साहिबगंज: जिले के बरहेट लैम्पस (Barhait Lamps) में 1200 क्विंटल धान गायब होने की खबर सुर्खियों में आने के बाद प्रशासन हरकत में आया है. इस खबर को ईटीवी भारत ने प्रमुखता से दिखाई थी. जिसके बाद उपायुक्त ने मामले की जांच सदर एसडीओ हेमंत सती को सौंपा था. जांच रिपोर्ट में पाया गया कि जब लैम्पस का ताला तोड़ा गया तो धान नहीं के बराबर था. जांच में लैम्पस के सचिव अध्यक्ष और कॉपरेटिव रैंक के अधिकारी की संलिप्तता पाई गई है.
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उपायुक्त ने बताया कि एसडीओ के जांच रिपोर्ट से यह स्पष्ट हो गया है कि इस मामले में लैम्पस के सचिव, अध्यक्ष और कोऑपरेटिव रैंक के अधिकारी की मिलीभगत है. उनपर एफआईआर दर्ज करने का आदेश दे दिया गया है, साथ विभागीय कार्रवाई भी की जाएगी. उपायुक्त ने ईटीवी भारत को बताया कि कई बार रिव्यू मीटिंग में धान स्टॉक दिखाया जा रहा था, मैंने धान मिल में भेजने का आदेश भी दे दिया था, ताकि किसान को राशि मिल सके, लेकिन मालूम चला कि लैम्पस के अधिकारी बाजार से धान खरीद कर मिल में भेजने की तैयारी में है, जिसके बाद शक यकीन में बदल गया, घोटाले के मामले की जांच सही पाई गई है.
दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का विधानसभा क्षेत्र बरहेट है और बरहेट लैम्पस में किसान का धान का घोटाला सामने आने के बाद प्रशासन रेस हो गई है. 1200 क्विंटल धान की कीमत 24 लाख रुपया है. जिसके गबन की बात सामने आई है. किसान के साथ इस तरह का धोखा जिले में पहली बार हुआ है. निश्चित रूप से ईटीवी भारत की खबर का असर जिला प्रशासन पर हुआ. अब दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की तैयारी चल रही है.
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क्या है मामला
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के विधानसभा क्षेत्र बरहेट के लैम्पस से किसान का लगभग 1200 क्विंटल धान गायब होने का मामला प्रकाश में आया है. जिससे लगभग 24 लाख रुपया का चूना सरकार लगा है और किसान को भी भुगतान से पहले उनका धान गायब हो गया है. ये पूरा मामला तब सामने में आया, जब किसान ने समाहरणालय पहुंचकर उपायुक्त से मिलकर अपनी धान की राशि नहीं मिलने की शिकायत की. उपायुक्त ने अनुमंडल पदाधिकारी को जांच करने का आदेश दिया और रिपोर्ट देने को कहा.
कागजों पर ठोस हिसाब-किताब
अनुमंडल पदाधिकारी की ओर से मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में पुलिस फोर्स के साथ बरहेट लैम्पस का ताला तोड़ा गया तो पाया गया कि लैम्पस में धान नहीं है. जब रजिस्टर से सूची का मिलान किया गया तो लिस्ट में धान की क्वांटिटी चढ़ी हुई मिली, लेकिन बरहेट लैम्पस से चावल मिल तक धान नहीं पहुंचने की कोई जानकारी कहीं दर्ज नहीं है.