साहिबगंज: केंद्र सरकार ने बुजुर्गों को विशेष केयर और इलाज के लिए जेरिएट्रिक वार्ड (वृद्धावस्था वार्ड) की शुरुआत की है. अधिक उम्र होने के बाद बुजुर्ग को तरह-तरह की बीमारी से जूझना पड़ता है. इसको ध्यान में रखते हुए जिला सदर अस्पताल साहिबगंज के वार्निंग वार्ड में दस बेड का वार्ड बनाया जा रहा है, जिसमें 60 साल या इससे ऊपर के बुजुर्गों को भर्ती कर इलाज किया जाएगा. जेरिएट्रिक वार्ड को खोलने का एक ही मकसद है कि जेनरल वार्ड से हटाकर बुजुर्गों को अलग से विशेष सुविधाएं दी जा सके.
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एनसीडी के वित्तीय सलाहाकार अमित कुमार ने कहा एनसीडी का मतलब गैर संचारी रोग (Non Communicable Diseases NCD) यानी जो रोग एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को आमतौर पर सीधे रूप से प्रसारित नहीं होता है. मधुमेह, गुर्दे की पुरानी बीमारी, हृदय रोग, स्ट्रोक, अल्जाइमर रोग, मोतियाबिंद, कैंसर जैसे अन्य रोग गैर संचारी रोग के श्रेणी में आते हैं. ऐसे बुजुर्ग को इस जेरिएट्रिक वार्ड में रखकर इलाज किया जाएगा. इस वार्ड में आठ बेड सामान्य होगा और दो बेड कुछ हटकर यानी मशीन सहित कई यंत्र से लैस होंगे. इन बेडों पर हर वो सुविधा मिलेगी जो वेंटिलेटर जैसी होगी.
इस वार्ड में एक खुशनुमा माहौल बनाकर बुजुर्गों का इलाज किया जाएगा. वित्तीय सलाहाकार अमित कुमार ने बताया कि इस वृद्धा अवस्था वार्ड को चलाने के लिए एक कमेटी बनाई जाएगी ताकि यह वार्ड सुचारू रूप से चलाया जा सके. डीएस डॉ. मोहन पासवान ने कहा कि यह बुजुर्गों के लिए अच्छी योजना है. निश्चित रूप से बुजुर्गों को इलाज में बेहतर सुविधा मिलेगी. डॉक्टर और नर्स की कमी है लेकिन सरकार को इस संबंध में जानकारी दी जाएगी ताकि अतिरिक्त डॉक्टर को लाया जाए और बेहतर इलाज हो सके. फिलहाल वर्तमान डॉक्टर और नर्स के सहयोग से इस योजना को सुचारू रूप से चलाने का प्रयास किया जाएगा.