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पल्स पोलियो अभियानः एक तस्वीर, कई कहानी

हर तस्वीर कुछ कहती, हर तस्वीर की अपनी कहानी होती है. ईटीवी भारत एक ऐसी ही तस्वीर की दास्तां बताने जा रहा है. जो हर किसी से कुछ कहना चाहती है. आप भी इस तस्वीर को देखिए और समझिए.

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बर्तन में बच्चा
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Published : Sep 27, 2021, 4:13 PM IST

Updated : Oct 7, 2021, 2:44 PM IST

साहिबगंजः तस्वीर साहिबगंज जिले की है और यह पल्स पोलियो अभियान के दौरान की है. तस्वीर अनोखी नहीं, पर इसकी कहानी अनोखी है. ये तस्वीर एक साथ कई बातें कह रही हैं. ये फोटो सिस्टम पर चोट भी करती है और समाज के सामने एक नजीर भी पेश करती है.

इसे भी पढ़ें- पल्स पोलियो की एक तस्वीर पर डीसी ने लिया क्रेडिट, पोल खुली तो जताया खेद

साहिबगंज जिला में विशेष पल्स पोलियो अभियान चलाया जा रहा है. इसी क्रम में जिला के बाढ़ प्रभावित मंडरो प्रखंड के सिरसा गांव तक स्वास्थ्य विभाग की टीम पहुंची. गांव में एक पिता को अपने नवजात बच्चे का टीकाकरण कराना था. लेकिन समझ नहीं आ रहा था कि इस बरसात और उफनती नदी के बीच वो टीकाकरण केंद्र तक बच्चे को ले कैसे जाए. उसके बाद उस पिता ने अपने बच्चे के लिए जो किया, उसका जिक्र हमारे ग्रंथों में है.

जिस तरह वासुदेव नन्हें कृष्ण को टोकरी में रखकर यमुना नदी पार कर मथुरा से गोकुल पहुंचे थे. कुछ उसी तरह यह पिता अपने नवजात बच्चे को घर के बर्तन (डेगची) में रखकर उसे अपने सिर पर उठाकर बाढ़ से लड़ते हुए स्वास्थ्य केंद्र पहुंचा. ये दृष्य देखकर पूरा गांव दांतों तले उंगलियां दबाता रह गया. स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे पिता ने देखा कि अपने नवजात को इस बारिश और पानी में कहां रखे, तो उसने तय किया कि वो बर्तन में बच्चे को पल्स पोलियो की खुराक दिलवाएंगे. फिर स्वास्थ्यकर्मियों ने भी बर्तन में रखे नवजात को पोलियो ड्रॉप्स पिलाया. पिता के इस प्रेम और बच्चे के स्वास्थ्य को लेकर ऐसी चाहत को देखकर स्वास्थ्यकर्मियों ने काफी सराहना की.

स्वास्थ्य विभाग की टीम ने इस तस्वीर को अपने कैमरे कर लिया. कैमरे में कैद पल, वो वक्त मानो थम सा गया. कैमरे में ली गई तस्वीर कई कहानियां कह रही है. हर किसी से कुछ कह रही है. बर्तन में अबोध बच्चा पूरे समाज से, सिस्टम से कुछ कहना चाहता है. जब पोलियो अभियान की शुरुआत हुई थी तो कई तरह की भ्रांतियां लोगों में थीं, लोग अपने बच्चों को इस खुराक से दूर रख रहे थे. लेकिन सरकारी प्रयास और लोगों की समझ बढ़ी तो टीकाकरण भी बढ़ा.

इसे भी पढ़ें- मिसाल : बेटे ने माता-पिता की याद में स्थापित की मूर्ति

जिसका नतीजा रहा कि एक पिता अपने बच्चे बर्तन में रखकर बाढ़ में दूर गांव से सिर पर ढोकर पोलियो की खुराक दिलवाने लाया. एक पिता का प्यार, उसकी लगन इस तस्वीर में झलक रही है. दूसरी तरफ बर्तन, बाढ़ सिस्टम पर चोट करती है, जो ये बता रही है कि अगर तमाम व्यवस्थाएं ठीक रहती, सारे काम सही से होते तो इस नवजात को ये दिन ना देखना पड़ता. एक बाढ़ पीड़ित पिता के द्वारा अपने बच्चे को पोलियो की खुराक दिलाना एक मिसाल है.

संथाल परगना में साहिबगंज और पाकुड़ जिला में सिर्फ पल्स पोलियो अभियान चलाया जा रहा है. क्योंकि दोनों जिला पश्चिम बंगाल से जुड़ा हुआ है. इसलिए विश्व स्वास्थ संगठन की तरफ से पल्स पोलियो अभियान समय-समय पर चलता रहता है. तीन दिवसीय पल्स पोलियो अभियान की शुरुआत 26 सितंबर को साहिबगंज उपायुक्त ने दीप प्रज्ज्वलित कर की थी, जो 28 सितंबर तक चलेगा.

