साहिबगंजः जिला में गंगा नदी में आई बाढ़ का सितम जारी है. नदी से सटे इलाकों में कई घर नदी में समा चुके हैं. बीती रात भी एक सरकारी स्कूल और तीन टोला के कई मकान नदी में समा गए. इसको लेकर प्रशासन की और से राहत और बचाव कार्य किया जा रहा है.
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मानसून में लगातार बारिश से हर साल गंगा नदी के जलस्तर में इजाफा होने से बाढ़ का खतरा बना रहता है. इसके साथ ही नदी के आसपास के इलाके अक्सर पानी में डूब जाते हैं. शनिवार को गंगा नदी खतरे के निशान से 79 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है.
लेकिन बारिश के कम होने से पिछले दिनों के मुकाबले गंगा का जलस्तर कम हो रहा है. लेकिन नदी में पानी के उतरने से कटाव का खतरा ज्यादा रहता है. शुक्रवार देर रात राजमहल अनुमंडल क्षेत्र के अंतर्गत कई गांव में नदी का कटाव देखने को मिला. बीती रात उधवा प्रखंड के प्यारपुर पंचायत के एक मध्य विद्यालय गंगा के पानी में समा गया. साथ ही साथ इस गांव के तीन टोला के कई मकान पानी के कटाव की वजह से नदी में डूब गए.
इसकी सूचना मिलने के साथ ही उपायुक्त रामनिवास यादव और पुलिस कप्तान की ओर से प्रभावित गांव का दौरा किया गया. उपायुक्त ने ईटीवी भारत को बताया कि पिछले दिनों भी इस प्रखंड के जीतनगर गांव का एक स्कूल गंगा नदी में डूब गया था. नदी का जलस्तर घटने के साथ ही तेजी से कटाव भी शुरू हो जाता है. इसका असर भी शुक्रवार रात देखने को मिला, जिसमें दक्षिणी प्यारपुर गंव का एक मध्य विद्यालय और कई घर पानी में समा गए.
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डीसी ने गंगा कटाव प्रभावितों से अपील करते हुए कहा कि प्रभावित लोग अपने रिश्तेदार या आस-पड़ोस के यहां पनाह लेकर रह रहे हैं, उन सभी से आग्रह किया गया है कि वो राहत शिविर में चले जाएं, जिससे जिला प्रशासन की ओर से उन्हें तमाम सुविधाएं दी जा सके. उपायुक्त ने बताया कि पानी घटने के साथ ही सभी पीड़ितों को रहने के लिए आवास भी मुहैया कराया जाएगा. यह उस जगह बनाया जाएगा, जहां बाढ़ का पानी नहीं चढ़ता हो.