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साहिबगंज में गंगा स्नान करने उमड़ी जिउतिया व्रतियों की भीड़, बेटे की लंबी उम्र के लिए महिलाएं करती हैं यह पर्व - साहिबगंज समाचार

महिलाएं अपने बेटे की लंबी उम्र के लिए जिउतिया पर्व (Jiutia Festival) करती हैं. इस पर्व में गंगा स्नान करने का खास महत्व है. साहिबगंज के मुक्तेश्वर गंगा घाट के अलावा मुक्तेश्वर घाट, चानन घाट, ओझा टोली घाट, शकुंतला सहाय घाट, फेरी सेवा, गोपालपुल घाट, पत्थर घाट और राजमहल के कई गंगा घाटों पर स्नान करने के लिए महिलाओं की भारी भीड़ उमड़ी.

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जिउतिया व्रति
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Published : Sep 29, 2021, 7:11 PM IST

Updated : Sep 29, 2021, 7:40 PM IST

साहिबगंज: बेटे की लंबी आयु की कामना के लिए मां जिउतिया पर्व (Jiutia Festival) कर रही हैं. व्रति महिलाओं ने मंगलवार को नहाय खाय के साथ 36 घंटा के लिए निर्जला उपवास रखा है. व्रत कर रही महिलाओं का आज के दिन गंगा में स्नान करने का सबसे अधिक महत्व है. गंगा स्नान करने के बाद जुियुतिया व्रति कथा सुनती हैं.

इसे भी पढे़ं: बच्चों की सलामती के लिए कठिन परिस्थितियों में भी महिला पुलिस कर्मियों ने रखा है निर्जला व्रत

शहर के मुक्तेश्वर गंगा घाट के अलावा मुक्तेश्वर घाट, चानन घाट, ओझा टोली घाट, शकुंतला सहाय घाट, फेरी सेवा, गोपालपुल घाट, पत्थर घाट और राजमहल के कई गंगा घाटों पर स्नान करने के लिए महिलाओं की भारी भीड़ उमड़ी. जिउतिया में उत्तरवाहिनी गंगा में स्नान करने का खास महत्व है. बनारस से लेकर फरक्का तक लगभग तीन से चार स्थानों पर ही उत्तरवाहिनी गंगा बहती है. साहिबगंज जिला के राजमहल अनुमंडल क्षेत्र में गंगा उत्तर और दक्षिण दिशा में बहती है. इस स्थान पर स्नान करने से एक तीर्थ के बराबर पुण्य प्राप्त होता है. ऐसा माना जाता है कि उत्तरवाहिनी गंगा में स्नान कर उगते हुए या डूबते हुए सूर्य को जल देने से मनोकामनाएं पूरी होती है.

देखें पूरी खबर

निर्जला होता है जिउतिया


जिउतिया पर्व कर रही महिलाओं ने बताया कि यह पर्व संतान की लंबी आयु के लिए काफी खास माना जाता है. यदि बेटा किसी विपत्ति में रहता है तो ऐसा माना जाता है कि यह जिउतिया पर्व सुरक्षा कवच के रूप में काम करता है. इसलिए महिलाएं इस पर्व को करती हैं. यह पर्व निर्जला होता है. महिलाएं एक बूंद पानी भी नहीं पी सकती हैं.

साहिबगंज: बेटे की लंबी आयु की कामना के लिए मां जिउतिया पर्व (Jiutia Festival) कर रही हैं. व्रति महिलाओं ने मंगलवार को नहाय खाय के साथ 36 घंटा के लिए निर्जला उपवास रखा है. व्रत कर रही महिलाओं का आज के दिन गंगा में स्नान करने का सबसे अधिक महत्व है. गंगा स्नान करने के बाद जुियुतिया व्रति कथा सुनती हैं.

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शहर के मुक्तेश्वर गंगा घाट के अलावा मुक्तेश्वर घाट, चानन घाट, ओझा टोली घाट, शकुंतला सहाय घाट, फेरी सेवा, गोपालपुल घाट, पत्थर घाट और राजमहल के कई गंगा घाटों पर स्नान करने के लिए महिलाओं की भारी भीड़ उमड़ी. जिउतिया में उत्तरवाहिनी गंगा में स्नान करने का खास महत्व है. बनारस से लेकर फरक्का तक लगभग तीन से चार स्थानों पर ही उत्तरवाहिनी गंगा बहती है. साहिबगंज जिला के राजमहल अनुमंडल क्षेत्र में गंगा उत्तर और दक्षिण दिशा में बहती है. इस स्थान पर स्नान करने से एक तीर्थ के बराबर पुण्य प्राप्त होता है. ऐसा माना जाता है कि उत्तरवाहिनी गंगा में स्नान कर उगते हुए या डूबते हुए सूर्य को जल देने से मनोकामनाएं पूरी होती है.

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निर्जला होता है जिउतिया


जिउतिया पर्व कर रही महिलाओं ने बताया कि यह पर्व संतान की लंबी आयु के लिए काफी खास माना जाता है. यदि बेटा किसी विपत्ति में रहता है तो ऐसा माना जाता है कि यह जिउतिया पर्व सुरक्षा कवच के रूप में काम करता है. इसलिए महिलाएं इस पर्व को करती हैं. यह पर्व निर्जला होता है. महिलाएं एक बूंद पानी भी नहीं पी सकती हैं.

Last Updated : Sep 29, 2021, 7:40 PM IST
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