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साहिबगंजः सूर्य ग्रहण के बाद गंगा स्नान के लिए श्रद्धालु पहुंचे गंगा घाट, किया दान-पुण्य - साहिबगंज गंगा घाट

साहिबगंज में सूर्य ग्रहण के बाद गंगा स्नान करने के लिए शहर के मुक्तेश्वर घाट और शकुंतला सहाय घाट पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी. यहां लोग स्नान करने के बाद सूर्य देव की पूजा और गरीबों के बीच दान पुण्य भी करते नजर आए.

Ganga ghat
गंगा घाट
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Published : Dec 26, 2019, 3:08 PM IST

साहिबगंजः सूर्य ग्रहण की समाप्ति के बाद श्रद्धालुओं की भीड़ गंगा स्नान करने के लिए जमा हुई. शहर के मुक्तेश्वर घाट और शकुंतला सहाय घाट पर लोग स्नान कर सूर्य देव की पूजा और दान-पुण्य करते नजर आए.

देखें पूरी खबर

हिंदू रीति रिवाज के अनुसार ऐसा मानना है कि सूर्य ग्रहण के बाद मात्र गंगा स्नान करने से सारे पापों से मुक्ति मिल जाती है. इसके साथ ही भगवान सूर्य की पूजा करने और गरीबों के बीच दान पुण्य करने से सुख-शांति और समृद्धि की भी प्राप्ति होती है.


आज दूर-दराज क्षेत्रों से गंगा स्नान करने लेकर लोग पहुंचे. गंगा घाटों पर महिला और पुरुष के साथ ही बच्चे भी काफी संख्या में पहुंचकर गंगा स्नान किया और तिल, अरवा चावल और गुड़ और मुद्रा छूकर गरीबों के बीच दान पुण्य करते नजर आए.

ये भी पढ़ें-जामताड़ा में ठंड से ठिठुर रहे लोग, प्रशासन ने अलाव की व्यवस्था कराने का दिया आदेश


वहीं, पूजारियों का कहना है कि हिंदू रीति रिवाज के अनुसार ऐसी मान्यता है कि सूर्य ग्रहण से 12 घंटे पहले से मनुष्य और जानवर के बीच सूतक लग जाता है. गंगा स्नान करने के बाद ही शरीर शुद्ध हो पाता है. गंगा पतित पावनी है, स्नान करना तो दूर की बात शरीर पर जल मात्र छिट लेने से शरीर शुद्ध हो जाता है. इसी के उपलक्ष में आज सूर्य ग्रहण के बाद गंगा स्नान करने को लेकर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी है. लोग दान पूण्य करने के बाद ही भोजन करते हैं. झारखंड के एकमात्र साहिबगंज जिले में गंगा बहती है जिसमें स्नान कर लोग पूजा पाठ कर भगवान सूर्य से सुख समृद्धि की कामना कर रहे हैं.

साहिबगंजः सूर्य ग्रहण की समाप्ति के बाद श्रद्धालुओं की भीड़ गंगा स्नान करने के लिए जमा हुई. शहर के मुक्तेश्वर घाट और शकुंतला सहाय घाट पर लोग स्नान कर सूर्य देव की पूजा और दान-पुण्य करते नजर आए.

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हिंदू रीति रिवाज के अनुसार ऐसा मानना है कि सूर्य ग्रहण के बाद मात्र गंगा स्नान करने से सारे पापों से मुक्ति मिल जाती है. इसके साथ ही भगवान सूर्य की पूजा करने और गरीबों के बीच दान पुण्य करने से सुख-शांति और समृद्धि की भी प्राप्ति होती है.


आज दूर-दराज क्षेत्रों से गंगा स्नान करने लेकर लोग पहुंचे. गंगा घाटों पर महिला और पुरुष के साथ ही बच्चे भी काफी संख्या में पहुंचकर गंगा स्नान किया और तिल, अरवा चावल और गुड़ और मुद्रा छूकर गरीबों के बीच दान पुण्य करते नजर आए.

