साहिबगंज: जिले के किसानों की परेशानी थमने का नाम नहीं ले रही है. पिछले साल कम बारिश की वजह से धान की पैदावार ना के बराबर हुई थी और पूरा जिला सुखाड़ की चपेट में आ गया था. वहीं इस साल अच्छी बारिश हुई तो किसानों में आस जगी की धान की पैदावार ठीक होगी, लेकिन अचानक फसल में शीत ब्लाइट जैसे खतरनाक जीवाणु का प्रकोप फैल गया है. इस कारण धान के पौधे सूखने लगे हैं.
धान के पौधे खेत में ही सूखने लगेः बीमारी लगने के कारण धान के पौधे करीब एक हाथ ही बढ़ पाए हैं. इसके बाद धान के पौधे का ग्रोथ रुक गया है. साथ ही पौधे अब सूखने लगे हैं. जबकि अब पौधे में दाने आने लगे हैं. यह बीमारी वर्षों बाद पौधे में देखे जा रहे हैं. आम भाषा में इस बीमारी को बुढ़िया रोग कहा जाता है. धान के पौधे में यह बीमारी तालझारी और करमपुरा पंचायत के करीब 50 बीघा खेत में लगी खरीफ फसल में फैली है.
पौधे में बीमारी फैलने से किसान चिंतितः वहीं खरीफ फसल में बीमारी फैलने से किसान काफी चिंतित हैं. इस संबंध में मांझी हेंब्रम नामक किसान ने बताया कि धान के खेत में बुढ़िया बीमारी फैल गई है. धीरे-धीरे पौधे सूखने लगे हैं. बड़ी मेहनत से धान लगाया था, लेकिन किस्मत ने इस बार भी साथ नहीं दिया. पौधों में विचित्र तरह का बीमारी लगने से सारे पौधे सूखने लगे हैं. इलाके के सभी खेतों में यह बीमारी फैली है. जिला प्रशासन को इस दिशा में पहल करना चाहिए.
जिला कृषि पदाधिकारी बोले: इस संबंध में जिला कृषि पदाधिकारी प्रमोद एक्का ने कहा कि धान के पौधे में लगी इस बीमारी को शीत ब्लाइट कहते हैं. बीमारी की जानकारी किसानों से प्राप्त हुई है. मामले में एक टीम गठित कर सर्वे कराया जाएगा. किसानों से अपील है कि झारखंड किसान फसल राहत योजना का लाभ उठाने के लिए जल्द से जल्द निबंधन करा लें, ताकि आपदा से क्षति होने पर प्रति एकड़ चार हजार रुपए की आर्थिक मदद मिल सके. किसानों के बीच जल्द ही निःशुल्क दवा का वितरण किया जाएगा.