जिससे सावन महीने में दुकानदारों को भी लाभ मिलता है, लेकिन लॉकडाउन के कारण दुकानदारों को काफी नुकसान हुआ है.

Green bangle, हरी चूड़ी का खास महत्व
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Published : Jul 13, 2020, 5:11 PM IST

साहिबगंजः सावन के महीने में हरी चूड़ी का खास महत्व होता है. सुहागिन महिलाओं का कहना है सावन के महीने में हरी चूड़ी पहनने से महादेव भोले शंकर प्रसन्न होते है और उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है. इसके साथ ही पति की लंबी आयु का आशिर्वाद मिलता है. ऐसा मानना है कि हरी चूड़ी पहनने से पति का प्यार मिलाना भी स्वभाविक है और आचरण में बदलाव देखने को मिलता है, लेकिन लॉकडाउन की वजह से महिलाओं के साथ चूड़ी दुकानदार काफी निराश है.

देखें स्पेशल स्टोरी

पुरोहितों का कहना है कि माता पार्वती भोले शंकर को अपने पति के रूप में पाने के लिए हजारों वर्ष पर्वत पर तपस्या की थी. हरी-हरी साग और पानी पीकर तप करने से भोले शंकर को खुश कर उन्हें पति के रूप में पाया था, इसलिए भोले शंकर हरी-हरी वस्तुवों पर अधिक खुश रहते है. इसलिए सावन के महीने में सुहागिन अपनी पति की लंबी आयु की कामना के लिए हरी-हरी चूड़ी पहनना पसंद करती है.

ये भी पढ़ें- चुनौतियों के बाद भी बढ़ती गई RU की 'चमक', जानिए रांची विश्वविद्यालय के 60 साल का सुहाना सफर

लॉकडाउन की मार से कोई अछूता नहीं है. दुकानदारों कहना है कि पिछले साल की अपेक्षा इस बार सावन में हरी चूड़ी कोई खरीदने नहीं आ रहा है. दिन भर समय बिताकर घर चले जाते है. दिन भर में दो चार ग्राहक ही चूड़ी खरीदने आते है. वहीं एस बार फिरोजाबाद से चूड़ी नहीं आ रही है, जो कुछ चूड़ियां बची है वह भी चूड़ी बिक नहीं पा रही है. दुकानदारों का कहना है कि पिछले साल सावन में हरी चूड़ियां खूब बिकी थी. लोग दस-दस पैकेट चूड़ी खरीदते थे दूसरे को गिफ्ट के तौर पर देते थे, लेकिन इस बार एक या दो पॉकेट खरीदकर काम चला रहा है. जिससे चूड़ी दुकानदारों की स्थिति बेहद खराब है. उपायुक्त ने कहा कि लॉकडाउन में जिला प्रशासन ने आसान तरीके से बैंक से लोन मुहैया कराने की पहल की है, जिससे वैसे जरूरतमंदों को लोन लेने में सहूलियत मिलेगी और उनकी समस्या का समाधान हो सकेगा.

बता दें कि लॉकडाउन में खासकर मजदूर वर्ग पर काफी असर पड़ा है. दो महीने घर में कैद होने से घर में रखा सारा पूंजी खत्म हो चुका है. अनलॉक वन में दुकान खुला तो ग्राहक नहीं पहुंच रहे है. वहीं जिला प्रशासन की यह पहल काफी सरहनीय है. इससे लोगों को कुछ राहत मिली है.

साहिबगंजः सावन के महीने में हरी चूड़ी का खास महत्व होता है. सुहागिन महिलाओं का कहना है सावन के महीने में हरी चूड़ी पहनने से महादेव भोले शंकर प्रसन्न होते है और उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है. इसके साथ ही पति की लंबी आयु का आशिर्वाद मिलता है. ऐसा मानना है कि हरी चूड़ी पहनने से पति का प्यार मिलाना भी स्वभाविक है और आचरण में बदलाव देखने को मिलता है, लेकिन लॉकडाउन की वजह से महिलाओं के साथ चूड़ी दुकानदार काफी निराश है.

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पुरोहितों का कहना है कि माता पार्वती भोले शंकर को अपने पति के रूप में पाने के लिए हजारों वर्ष पर्वत पर तपस्या की थी. हरी-हरी साग और पानी पीकर तप करने से भोले शंकर को खुश कर उन्हें पति के रूप में पाया था, इसलिए भोले शंकर हरी-हरी वस्तुवों पर अधिक खुश रहते है. इसलिए सावन के महीने में सुहागिन अपनी पति की लंबी आयु की कामना के लिए हरी-हरी चूड़ी पहनना पसंद करती है.

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लॉकडाउन की मार से कोई अछूता नहीं है. दुकानदारों कहना है कि पिछले साल की अपेक्षा इस बार सावन में हरी चूड़ी कोई खरीदने नहीं आ रहा है. दिन भर समय बिताकर घर चले जाते है. दिन भर में दो चार ग्राहक ही चूड़ी खरीदने आते है. वहीं एस बार फिरोजाबाद से चूड़ी नहीं आ रही है, जो कुछ चूड़ियां बची है वह भी चूड़ी बिक नहीं पा रही है. दुकानदारों का कहना है कि पिछले साल सावन में हरी चूड़ियां खूब बिकी थी. लोग दस-दस पैकेट चूड़ी खरीदते थे दूसरे को गिफ्ट के तौर पर देते थे, लेकिन इस बार एक या दो पॉकेट खरीदकर काम चला रहा है. जिससे चूड़ी दुकानदारों की स्थिति बेहद खराब है. उपायुक्त ने कहा कि लॉकडाउन में जिला प्रशासन ने आसान तरीके से बैंक से लोन मुहैया कराने की पहल की है, जिससे वैसे जरूरतमंदों को लोन लेने में सहूलियत मिलेगी और उनकी समस्या का समाधान हो सकेगा.

बता दें कि लॉकडाउन में खासकर मजदूर वर्ग पर काफी असर पड़ा है. दो महीने घर में कैद होने से घर में रखा सारा पूंजी खत्म हो चुका है. अनलॉक वन में दुकान खुला तो ग्राहक नहीं पहुंच रहे है. वहीं जिला प्रशासन की यह पहल काफी सरहनीय है. इससे लोगों को कुछ राहत मिली है.

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