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Flood Threat in Sahibganj! खतरे के निशाना तक पहुंचा गंगा नदी का जलस्तर, मंडराने लगा बाढ़ का खतरा

साहिबगंज में गंगा नदी का जलस्तर बढ़ रहा है. आलम ऐसा है कि पानी बढ़ने से गंगा खतरे के निशान तक जा पहुंचा है. ऐसे में दियारा इलाके में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. वहीं जिला प्रशासन की ओर से बाढ़ को लेकर तैयारी की जा रही है.

danger of flood due to increase in water level of river Ganga in Sahibganj
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Published : Jul 30, 2023, 12:54 PM IST

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साहिबगंज: प्राकृतिक आपदा से हर साल जिलावासी जूझते हैं. लेकिन आपदा से निपटने के लिए आज तक कोई ठोस पहल या योजना नहीं बनाई गयी. एक तरफ बारिश नहीं होने से इस साल भी खरीफ फसल का बुआई पर ग्रहण लगता दिख रहा है. वहीं गंगा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है.

इसे भी पढे़ं- गंगा नदी के बढ़ते जलस्तर और कटाव से लोगों में दहशत, साहिबगंज में मस्जिद जलमग्न होने की कगार पर

सीडब्ल्यूसी की रिपोर्ट के अनुसार बक्सर से लेकर फरक्का तक गंगा नदी के जलस्तर में हर दिन बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है. हफ्तेभर की रिपोर्ट पर नजर डालें तो हर 24 घंटे में जलस्तर में 40 सेंटीमाटर की वृद्धि हो रही है. नदी में वार्णिंग वाटर लेवल 26.25 मीटर और खतरे का निशान 27.25 मीटर है. लेकिन फिलहाल गंगा नदी चेतावनी रेखा से ठीक नीचे बह रही है. अगर जलस्तर की रफ्तार यही रही तो आगामी दिनों में गंगा खतरे के निशाने से ऊपर चली जाएगी और इलाके में बाढ़ आने के आसार प्रबल हो जाएंगे.

साहिबगंज में गंगा नदी का जलस्तर बढ़ने से बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. इसको लेकर दियारा क्षेत्र से पशुपालक अपना बथान उजाड़कर मवेशी के साथ सुरक्षित स्थान पर पहुंचने लगे हैं. नदी का पानी बढ़ने से इलाके के खेत डूबने लगे हैं. गंगा घाट पर कुई किसान मशीन और खुट्टा खंभा लेकिन बाढ़ प्रभावित क्षेत्र से निकल रहे हैं.

इस बार भी जिला प्रशासन बाढ़ की तैयारी को लेकर कमर कस चुकी है. संभावित बाढ़ की बैठक में उपायुक्त रामनिवास यादव द्वारा बाढ़ से निपटने के लिए प्रशासन की ओर से तैयारी की बिंदुओं पर चर्चा की. उन्होंने जिले में 130 आपदा मित्र को प्रशिक्षण देने का निर्देश संबंधित पदाधिकारियों को दिया है. इसके साथ ही विभाग से लाइफ जैकेट की आपूर्ति के लिए पत्र लिखें और जिला नियंत्रण कक्ष के मोबाइल नंबर्स की लिस्ट लोगों के लिए जारी की जाए.

साथ ही साहिबगंज अनुमंडल, राजमहल अनुमंडल व सभी अंचल कार्यालयों में नियंत्रण कक्ष की स्थापना की जाए और उनके नंबरों को आम जनों तक जारी की जाए. आपदा से निपटने के लिए सभी अंचल अधिकारियों को इंसीडेंट कमांडर बनाया जाएगा. डीसी रामनिवास यादव ने दोनों अनुमंडल पदाधिकारियों को अपने-अपने इलाके में भ्रमण कर बाढ़ के हालात का जायजा लेने का निर्देश दिया है.

डीसी ने अंचलाधिकारी उधवा को निर्देश दिया कि उधवा प्रखंड में जिस-जिस गांव में कटाव हुआ है, उसकी सूची जल्द से जल्द तैयार कर जिला कार्यालय को उपलब्ध कराएं. सिविल सर्जन को निर्देश देते हुए डीसी ने कहा कि बाढ़ के दौरान होने वाली बीमारियों से बचने के लिए पर्याप्त मात्रा में दवा की व्यवस्था विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों में की जाए. साथ ही जिला और प्रखंडों में बाढ़ के समय पशुओं के लिए पर्याप्त मात्रा में चारा की व्यवस्था करने का निर्देश भी संबंधित पदाधिकारियों को दिया है.

