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साहिबगंज: हजारों एकड़ में लगे टमाटर की फसल हो रही है नष्ट, किसान परेशान

एक तरफ सरकार किसानों की आय दोगुना करने की बात करती हैं तो वहीं दूसरी ओर प्रकृति के कहर से किसान बर्बाद हो रहे हैं और व्यापक रूप से क्षति होने से आह भर रहे हैं. ऐसे में किसान की आय दोगुनी कैसे हो सकती है.

साहिबगंज में फसल नष्ट
tomato plant of Sahibganj
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Published : Mar 3, 2020, 7:38 AM IST

साहिबगंज: जिले के दियारा क्षेत्र में लगभग 50 एकड़ जमीन पर टमाटर के पौधों में बीमारी लगने से सारा पौधा सूखने लगा है, जिससे पौधे में लगा फल सड़ने के कगार पर पहुंच गया है. इससे किसान मायूस हो चुके हैं.

देखें पूरी खबर

कर्ज लेकर बोए थे खेतों में फसल

किसान अब अपने आप को असहाय, बेबस और लाचार समझने लगे हैं. अब वे अपने खेतों से टमाटर फेंकने को मजबूर हैं. उनका कहना है कि वे कर्ज लेकर खेतों में फसल बोए थे, लेकिन फसल में ऐसा बीमारी पकड़ा कि सारा फसल सड़ गया. अब उनके सामने परिवार चलाने का कोई चारा नहीं है. उनका कहना है कि अगर जिला प्रशासन से मुआवजा मिल जाता तो थोड़ी राहत मिलती.

ये भी पढ़ें-जमशेदपुर मना रहा संस्थापक दिवस, क्या है जेएन टाटा के सपनों के शहर का सफर

टमाटर की खेती करने की तकनीक

मामले मे जिला कृषि पदाधिकारी ने कहा कि चार दिन पहले बारिश हुई थी, जिससे यह स्थिति उत्पन्न हुई है. इसमें मुआवजा का कोई प्रावधान नहीं है. किसान को सिख लेना चाहिए कि खेतों में दवा का छिड़काव कब करना है. कृषि विज्ञान केंद्र की महिला वैज्ञानिक ने कहा कि पिछले दिनों बारिश होने से मौसम में बदलाव आया, जिससे टमाटर पर असर पड़ा है, जिससे यह स्थिति उत्पन्न हुई है. उन्होंने कहा कि किसान को धैर्य रखना चाहिए और केवीके में आकर टमाटर की खेती करने की तकनीक की जानकारी लेनी चाहिए.

साहिबगंज: जिले के दियारा क्षेत्र में लगभग 50 एकड़ जमीन पर टमाटर के पौधों में बीमारी लगने से सारा पौधा सूखने लगा है, जिससे पौधे में लगा फल सड़ने के कगार पर पहुंच गया है. इससे किसान मायूस हो चुके हैं.

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कर्ज लेकर बोए थे खेतों में फसल

किसान अब अपने आप को असहाय, बेबस और लाचार समझने लगे हैं. अब वे अपने खेतों से टमाटर फेंकने को मजबूर हैं. उनका कहना है कि वे कर्ज लेकर खेतों में फसल बोए थे, लेकिन फसल में ऐसा बीमारी पकड़ा कि सारा फसल सड़ गया. अब उनके सामने परिवार चलाने का कोई चारा नहीं है. उनका कहना है कि अगर जिला प्रशासन से मुआवजा मिल जाता तो थोड़ी राहत मिलती.

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टमाटर की खेती करने की तकनीक

मामले मे जिला कृषि पदाधिकारी ने कहा कि चार दिन पहले बारिश हुई थी, जिससे यह स्थिति उत्पन्न हुई है. इसमें मुआवजा का कोई प्रावधान नहीं है. किसान को सिख लेना चाहिए कि खेतों में दवा का छिड़काव कब करना है. कृषि विज्ञान केंद्र की महिला वैज्ञानिक ने कहा कि पिछले दिनों बारिश होने से मौसम में बदलाव आया, जिससे टमाटर पर असर पड़ा है, जिससे यह स्थिति उत्पन्न हुई है. उन्होंने कहा कि किसान को धैर्य रखना चाहिए और केवीके में आकर टमाटर की खेती करने की तकनीक की जानकारी लेनी चाहिए.

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