पूरी कहानी निकली झूठी, डीसी ने जताया खेद

साहिबगंज के डीसी ने इस तस्वीर को ट्वीट किया था. गलत तस्वीर शेयर होने की जानकारी मिलने के बाद डीसी रामनिवास यादव ने खेद जताया और ट्वीट को डिलीट कर दिया. इस मुद्दे पर डीसी रामनिवास यादव ने ईटीवी भारत की टीम को फोन पर बताया कि उन्हें तस्वीर के बारे में दूसरे दिन पता चला. उन्हें जानकारी मिली कि वह तस्वीर पश्चिम बंगाल की है. इसके बाद उन्होंने ट्वीट हटा लिया. इसके साथ ही डॉक्टर अमित को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है.

साहिबगंजः तस्वीर साहिबगंज जिले की है और यह पल्स पोलियो अभियान के दौरान की है. तस्वीर अनोखी नहीं, पर इसकी कहानी अनोखी है. ये तस्वीर एक साथ कई बातें कह रही हैं. ये फोटो सिस्टम पर चोट भी करती है और समाज के सामने एक नजीर भी पेश करती है.

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साहिबगंज जिला में विशेष पल्स पोलियो अभियान चलाया जा रहा है. इसी क्रम में जिला के बाढ़ प्रभावित मंडरो प्रखंड के सिरसा गांव तक स्वास्थ्य विभाग की टीम पहुंची. गांव में एक पिता को अपने नवजात बच्चे का टीकाकरण कराना था. लेकिन समझ नहीं आ रहा था कि इस बरसात और उफनती नदी के बीच वो टीकाकरण केंद्र तक बच्चे को ले कैसे जाए. उसके बाद उस पिता ने अपने बच्चे के लिए जो किया, उसका जिक्र हमारे ग्रंथों में है.

जिस तरह वासुदेव नन्हें कृष्ण को टोकरी में रखकर यमुना नदी पार कर मथुरा से गोकुल पहुंचे थे. कुछ उसी तरह यह पिता अपने नवजात बच्चे को घर के बर्तन (डेगची) में रखकर उसे अपने सिर पर उठाकर बाढ़ से लड़ते हुए स्वास्थ्य केंद्र पहुंचा. ये दृष्य देखकर पूरा गांव दांतों तले उंगलियां दबाता रह गया. स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे पिता ने देखा कि अपने नवजात को इस बारिश और पानी में कहां रखे, तो उसने तय किया कि वो बर्तन में बच्चे को पल्स पोलियो की खुराक दिलवाएंगे. फिर स्वास्थ्यकर्मियों ने भी बर्तन में रखे नवजात को पोलियो ड्रॉप्स पिलाया. पिता के इस प्रेम और बच्चे के स्वास्थ्य को लेकर ऐसी चाहत को देखकर स्वास्थ्यकर्मियों ने काफी सराहना की.

स्वास्थ्य विभाग की टीम ने इस तस्वीर को अपने कैमरे कर लिया. कैमरे में कैद पल, वो वक्त मानो थम सा गया. कैमरे में ली गई तस्वीर कई कहानियां कह रही है. हर किसी से कुछ कह रही है. बर्तन में अबोध बच्चा पूरे समाज से, सिस्टम से कुछ कहना चाहता है. जब पोलियो अभियान की शुरुआत हुई थी तो कई तरह की भ्रांतियां लोगों में थीं, लोग अपने बच्चों को इस खुराक से दूर रख रहे थे. लेकिन सरकारी प्रयास और लोगों की समझ बढ़ी तो टीकाकरण भी बढ़ा.

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जिसका नतीजा रहा कि एक पिता अपने बच्चे बर्तन में रखकर बाढ़ में दूर गांव से सिर पर ढोकर पोलियो की खुराक दिलवाने लाया. एक पिता का प्यार, उसकी लगन इस तस्वीर में झलक रही है. दूसरी तरफ बर्तन, बाढ़ सिस्टम पर चोट करती है, जो ये बता रही है कि अगर तमाम व्यवस्थाएं ठीक रहती, सारे काम सही से होते तो इस नवजात को ये दिन ना देखना पड़ता. एक बाढ़ पीड़ित पिता के द्वारा अपने बच्चे को पोलियो की खुराक दिलाना एक मिसाल है.

संथाल परगना में साहिबगंज और पाकुड़ जिला में सिर्फ पल्स पोलियो अभियान चलाया जा रहा है. क्योंकि दोनों जिला पश्चिम बंगाल से जुड़ा हुआ है. इसलिए विश्व स्वास्थ संगठन की तरफ से पल्स पोलियो अभियान समय-समय पर चलता रहता है. तीन दिवसीय पल्स पोलियो अभियान की शुरुआत 26 सितंबर को साहिबगंज उपायुक्त ने दीप प्रज्ज्वलित कर की थी, जो 28 सितंबर तक चलेगा.

पूरी कहानी निकली झूठी, डीसी ने जताया खेद

साहिबगंज के डीसी ने इस तस्वीर को ट्वीट किया था. गलत तस्वीर शेयर होने की जानकारी मिलने के बाद डीसी रामनिवास यादव ने खेद जताया और ट्वीट को डिलीट कर दिया. इस मुद्दे पर डीसी रामनिवास यादव ने ईटीवी भारत की टीम को फोन पर बताया कि उन्हें तस्वीर के बारे में दूसरे दिन पता चला. उन्हें जानकारी मिली कि वह तस्वीर पश्चिम बंगाल की है. इसके बाद उन्होंने ट्वीट हटा लिया. इसके साथ ही डॉक्टर अमित को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है.

Last Updated : Oct 7, 2021, 2:44 PM IST
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