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साहिबगंजः क्रसर की धूल से किसान परेशान, नहीं हो रही कार्रवाई

साहिबगंज में लगातार पहाड़ों की कटाई जारी है. एनजीटी के नियमों को ताख पर रखकर क्रसर मालिक धूल उड़ा रहे हैं. इसका असर अब किसान पर पड़ रहा है. क्रसर से धूल उड़ने से किसान की जमीन बंजर की कगार पर पहुंच चुकी है.

Farmers upset due to Cresser's dust
क्रेसर के धूल और पहाड़ के दोहन
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Published : Jan 28, 2021, 1:09 PM IST

साहिबगंज: जिले में लगातार पहाड़ों की कटाई जारी है. क्रसर धड़ल्ले से चल रहा है. एनजीटी के नियमों को ताख पर रखकर क्रसर मालिक वातावरण में धूल उड़ा रहे हैं. इसका असर अब किसान पर पड़ना शुरू हो गया है. वर्षो से पहाड़ों में विस्फोट कर पत्थर निकालने की प्रकिया चालू है. इसका असर यह हुआ कि पहाड़ से निकलने वाला झरना बंद हो गया है. क्रसर से धूल उड़ने से किसान की जमीन बंजर की कगार पर पहुंच चुकी है.

देखें पूरी खबर


किसान पहले पहाड़ के झरने से अपने खेतों की सिंचाई कर लिया करते थे. जड़ी बूटी से युक्त शुद्ध पेयजल मिल जाया करता था, लेकिन अब किसान सिंचाई से भी वंचित हो गया है. दूसरी बात धड़ल्ले से क्रेसर चल रहा है. एनजीटी के मानक को पूरा नहीं किया जा रहा है. यही वजह है कि पहाड़ के नीचे किसान की उपजाऊ जमीन अब बंजर होने की कगार पर है.

विधानसभा एसटी, एसटी और ओबीसी कमेटी के अध्यक्ष सह बोरियो विधायक लोबिन हेम्ब्रम भी चिंता जाहिर की है. माइंस निरीक्षण के दौरान पाया कि किसान की जमीन धूलकण से भर गई है. झरना बंद हो चुका है. कई कुआं आस-पास में थे, वो भर गए हैं. ऐसी स्थिति में किसान की जमीन बंजर हो चुकी है सिंचाई का स्थान बंद हो चुका है. इन पर कार्रवाई नही हो रही है.


ये भी पढ़ें- साइबर अपराधियों ने अपनाया ठगी का नया रास्ता, जानें पूरी खबर


जिला खनन पदाधिकारी ने कहा कि मामला जब संज्ञान में आता है, तो कार्रवाई जरूर की जाती है. क्रसर मालिक को साफ निर्देश दिया गया है कि एनजीटी के नियम के मुताबिक काम करना है. पहले की अपेक्षा अब अधिक जागरूकता आई है.

साहिबगंज: जिले में लगातार पहाड़ों की कटाई जारी है. क्रसर धड़ल्ले से चल रहा है. एनजीटी के नियमों को ताख पर रखकर क्रसर मालिक वातावरण में धूल उड़ा रहे हैं. इसका असर अब किसान पर पड़ना शुरू हो गया है. वर्षो से पहाड़ों में विस्फोट कर पत्थर निकालने की प्रकिया चालू है. इसका असर यह हुआ कि पहाड़ से निकलने वाला झरना बंद हो गया है. क्रसर से धूल उड़ने से किसान की जमीन बंजर की कगार पर पहुंच चुकी है.

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किसान पहले पहाड़ के झरने से अपने खेतों की सिंचाई कर लिया करते थे. जड़ी बूटी से युक्त शुद्ध पेयजल मिल जाया करता था, लेकिन अब किसान सिंचाई से भी वंचित हो गया है. दूसरी बात धड़ल्ले से क्रेसर चल रहा है. एनजीटी के मानक को पूरा नहीं किया जा रहा है. यही वजह है कि पहाड़ के नीचे किसान की उपजाऊ जमीन अब बंजर होने की कगार पर है.

विधानसभा एसटी, एसटी और ओबीसी कमेटी के अध्यक्ष सह बोरियो विधायक लोबिन हेम्ब्रम भी चिंता जाहिर की है. माइंस निरीक्षण के दौरान पाया कि किसान की जमीन धूलकण से भर गई है. झरना बंद हो चुका है. कई कुआं आस-पास में थे, वो भर गए हैं. ऐसी स्थिति में किसान की जमीन बंजर हो चुकी है सिंचाई का स्थान बंद हो चुका है. इन पर कार्रवाई नही हो रही है.


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जिला खनन पदाधिकारी ने कहा कि मामला जब संज्ञान में आता है, तो कार्रवाई जरूर की जाती है. क्रसर मालिक को साफ निर्देश दिया गया है कि एनजीटी के नियम के मुताबिक काम करना है. पहले की अपेक्षा अब अधिक जागरूकता आई है.

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