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शनि अमावस्या और पितृपक्ष को लेकर श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी, पुरोहित ने कहा- मिलता है सुख

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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Oct 14, 2023, 1:15 PM IST

श्रद्धालुओं ने पितृ पक्ष और शनि अमावस्या को लेकर उत्तरवाहिनी गंगा में डुबकी लगाकर पूर्वजों का आशीर्वाद लिया. साथ ही सुख शांति की प्रार्थना की. Devotees took dip in Ganga River on Amavasya

Devotees took a dip of Ganga River on Amavasya
शनि अमावस्या और पितृपक्ष को लेकर श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी
शनि अमावस्या पर जानकारी देते श्रद्धालु और पुरोहित

साहिबगंज: शहर के मुक्तेश्वर गंगा घाट पर शनि अमावस्या, पितृ विसर्जन को लेकर हजारों श्रद्धालुओं ने शनिवार को आस्था की डुबकी लगाई. पुरोहित धनेश तिवारी ने बताया कि शनि अमावस्या और पितृ पक्ष का संयोग एक साथ होने से इसका महत्व और भी बढ़ गया है.

ये भी पढ़ें: शहीद मुन्ना यादव की पत्नी ने गंगा घाट पर किया तर्पण, मृत पति की आत्मा की शांति के लिए की प्रार्थना

बंगाली समुदाय के लोग अधिक पहुंचे: बड़ी संख्या में श्रद्धालु उत्तरवाहिनी गंगा में स्नान के लिए पहुंचे हुए थे. शनिवार को पितृपक्ष का समापन है. जिन लोगों को पूर्वजों के देहांत की तिथि याद नहीं है, वैसे लोग अंतिम दिन पहुंचकर पुरोहित की देखरेख व विधिवत मंत्रोच्चारण के साथ अपने पितरों का तर्पण करते हैं. इस दौरान कई लोगों ने पिंड से पूजा कर अपने पूर्वजों को प्रसन्न किया.

श्रद्धालुओं ने की सुख शांति की प्रार्थना: श्रद्धालु किरण देवी ने कहा कि आज शनि अमावस्या के साथ पितृ पक्ष का अंतिम दिन है. उन्होंने गंगा स्नान कर परिवार, समाज की सुख शांति के लिए प्रार्थना की है. किरण ने कहा कि शनि अमावस्या में गंगा स्नान करने का खास महत्व होता है.

पुरोहित धनेश तिवारी ने क्या कहा: गंगा घाट पर मौजूद पुरोहित धनेश तिवारी ने कहा कि आज पितृ पक्ष का अंतिम दिन है. इस दिन हजारों लोग अपने पूर्वजों का तर्पण करते हैं. इससे पितृदोष से मुक्ति मिलती है. वरना लोगों को सुख-शांति में विघ्न लगा रहता है. पुरोहित ने कहा कि हिन्दू धर्म शास्त्र के अनुसार पितृपक्ष में कम से कम अपने पूर्वजों को पानी जरूर देना चाहिए. इससे सुख शांति मिलती है. लोगों की आयु भी बढ़ती है. शनि अमावस्या और पितृपक्ष को लेकर भी लोग गंगा स्नान करने को पहुंच रहे हैं. इस तरह का संयोग एक साथ कभी-कभी मिलता है. इसलिए गंगा स्नान का महत्व अधिक बढ़ जाता है.

शनि अमावस्या पर जानकारी देते श्रद्धालु और पुरोहित

साहिबगंज: शहर के मुक्तेश्वर गंगा घाट पर शनि अमावस्या, पितृ विसर्जन को लेकर हजारों श्रद्धालुओं ने शनिवार को आस्था की डुबकी लगाई. पुरोहित धनेश तिवारी ने बताया कि शनि अमावस्या और पितृ पक्ष का संयोग एक साथ होने से इसका महत्व और भी बढ़ गया है.

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बंगाली समुदाय के लोग अधिक पहुंचे: बड़ी संख्या में श्रद्धालु उत्तरवाहिनी गंगा में स्नान के लिए पहुंचे हुए थे. शनिवार को पितृपक्ष का समापन है. जिन लोगों को पूर्वजों के देहांत की तिथि याद नहीं है, वैसे लोग अंतिम दिन पहुंचकर पुरोहित की देखरेख व विधिवत मंत्रोच्चारण के साथ अपने पितरों का तर्पण करते हैं. इस दौरान कई लोगों ने पिंड से पूजा कर अपने पूर्वजों को प्रसन्न किया.

श्रद्धालुओं ने की सुख शांति की प्रार्थना: श्रद्धालु किरण देवी ने कहा कि आज शनि अमावस्या के साथ पितृ पक्ष का अंतिम दिन है. उन्होंने गंगा स्नान कर परिवार, समाज की सुख शांति के लिए प्रार्थना की है. किरण ने कहा कि शनि अमावस्या में गंगा स्नान करने का खास महत्व होता है.

पुरोहित धनेश तिवारी ने क्या कहा: गंगा घाट पर मौजूद पुरोहित धनेश तिवारी ने कहा कि आज पितृ पक्ष का अंतिम दिन है. इस दिन हजारों लोग अपने पूर्वजों का तर्पण करते हैं. इससे पितृदोष से मुक्ति मिलती है. वरना लोगों को सुख-शांति में विघ्न लगा रहता है. पुरोहित ने कहा कि हिन्दू धर्म शास्त्र के अनुसार पितृपक्ष में कम से कम अपने पूर्वजों को पानी जरूर देना चाहिए. इससे सुख शांति मिलती है. लोगों की आयु भी बढ़ती है. शनि अमावस्या और पितृपक्ष को लेकर भी लोग गंगा स्नान करने को पहुंच रहे हैं. इस तरह का संयोग एक साथ कभी-कभी मिलता है. इसलिए गंगा स्नान का महत्व अधिक बढ़ जाता है.

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