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वहीं, पूजारियों का कहना है कि हिंदू रीति रिवाज के अनुसार ऐसी मान्यता है कि सूर्य ग्रहण से 12 घंटे पहले से मनुष्य और जानवर के बीच सूतक लग जाता है. गंगा स्नान करने के बाद ही शरीर शुद्ध हो पाता है. गंगा पतित पावनी है, स्नान करना तो दूर की बात शरीर पर जल मात्र छिट लेने से शरीर शुद्ध हो जाता है. इसी के उपलक्ष में आज सूर्य ग्रहण के बाद गंगा स्नान करने को लेकर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी है. लोग दान पूण्य करने के बाद ही भोजन करते हैं. झारखंड के एकमात्र साहिबगंज जिले में गंगा बहती है जिसमें स्नान कर लोग पूजा पाठ कर भगवान सूर्य से सुख समृद्धि की कामना कर रहे हैं.

Intro:सूर्य ग्रहण के बाद गंगा स्नान करने से हर कस्ट से मिलती है मुक्ति। श्रद्धालु सूर्य की पूजा कर और दान पुण्य से छूत से पा रहे है मुक्ति।



Body:सूर्य ग्रहण के बाद गंगा स्नान करने से हर कस्ट से मिलती है मुक्ति। श्रद्धालु सूर्य की पूजा कर और दान पुण्य से छूत से पा रहे मुक्ति।
स्टोरी-साहिबगंज-- सूर्य ग्रहण सम्पति के बाद श्रद्धालुओं की भीड़ गंगा स्नान करने को लेकर उमड़ पड़ी ।शहर के मुक्तेश्वर घाट और शकुंतला सहाय घाट पर लोग स्नान कर सूर्य देव की पूजा और दान पुण्य करते नजर आये। हिन्दू रीति रिवाज के अनुसार ऐसा मानना है कि सूरज ग्रहण के बाद मात्र गंगा स्नान करने से सारे पाप से मुक्ति मिल जाती हैं और भगवान सूर्य का पूजा करने और गरीबों के बीच दान पुण्य करने से सारे पाप से मुक्ति तो मिलती है साथ ही सुख शांति और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
आज गंगा स्नान करने आए दूरदराज क्षेत्रों से लोग स्नान करने को लेकर पहुंचे। गंगा घाटों पर महिला पुरुष बच्चे काफी संख्या में पहुंचकर गंगा स्नान किया और तिल, अरवा चावल और गुड़ और मुद्रा छूकर गरीबों के बीच दान पुण्य करते नजर आए ताकि पूण्य की प्राप्ति हो सके।
आचार्य का कहना है कि सूर्य ग्रहण से 12 घंटा पहले से मनुष्य हो या जानवर को सूतक लग जाता है गंगा स्नान करने के बाद ही शरीर शुद्ध हो पाता है ऐसा हिंदू रीति रिवाज के अंत अनुसार मान्यता है ।गंगा पतित पावनी है स्नान करना तो दूर की बात शरीर पर जल मात्र छिट लेने से शरीर शुद्ध हो जाता है। इसी के उपलक्ष में आज सूर्य ग्रहण के बाद गंगा स्नान करने को लेकर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी है। लोग दान पूर्ण करने के बाद ही भोजन करते हैं ।झारखंड का साहिबगंज जिला में एकमात्र गंगा है जिस गंगा में स्नान कर लोग पूजा पाठ कर भगवान सूर्य से सुख समृद्धि का कामना कर रहे हैं।
बाइट-- पंडित राहुल आचार्य


Conclusion:निश्चित रूप से पतित पावनी गंगा में डुबकी लगाने से सारे पाप से मुक्ति मिल जाती है ऐसा ही नजारा आज जिले के कई घाटों पर देखने को मिला सूर्य ग्रहण के बाद लोग स्नान कर पूजा पाठ करने के बाद ही भोजन करने में विश्वास रखते हैं
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