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20 साल बाद ठहरा था गर्भ, इलाज में एक लापरवाही से गई जुड़वा बच्चों की जान

20 साल बाद एक घर में चिराग जलने का आसार था. एक असरे बाद एक मां की गोद भरी थी. लेकिन एक छोटी-सी लापरवाही ने सारे सपनों को छिन्न-भिन्न कर दिया. जलने से पहले ही वो दीपक बुझ गया. साहिबगंज सदर अस्पताल में असमय प्रसव होने से एक महिला के जुड़वा बच्चा मृत अवस्था में जन्म लिया जिसके बाद परिजनों ने डॉक्टर्स पर लापरवाही का आरोप लगाकर जमकर हंगामा किया.

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परिजन
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Published : Jul 11, 2021, 6:07 PM IST

साहिबगंजः जिला सदर अस्पताल में जमकर हंगामा हुआ, परिजनों ने अस्पताल परिसर में बवाल काटा, उन्होंने डॉक्टर्स पर इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया. जुड़वा बच्चों की मौत पर परिजनों ने इसकी शिकायत डीसी-एसपी तक कर दी है.

इसे भी पढ़ें- देवघरः अस्पताल में मरीज की मौत के बाद हंगामा, परिजनों ने लगाया लापरवाही का आरोप

रविवार को साहिबगंज सदर अस्पताल (Sahibganj Sadar Hospital) में असमय प्रसव होने से एक महिला के जुड़वा बच्चा मृत पैदा हुए. ऐसी स्थिति को देखते हुए परिजनों ने जमकर बवाल किया और डॉक्टर पर घोर लापरवाही का आरोप लगाया. परिजन के अनुसार 20 साल बाद महिला का गर्भ ठहरा था, मामूली इलाज के लिए महिला को अस्पताल लाया गया था. जिसे डॉक्टर की घोर लापरवाही की वजह से तीन सुई दिया गया और देखते ही देखते दर्द बढ़ा और प्रसव हो गया, जिसमें जुड़वा बच्चे मृत पैदा हुए. इसको लेकर परिजनों ने हंगामा किया.

देखें पूरी खबर

सदर अस्पताल में हंगामे की सूचना पर उपायुक्त के निर्देश पर अपर समाहर्ता अनुज कुमार (Additional Collector Anuj Kumar) जांच करने जिला सदर अस्पताल पहुंचे. अनुज कुमार ने बताया कि परिजन, डॉक्टर और नर्स का बयान लिया गया है, इसकी जांच की जाएगी और दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी. इस बाबत महिला के पति ने डीसी, एसपी और जिरवाबड़ी थाना में आवेदन देकर लापरवाही समेत कई गंभीर आरोप लगाए हैं. इधर अपर समाहर्ता अनुज कुमार प्रसाद अस्पताल पहुंचकर कार्रवाई का आश्वासन दिया है.

पूर्वी केबिन गली सकरोगढ़ गांव के रहने वाले मनोज कुमार गुप्ता की पत्नी को पांच महीने का गर्भ था. इस दौरान उसका रक्त स्राव होने पर सुबह सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया. परिजनों के मुताबिक नर्स की ओर से कहा गया कि अभी डॉक्टर नहीं है. ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर पूनम कुमारी अस्पताल में नहीं हैं. महिला के पति ने बताया कि पत्नी दर्द से तड़प रही है, उसे इलाज की सख्त दरकार है.

इसे भी पढ़ें- साहिबगंज: कोविड मरीज की मौत के बाद परिजनों ने किया हंगामा, सदर अस्पताल पुलिस छावनी में तब्दील

उसके बाद वहां मौजूद नर्स ने डॉक्टर पूनम से फोन पर बात की और सलाह मिलने पर 5 सुई खरीदने की बात कही. जिसमें महिला को तीन सुई लगा दी गई. सुई लगने के थोड़ी देर बाद ही महिला का दर्द और बढ़ गया, जिससे उसका प्रसव हो गया, जिसमें उसके जुड़वा बच्चों ने मृत अवस्था में जन्म लिया.

