ETV Bharat / state

World Breastfeeding Day 2019: जिला प्रशासन ने की तैयारी पूरी, दी जाएगी ब्रेस्टफीडिंग से जुड़े महत्वपूर्ण जानकारियां

विश्व स्तनपान सप्ताह को लेकर जिला प्रशासन ने पूरी तैयारी कर ली है. वहीं, समाज गोद भराई का आयोजन किया है साथ ही ब्रेस्टफीडिंग से जुड़े कई महत्वपूर्ण जानकारी महिलाओं को दी जाऐगी.

विश्व स्तनपान सप्ताह
author img

By

Published : Aug 1, 2019, 7:45 AM IST

साहिबगंज: 1 से 7 अगस्त तक विश्व स्तनपान सप्ताह मनाया जाऐगा. जिसे लेकर साहिबगंज जिला प्रशासन ने तैयारी पूरी कर ली है. विश्व स्तनपान दिवस के मौके पर ब्रेस्टफीडिंग से जुड़े कई महत्वपूर्ण जानकारी महिलाओं को दी जाएगी.


गोद भराई का आयोजन
शहर के टाउन हॉल में समाज कल्याण विभाग की तरफ से कार्यक्रम का आयोजन रखा गया है. जिसमें कल 12 से अधिक वैसी महिला जो हाल में शिशु को जन्म दी है, उन सभी के लिए गोद भराई का आयोजन किया गया है और प्रसूति महिला को स्तनपान दिवस पर इसके महत्व को समझाया जाएगा.

विश्व स्तनपान सप्ताह को लेकर तैयार जिला प्रशासन


अस्पतालों में ब्रेस्टफीडिंग कार्नर की सुविधा नहीं
जिले के किसी भी अस्पताल में ब्रेस्टफीडिंग कार्नर की सुविधा नहीं है. जिसे लेकर महिलाओं को काफी परेशानी होती है और खुले में नवजात शिशु को दूध पिलाने को मजबूर होती हैं. एक स्वास्थ्यकर्मी का कहना है कि सभी हॉस्पिटलों में ब्रेस्टफीडिंग कॉर्नर की व्यवस्था होना चाहिए क्योंकि इस व्यवस्था में एएनएम बहाल होती है, जो महिला को पहली बार बच्चे को दूध पिलाने को लेकर तरीके का इस्तेमाल बताती है. ब्रेस्टफीडिंग कार्नर के रहने से महिला अपने आप को सुरक्षित महसूस करती हैं. ब्रेस्टफीडिंग कार्नर से उनको एक सुरक्षित स्थान मिलता है. लेकिन इस तरह की व्यवस्था जिला के किसी अस्पतालों में नहीं है जो जरूरी है.

0 से 6 महीने के बच्चे को ब्रेस्टफीडींग बेहद जरूरी

सिविल सर्जन का कहना है कि विश्व स्तनपान दिवस है. महिलाओं को अपने बच्चों को 0 से 6 महीना तक मां का दूध पिलाना अति आवश्यक है. इस ब्रेस्टफीडिंग में बच्चे का विकास होता है. किसी भी बीमारी का इलाज मां के दूध में होता है इसलिए सभी बच्चे के जन्म के बाद से 6 महीने तक मां का दूध बेहद जरूरी होता है.


क्या कहा सिविल सर्जन ने ब्रेस्टफीडिंग कॉर्नर पर
सिविल सर्जन ने कहा कि ब्रेस्टफीडिंग कॉर्नर की बात है तो इसके लिए राज्य सरकार को अवगत कराया गया है कि प्रसूति माता के लिए अलग से ब्रेस्टफीडिंग कॉर्नर की व्यवस्था कराई जाए. अभी तक राज्य सरकार की तरफ से कोई दिशा-निर्देश नहीं आया और न ही इसके लिए जिला अस्पताल में अलग से कमरा खाली है. फिर भी मामला संज्ञान में आ गया है, पहल की जाएगी.

साहिबगंज: 1 से 7 अगस्त तक विश्व स्तनपान सप्ताह मनाया जाऐगा. जिसे लेकर साहिबगंज जिला प्रशासन ने तैयारी पूरी कर ली है. विश्व स्तनपान दिवस के मौके पर ब्रेस्टफीडिंग से जुड़े कई महत्वपूर्ण जानकारी महिलाओं को दी जाएगी.


गोद भराई का आयोजन
शहर के टाउन हॉल में समाज कल्याण विभाग की तरफ से कार्यक्रम का आयोजन रखा गया है. जिसमें कल 12 से अधिक वैसी महिला जो हाल में शिशु को जन्म दी है, उन सभी के लिए गोद भराई का आयोजन किया गया है और प्रसूति महिला को स्तनपान दिवस पर इसके महत्व को समझाया जाएगा.

विश्व स्तनपान सप्ताह को लेकर तैयार जिला प्रशासन


अस्पतालों में ब्रेस्टफीडिंग कार्नर की सुविधा नहीं
जिले के किसी भी अस्पताल में ब्रेस्टफीडिंग कार्नर की सुविधा नहीं है. जिसे लेकर महिलाओं को काफी परेशानी होती है और खुले में नवजात शिशु को दूध पिलाने को मजबूर होती हैं. एक स्वास्थ्यकर्मी का कहना है कि सभी हॉस्पिटलों में ब्रेस्टफीडिंग कॉर्नर की व्यवस्था होना चाहिए क्योंकि इस व्यवस्था में एएनएम बहाल होती है, जो महिला को पहली बार बच्चे को दूध पिलाने को लेकर तरीके का इस्तेमाल बताती है. ब्रेस्टफीडिंग कार्नर के रहने से महिला अपने आप को सुरक्षित महसूस करती हैं. ब्रेस्टफीडिंग कार्नर से उनको एक सुरक्षित स्थान मिलता है. लेकिन इस तरह की व्यवस्था जिला के किसी अस्पतालों में नहीं है जो जरूरी है.

