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साहिबगंजः मौनी अमावस्या पर उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़, घाटों पर लगाई आस्था की डुूबकी - साहिबगंज में घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़

आज अमावस्या की तिथि है. इस तिथि को मौनी अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है. इसी अवसर पर साहिबगंज में कई घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ देखने को मिली. इस दौरान श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान कर पूजा अर्चना की.

crowds of devotees gathered on the occasion of mauni amavasya in sahibganj
मौनी अमावस्या के अवसर श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़
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Published : Feb 11, 2021, 12:25 PM IST

साहिबगंजः माघ महीने की आज अमावस्या तिथि है. इस अमावस्या तिथि को मौनी अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है. कहा जाता है कि आज के दिन गंगा स्नान से पुण्य की प्राप्ति होती है. इसी क्रम में गुरुवार सुबह से ही शहर के कई घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ देखने को मिली. श्रद्धालु गंगा स्नान कर पूजा अर्चना करने में जुटे हुए हैं और दान पुण्य कर ईश्वर से प्रार्थना कर रहे हैं.

देखें पूरी खबर

इसे भी पढ़ें- मौनी अमावस्या पर श्रद्धालुओं ने लगाई पुण्य की डुबकी, प्रशासन मुस्तैद

शुभ मुहूर्त की बात करें तो अमावस्या तिथि 10 फरवरी की रात 12:39 मिनट से 11 फरवरी की रात 11:49 तक रहेगा. दिन भर अमावस्या का पूर्ण काल रहेगा. स्नान दान सहित इस दिन पितृपक्ष करने का विधान है. शास्त्रों में उल्लेखित है कि माघ महीने में अमावस्या के दिन मौन व्रत धारण कर मुख से अपशब्द न बोलने से ऋषि पद प्राप्त होता है. ज्योतिषाचार्य के अनुसार साल में जितनी भी अमावस्या है उन सभी का अलग-अलग महत्व है. इन सब में माघ महीने का अमावस्या का विशेष महत्व है. इस दिन संगम या गंगा में देवताओं का वास रहता है. गंगा जलाशयों में स्नान करना अन्य दिनों की अपेक्षा अधिक फलदाई होता है.

साहिबगंजः माघ महीने की आज अमावस्या तिथि है. इस अमावस्या तिथि को मौनी अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है. कहा जाता है कि आज के दिन गंगा स्नान से पुण्य की प्राप्ति होती है. इसी क्रम में गुरुवार सुबह से ही शहर के कई घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ देखने को मिली. श्रद्धालु गंगा स्नान कर पूजा अर्चना करने में जुटे हुए हैं और दान पुण्य कर ईश्वर से प्रार्थना कर रहे हैं.

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शुभ मुहूर्त की बात करें तो अमावस्या तिथि 10 फरवरी की रात 12:39 मिनट से 11 फरवरी की रात 11:49 तक रहेगा. दिन भर अमावस्या का पूर्ण काल रहेगा. स्नान दान सहित इस दिन पितृपक्ष करने का विधान है. शास्त्रों में उल्लेखित है कि माघ महीने में अमावस्या के दिन मौन व्रत धारण कर मुख से अपशब्द न बोलने से ऋषि पद प्राप्त होता है. ज्योतिषाचार्य के अनुसार साल में जितनी भी अमावस्या है उन सभी का अलग-अलग महत्व है. इन सब में माघ महीने का अमावस्या का विशेष महत्व है. इस दिन संगम या गंगा में देवताओं का वास रहता है. गंगा जलाशयों में स्नान करना अन्य दिनों की अपेक्षा अधिक फलदाई होता है.

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