साहिबगंजः मोतियाबिंद के ऑपरेशन के बाद आंखों की रोशनी जाने के मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने संज्ञान लिया है. उन्होंने अस्पताल प्रबंधन और डॉक्टर पर कार्रवाई करने को कहा है. स्पेशलिस्ट डॉक्टरों का कैंप लगाकर लोगों के आंखों की जांच कराने की बात उन्होंने कही.
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बता दें कि 22 अक्टूबर को साहिबगंज के बरहरवा प्रखंड स्थित एक निजी अस्पताल में मोतियाबिंद का ऑपरेशन कराने के बाद लगभग 12 बुजुर्गों की आंख की रोशनी चली गई. इसके बाद जिलास्तर पर कमेटी गठित कर रिपोर्ट सौंपने का जिम्मा सौंपा गया था. कमेटी ने भी सिविल सर्जन को रिपोर्ट सौंप दी है, जिसमें अस्पताल में घोर अनियमितता और डॉक्टर की लापरवाही की बात कही गई है. अस्पताल को बंद करने का आदेश दिया गया है.
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जब साहिबगंज दौरे पर आए तो इस मामले पर उनसे सवाल किया गया. जिसके बाद मुख्यमंत्री ने उपायुक्त रामनिवास यादव से पूरी जानकारी ली और आदेश दिया कि डॉक्टर पर कार्रवाई करते हुए जेल भेजा जाए और अस्पताल प्रबंधन पर कड़ी कार्रवाई की जाए. मुख्यमंत्री ने बुजुर्गों के प्रति संवेदना व्यक्त की और कहा कि 2 से 3 दिनों में रांची से टीम भेजकर एक शिविर लगवा दिया जाएगा. जिसमें वैसे बुजुर्ग जिनकी रोशनी गायब हो चुकी है, उनका चेकअप कराया जाय. जिससे कि जिनकी आंखों की रोशनी वापस आने की गुंजाइश है, उनकी रोशनी लौट जाए.
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झारखंड में आयुष्मान कार्ड के तहत लाभुकों को दी जाने वाली केंद्र और राज्य सरकार से सहायता राशि की लूट निजी अस्पतालों में बनी हुई है. बड़हरवा के निजी अस्पताल का संचालक बंगाल का रहने वाला है. प्राप्त जानकारी के अनुसार वो झारखंड, बिहार और बंगाल में कई ऐसे निजी अस्पताल खोलकर बाहर से डॉक्टर को बुलाकर ऑपरेशन आयुष्मान कार्ड के तहत करवा रहा है. ऐसे संचालक पर कड़ी कार्रवाई करने की जरूरत है.