महिला के परिजनों का आरोप है कि ऑन कॉल ड्यूटी डॉक्टर पूनम कुमारी की अस्पताल में ड्यूटी थीं. मोबाइल पर कॉल करने के बाद भी कोई रिस्पांस नहीं दिया. अगर डॉक्टर अस्पताल में रहती तो शायद जुड़वा बच्चों की जान बच जाती. डॉक्टर अस्पताल पहुंचकर मरीज को खुद से देख लेती तो यह नतीजा नहीं होता.

साहिबगंजः जिला सदर अस्पताल में जमकर हंगामा हुआ, परिजनों ने अस्पताल परिसर में बवाल काटा, उन्होंने डॉक्टर्स पर इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया. जुड़वा बच्चों की मौत पर परिजनों ने इसकी शिकायत डीसी-एसपी तक कर दी है.

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रविवार को साहिबगंज सदर अस्पताल (Sahibganj Sadar Hospital) में असमय प्रसव होने से एक महिला के जुड़वा बच्चा मृत पैदा हुए. ऐसी स्थिति को देखते हुए परिजनों ने जमकर बवाल किया और डॉक्टर पर घोर लापरवाही का आरोप लगाया. परिजन के अनुसार 20 साल बाद महिला का गर्भ ठहरा था, मामूली इलाज के लिए महिला को अस्पताल लाया गया था. जिसे डॉक्टर की घोर लापरवाही की वजह से तीन सुई दिया गया और देखते ही देखते दर्द बढ़ा और प्रसव हो गया, जिसमें जुड़वा बच्चे मृत पैदा हुए. इसको लेकर परिजनों ने हंगामा किया.

देखें पूरी खबर

सदर अस्पताल में हंगामे की सूचना पर उपायुक्त के निर्देश पर अपर समाहर्ता अनुज कुमार (Additional Collector Anuj Kumar) जांच करने जिला सदर अस्पताल पहुंचे. अनुज कुमार ने बताया कि परिजन, डॉक्टर और नर्स का बयान लिया गया है, इसकी जांच की जाएगी और दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी. इस बाबत महिला के पति ने डीसी, एसपी और जिरवाबड़ी थाना में आवेदन देकर लापरवाही समेत कई गंभीर आरोप लगाए हैं. इधर अपर समाहर्ता अनुज कुमार प्रसाद अस्पताल पहुंचकर कार्रवाई का आश्वासन दिया है.

पूर्वी केबिन गली सकरोगढ़ गांव के रहने वाले मनोज कुमार गुप्ता की पत्नी को पांच महीने का गर्भ था. इस दौरान उसका रक्त स्राव होने पर सुबह सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया. परिजनों के मुताबिक नर्स की ओर से कहा गया कि अभी डॉक्टर नहीं है. ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर पूनम कुमारी अस्पताल में नहीं हैं. महिला के पति ने बताया कि पत्नी दर्द से तड़प रही है, उसे इलाज की सख्त दरकार है.

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उसके बाद वहां मौजूद नर्स ने डॉक्टर पूनम से फोन पर बात की और सलाह मिलने पर 5 सुई खरीदने की बात कही. जिसमें महिला को तीन सुई लगा दी गई. सुई लगने के थोड़ी देर बाद ही महिला का दर्द और बढ़ गया, जिससे उसका प्रसव हो गया, जिसमें उसके जुड़वा बच्चों ने मृत अवस्था में जन्म लिया.

महिला के परिजनों का आरोप है कि ऑन कॉल ड्यूटी डॉक्टर पूनम कुमारी की अस्पताल में ड्यूटी थीं. मोबाइल पर कॉल करने के बाद भी कोई रिस्पांस नहीं दिया. अगर डॉक्टर अस्पताल में रहती तो शायद जुड़वा बच्चों की जान बच जाती. डॉक्टर अस्पताल पहुंचकर मरीज को खुद से देख लेती तो यह नतीजा नहीं होता.

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