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Sahibganj News: जिला सदर अस्पताल में मरीजों की संख्या बढ़ने से अव्यवस्था, स्ट्रेचर पर इलाज करवाने को मजबूर

साहिबगंज सदर अस्पताल में मरीजों को इलाज के लिए बेड नहीं मिल पा रहा है. मजबूरी में उन्हें स्ट्रेचर और चेयर में अपना इलाज करवाना पड़ रहा है.

Sahibganj News
जिला सदर अस्पताल में मरीजों को इलाज के लिए बेड नहीं मिल पा रहा
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Published : Aug 19, 2023, 3:18 PM IST

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साहिबगंज: इन दिनों बदलते मौसम के कारण जिला सदर अस्पताल में मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है. मौसमी बीमारी से ग्रसित मरीज हर रोज यहां पहुंच रहे है. उल्टी, दस्त, सिर दर्द और बुखार से पीड़ित लोग पहुंच रहे है. अस्पताल का बेड मरीजों से भर गया है. स्थिति ऐसी हो गई है कि मरीज बरामदे में चेयर, स्ट्रेचर और जमीन पर इलाज कराने को विवश है.

ये भी पढ़ें: रांची का सबसे बड़ा अस्पताल रिम्स बांट रहा बीमारी! यहां का पानी पीने से मौत का खतरा

मरीज के परिजन इलाज के लिए इधर उधर दौड़ लगा रहे है. ओपीडी में भीड़ चल रही है. डॉक्टर और स्टॉफ की कमी से लोगों का इलाज समय पर नहीं होने से परेशानी हो रही है. इधर अस्पताल प्रबंधक वेयर हाउस में लगे अतिरिक्त बेड पर जाने की सलाह दे रहे है ताकि मरीज को परेशानी ना हो.

सकरोगढ़ के रहने वाले 105 साल के चेघरु अंसारी का पैर टूट गया है, जिसका इलाज करवा रहे हैं. वार्ड में बेड में नहीं मिलने पर स्ट्रेचर पर इलाज शुरू हो गया है. बरामदे में ना तो पंखा है ना कोई व्यवस्था है. जिससे मरीज और उनके परिजनों को परेशानी हो रही है. सकरोगढ़ की रहने वाली 20 साल की शहनवाज खातून कमजोरी और बुखार से पीड़ित है. उसे बेड नहीं मिलने पर बैठकर इलाज करा रही है. वहीं थैलेसिमिया मरीज सात साल की अलीफ खातुन को भी बेड नहीं मिलने से बरामदे में ही इलाज करवाने को विवश हैं.

मरीज के परिजनों का कहना है कि जिला सदर अस्पताल की स्थिति ठीक नहीं है. दो डाक्टरों के भरोसे अस्पताल चल रहा है. स्टाफ की कमी है. ऐसी स्थिति में दवा रहते हुए मरीज की मौत हो सकती है. अस्पताल प्रबंधक जयराम यादव ने कहा कि बेड की व्यवस्था की जा रही है. मरीज वेयर हाउस नहीं जा रहे है. अंत में बरामदे में ही बेड लगा दिया जाएगा. मरीज को परेशानी ना हो यह ख्याल रखा जा रहा है.

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साहिबगंज: इन दिनों बदलते मौसम के कारण जिला सदर अस्पताल में मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है. मौसमी बीमारी से ग्रसित मरीज हर रोज यहां पहुंच रहे है. उल्टी, दस्त, सिर दर्द और बुखार से पीड़ित लोग पहुंच रहे है. अस्पताल का बेड मरीजों से भर गया है. स्थिति ऐसी हो गई है कि मरीज बरामदे में चेयर, स्ट्रेचर और जमीन पर इलाज कराने को विवश है.

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मरीज के परिजन इलाज के लिए इधर उधर दौड़ लगा रहे है. ओपीडी में भीड़ चल रही है. डॉक्टर और स्टॉफ की कमी से लोगों का इलाज समय पर नहीं होने से परेशानी हो रही है. इधर अस्पताल प्रबंधक वेयर हाउस में लगे अतिरिक्त बेड पर जाने की सलाह दे रहे है ताकि मरीज को परेशानी ना हो.

सकरोगढ़ के रहने वाले 105 साल के चेघरु अंसारी का पैर टूट गया है, जिसका इलाज करवा रहे हैं. वार्ड में बेड में नहीं मिलने पर स्ट्रेचर पर इलाज शुरू हो गया है. बरामदे में ना तो पंखा है ना कोई व्यवस्था है. जिससे मरीज और उनके परिजनों को परेशानी हो रही है. सकरोगढ़ की रहने वाली 20 साल की शहनवाज खातून कमजोरी और बुखार से पीड़ित है. उसे बेड नहीं मिलने पर बैठकर इलाज करा रही है. वहीं थैलेसिमिया मरीज सात साल की अलीफ खातुन को भी बेड नहीं मिलने से बरामदे में ही इलाज करवाने को विवश हैं.

मरीज के परिजनों का कहना है कि जिला सदर अस्पताल की स्थिति ठीक नहीं है. दो डाक्टरों के भरोसे अस्पताल चल रहा है. स्टाफ की कमी है. ऐसी स्थिति में दवा रहते हुए मरीज की मौत हो सकती है. अस्पताल प्रबंधक जयराम यादव ने कहा कि बेड की व्यवस्था की जा रही है. मरीज वेयर हाउस नहीं जा रहे है. अंत में बरामदे में ही बेड लगा दिया जाएगा. मरीज को परेशानी ना हो यह ख्याल रखा जा रहा है.

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