साहिबगंज डीसी राम निवास यादव ने कहा कि बाढ़ की तैयारी जिला प्रशासन की तरफ से पूरी कर ली गई है. सभी पदाधिकारियों को बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का दौरा करने का कहा गया है. हर दिन बाढ़ पर नजर बनाए हुए है. गंगा के खतरे का निशान को पार करते ही जिला प्रशासन युद्ध स्तर पर सुरक्षा और राहत पहुंचाने के लिए जुट जाएगी. लोगों की सुरक्षा और स्थायी शिविर तक लाना हमारी पहली प्राथमिकता होगी.

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साहिबगंज: प्राकृतिक आपदा से हर साल जिलावासी जूझते हैं. लेकिन आपदा से निपटने के लिए आज तक कोई ठोस पहल या योजना नहीं बनाई गयी. एक तरफ बारिश नहीं होने से इस साल भी खरीफ फसल का बुआई पर ग्रहण लगता दिख रहा है. वहीं गंगा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है.

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सीडब्ल्यूसी की रिपोर्ट के अनुसार बक्सर से लेकर फरक्का तक गंगा नदी के जलस्तर में हर दिन बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है. हफ्तेभर की रिपोर्ट पर नजर डालें तो हर 24 घंटे में जलस्तर में 40 सेंटीमाटर की वृद्धि हो रही है. नदी में वार्णिंग वाटर लेवल 26.25 मीटर और खतरे का निशान 27.25 मीटर है. लेकिन फिलहाल गंगा नदी चेतावनी रेखा से ठीक नीचे बह रही है. अगर जलस्तर की रफ्तार यही रही तो आगामी दिनों में गंगा खतरे के निशाने से ऊपर चली जाएगी और इलाके में बाढ़ आने के आसार प्रबल हो जाएंगे.

साहिबगंज में गंगा नदी का जलस्तर बढ़ने से बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. इसको लेकर दियारा क्षेत्र से पशुपालक अपना बथान उजाड़कर मवेशी के साथ सुरक्षित स्थान पर पहुंचने लगे हैं. नदी का पानी बढ़ने से इलाके के खेत डूबने लगे हैं. गंगा घाट पर कुई किसान मशीन और खुट्टा खंभा लेकिन बाढ़ प्रभावित क्षेत्र से निकल रहे हैं.

इस बार भी जिला प्रशासन बाढ़ की तैयारी को लेकर कमर कस चुकी है. संभावित बाढ़ की बैठक में उपायुक्त रामनिवास यादव द्वारा बाढ़ से निपटने के लिए प्रशासन की ओर से तैयारी की बिंदुओं पर चर्चा की. उन्होंने जिले में 130 आपदा मित्र को प्रशिक्षण देने का निर्देश संबंधित पदाधिकारियों को दिया है. इसके साथ ही विभाग से लाइफ जैकेट की आपूर्ति के लिए पत्र लिखें और जिला नियंत्रण कक्ष के मोबाइल नंबर्स की लिस्ट लोगों के लिए जारी की जाए.

साथ ही साहिबगंज अनुमंडल, राजमहल अनुमंडल व सभी अंचल कार्यालयों में नियंत्रण कक्ष की स्थापना की जाए और उनके नंबरों को आम जनों तक जारी की जाए. आपदा से निपटने के लिए सभी अंचल अधिकारियों को इंसीडेंट कमांडर बनाया जाएगा. डीसी रामनिवास यादव ने दोनों अनुमंडल पदाधिकारियों को अपने-अपने इलाके में भ्रमण कर बाढ़ के हालात का जायजा लेने का निर्देश दिया है.

डीसी ने अंचलाधिकारी उधवा को निर्देश दिया कि उधवा प्रखंड में जिस-जिस गांव में कटाव हुआ है, उसकी सूची जल्द से जल्द तैयार कर जिला कार्यालय को उपलब्ध कराएं. सिविल सर्जन को निर्देश देते हुए डीसी ने कहा कि बाढ़ के दौरान होने वाली बीमारियों से बचने के लिए पर्याप्त मात्रा में दवा की व्यवस्था विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों में की जाए. साथ ही जिला और प्रखंडों में बाढ़ के समय पशुओं के लिए पर्याप्त मात्रा में चारा की व्यवस्था करने का निर्देश भी संबंधित पदाधिकारियों को दिया है.

साहिबगंज डीसी राम निवास यादव ने कहा कि बाढ़ की तैयारी जिला प्रशासन की तरफ से पूरी कर ली गई है. सभी पदाधिकारियों को बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का दौरा करने का कहा गया है. हर दिन बाढ़ पर नजर बनाए हुए है. गंगा के खतरे का निशान को पार करते ही जिला प्रशासन युद्ध स्तर पर सुरक्षा और राहत पहुंचाने के लिए जुट जाएगी. लोगों की सुरक्षा और स्थायी शिविर तक लाना हमारी पहली प्राथमिकता होगी.

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