0 से 6 महीने के बच्चे को ब्रेस्टफीडींग बेहद जरूरी

सिविल सर्जन का कहना है कि विश्व स्तनपान दिवस है. महिलाओं को अपने बच्चों को 0 से 6 महीना तक मां का दूध पिलाना अति आवश्यक है. इस ब्रेस्टफीडिंग में बच्चे का विकास होता है. किसी भी बीमारी का इलाज मां के दूध में होता है इसलिए सभी बच्चे के जन्म के बाद से 6 महीने तक मां का दूध बेहद जरूरी होता है.


क्या कहा सिविल सर्जन ने ब्रेस्टफीडिंग कॉर्नर पर
सिविल सर्जन ने कहा कि ब्रेस्टफीडिंग कॉर्नर की बात है तो इसके लिए राज्य सरकार को अवगत कराया गया है कि प्रसूति माता के लिए अलग से ब्रेस्टफीडिंग कॉर्नर की व्यवस्था कराई जाए. अभी तक राज्य सरकार की तरफ से कोई दिशा-निर्देश नहीं आया और न ही इसके लिए जिला अस्पताल में अलग से कमरा खाली है. फिर भी मामला संज्ञान में आ गया है, पहल की जाएगी.

Intro:कल विश्व स्तन पान दिवस मनाने को लेकर जिला प्रशासन रेश। जिला के किसी भी अस्पतालों में ब्रैस्ट फीडिंग कार्नर की ब्यवस्था नही। प्रसूति माता खुले में नवजात शिशु को दूध पिलाने को मजबूर।



Body:कल विश्व स्तन पान दिवस मनाने को लेकर जिला प्रशासन रेश। जिला के किसी भी अस्पतालों में ब्रैस्ट फीडिंग कार्नर की ब्यवस्था नही। प्रसूति माता खुले में नवजात शिशु को दूध पिलाने को मजबूर।
स्टोरी-सहिबगंज- कल विश्व स्तनपान दिवस को मनाने को लेकर जिला प्रशासन रेश हो चुका है। कल शहर के टाउन हॉल में समाज कल्याण विभाग की तरफ से कार्यक्रम का आयोजन रखा गया है कल दर्जनों वैसी महिला जो हाल शिशु को जन्म दी हो उन सभी को गोद भराई का आयोजन होगा और प्रसूति महिला को स्तनपान दिवस पर इसके महत्व को समझाया जाएगा।
बात करे जिला में किसी भी अस्पतालों का तो डिलेवरी के बाद प्रसूति माता खुले रूम में सबके सामने नवजात शिशु को अपना पहला स्तनपान कराती है। जाहिर है जो पहली बार महिला माँ बनती है तो सबके सामने स्तनपान कराने में शर्माती है या बच्चे को दूध नही भी पिलाती है। अलग से ब्रैस्ट फीडिंग कार्नर नही रहने से प्रसूति माता को बच्चे को स्तनपान कराने में परेशानी होती है है।
एक स्वास्थ्य कर्मी का कहना है कि सभी हॉस्पिटलों में ब्रेस्टफीडिंग कॉर्नर की व्यवस्था होना चाहिए क्योंकि इस व्यवस्था में एएनएम बहाल हो होती है जो महिला को प्रथम बार बच्चे को दूध पिलाने को लेकर तरीके का इस्तेमाल बताती है इस ब्रेस्टफीडिंग कार्नर से प्रसूति महिला अपने आप को सुरक्षित महसूस करती हैं। उनको एक सुरक्षित स्थान मिलता है लेकिन इस तरह की व्यवस्था जिला के किसी अस्पतालों में नहीं है जो निहायत जरूरी है और खुले में सबके सामने स्तनपान कराने में मजबूर रहती है।
बाइट- एम बाबू,स्वास्थ्यकर्मी
एएनएम का कहना है कि डिलीवरी 10 मिनट के बाद हम लोग अपने स्तर से प्रसूति माता को सलाह देते हैं कि बच्चे को दूध पिलाएं और सभी लोग पिलाती भी है लेकिन ब्रेस्टफीडिंग कॉर्नर की बात की जाए तो ऐसा हॉस्पिटल में नहीं है ऐसा अगर होता है तो अच्छा लगेगा।
बाइट- माया देवी,ANM
सिविल सर्जन का कहना है कि कल विश्व स्तनपान दिवस है महिलाओं को अपने बच्चों को 0 से 6 महीना तक मां का दूध पिलाना अति आवश्यक है इस ब्रेस्टफीडिंग में बच्चे का आयु में विकास होता है कैसी बीमारी का इलाज मां के दूध में होता है इसलिए सभी प्रसूति माता से कहना है कि अपने बच्चों को जल के बाद और 6 महीना तक अपना दूध जरूर पिलाएं
सिविल सर्जन ने कहा कि ब्रेस्टफीडिंग कॉर्नर की बात है तो इसके लिए राज्य सरकार को अवगत कराया गया है कि प्रस्तुति माता के लिए अलग से ब्रेस्टफीडिंग कॉर्नर की व्यवस्था कराई जाए। अभी तक राज्य सरकार की तरफ से कोई दिशानिर्देश नहीं आया और ना ही इसके लिए जिला अस्पताल में अलग से कमरा खाली है फिर भी मामला संज्ञान में आ गया है पहल की जाएगी।
बाइट- दिलीप मुर्मू,सीएस,सहिबगज



Conclusion:ब्रैस्ट फीडिंग कार्नर नही होने से प्रसूति महिला को होती है परेशानी। जिला स्वास्थ्य विभाग इस दिशा में लापरवाह।
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.