साहिबगंजः गंगा में डूबे किशोर का शव मंगलवार को खुद-ब-खुद फूल कर 48 घंटे बाद गंगा से निकल आया है. घटनास्थल ओझा टोली घाट से 200 मीटर दूर मलाही टोला में घाट के किनारे शव दोपहर करीब 12 बजे के आसपास देखा गया. स्थानीय लोगों ने शव को देख कर पुलिस-प्रशासन को मामले की सूचना दी.
पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा अस्पतालः वहीं इस बाद की जानकारी मिलते ही मुफस्सिल थाना पुलिस और सदर सीओ अब्दुस समद घाट के किनारे पहुंचे और शव को बरामद किया. वहीं पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल साहिबगंज भेज दिया. प्रशासन ने बताया कि शव पोस्टमार्टम कराने के बाद परिजनों के सुपुर्द कर दिया जाएगा.
मलाही टोला घाट पर जुटी लोगों की भीड़ः वहीं 48 घंटे के बाद किशोर का शव गंगा से बाहर आने की जानकारी मिलते ही स्थानीय लोगों की भीड़ मलाही टोला गंगा घाट पर जुट गई. वहीं जानकारी मिलते ही ओझा टोली घाट से मृतक के परिजन भी भागते हुए मलाही टोला घाट पहुंचे. पिता नरेश दास अपने पुत्र का शव देख कर दहाड़ मार कर रोने लगे. वहीं परिजनों की चीत्कार से पूरा माहौल गमगीन हो गया.
रविवार को स्नान करने के क्रम गंगा में डूब गया था किशोरः बताते चलें कि रविवार को स्नान करने के दौरान अरुण राज गंगा में डूब गया था. जिसके बाद स्थानीय मछुआरे और गोताखोर शव ढूंढने के प्रयास में जुटे थे. प्रशासन ने एनडीआरएफ को बुलाया था, लेकिन मंगलवार दोपहर तक एनडीआरएफ की टीम साहिबगंज नहीं पहुंची थी. इसको लेकर लोगों में प्रशासन के प्रति रोष था.
अरुण मैट्रिक की परीक्षा में शामिल होने वाला थाः जानकारी के अनुसार अरुण राज मंगलवार से मैट्रिक की परीक्षा में शामिल होने वाला था. उसका सेंटर राजस्थान स्कूल में पड़ा था. वह साहिबगंज के सकरीगली स्थित बीडी हाई स्कूल का छात्र था. इसी स्कूल में अरुण के पिता शिक्षक हैं. वहीं दो साल पहले अरुण राज की मां की मौत हो गई थी. अरुण राज घर का इकलौता संतान था.
गंगा घाट पर अरुण का मोबाइल और कपड़े मिले थेः रविवार की सुबह अरुण अपनी बुआ से किताब खरीदने के लिए पैसे मांग कर बाजार निकला था, लेकिन शाम तक घर नहीं लौटा था. जब उसके पिताजी स्कूल से घर आए तो पुत्र को नहीं देख कर उसे ढूंढना शुरू किया. पुत्र की तलाश में वह गंगा घाट की तरफ निकले तो वहां पर अपने बेटे के कपड़े और मोबाइल देखा. जिसपर उन्होंने आशंका जतायी थी कहीं न कहीं उनका पुत्र गंगा में डूब गया है और शव मिलने के बात यह बात सच निकली.
पिता का आरोप-प्रशासन ने नहीं मिला सहयोगः मामले में अरुण राज के पिता नरेश दास ने आरोप लगाया था कि प्रशासन से किसी प्रकार का सहयोग नहीं मिला है. उन्होंने बताया था कि उपायुक्त रामनिवास यादव और राजमहल विधायक अनंत ओझा से बातचीत हुई है. दोनों ने शव को निकलवाने का आश्वासन दिया है. बताते चलें कि रविवार से ही परिजन ओझा टोली गंगा घाट पर बैठे थे.