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अवैध खनन की चपेट में ट्रांसमिशन लाइन का 4 टावर, कभी भी अंधेरे में डूब सकता है साहिबगंज

साहिबगंज में धड़ल्ले से अवैध खनन (Illegal Mining) चल रहा है. पत्थर खदानों में हैवी ब्लास्टिंग (Heavy Blasting) होने से ट्रांसमिशन लाइन में खराबी आ रही है. जिसके कारण ग्रिड को सही वोल्टेज नहीं मिल पाता है और लोगों को लो वोल्टेज से जूझना पड़ रहा है. खदानों में लगातार हैवी ब्लास्टिंग होने से जिले में विद्युत व्यवस्था कभी भी ब्लैक आउट (Black Out) हो सकता है. जिसके कारण लोगों को समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है.

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बिजली की समस्या
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Published : Aug 1, 2021, 7:28 PM IST

साहिबगंज: जिले के ललमटिया स्थित धनकुंडा ग्रिड से ट्रांसमिशन लाइन (Transmission Line) के जरिए कई जिलों में 1.32 लाख केवीए का पावर सप्लाई होता है. इस ट्रांसमिशन लाइन के कई टावर पत्थर खदान की चपेट में आ रहे हैं. पत्थर खदानों में लगातार हैवी ब्लास्टिंग (Heavy Blasting) होने से कुछ दिनों से ट्रांसमिशन लाइन में खराबी आ रही है. ब्लास्ट के कारण ट्रांसमिशन लाइन में लगे विद्युत कंडक्टर भी अक्सर खराब हो रहे हैं, जिसके कारण ग्रिड को सही वोल्टेज नहीं मिल पाता है और लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

इसे भी पढे़ं: अब घर बैठे उपभोक्ता जानेंगे क्यों रुठी बिजली रानी, जानिए क्या है पूरा प्लान

जिले में पिछले कुछ दिनों से कई इलाकों के लोगों को लो वोल्टेज की समस्या से जूझना पड़ रहा है. कंडक्टर खराब होने के कारण लो वोल्टेज और लाइन ट्रिप की समस्या उत्पन्न हो रही है. खदानों में लगातार हैवी ब्लास्टिंग होने से जिले में विद्युत व्यवस्था कभी भी ब्लैक आउट हो सकता है. जिसके कारण लोगों को समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. बिजली विभाग के कार्यपालक अभियंता राज कुमार का कहना है कि पत्थर खदान में होने वाले ब्लास्टिंग की चपेट में आकर अगर ट्रांसमिशन लाइन टावर गिर जाता है तो एक महीने तक जिले में बिजली आपूर्ति ठप हो सकती है.

देखें स्पेशल स्टोरी



टावर गिरने पर एक महीने तक बिजली की आपूर्ति ठप

राज कुमार ने बताया कि अगर ब्लास्टिंग से एक भी टावर गिरता है तो एक महीने तक पूरा शहर अंधेरे में डूब सकता है. नया टावर लगाने में कम से कम 20 से 25 दिन लग सकता है. उन्होंने बताया कि मामले की जानकारी जिरवाबाड़ी थाना, उपायुक्त और खनन पदाधिकारी विभूति कुमार को दे दी गई है ताकि जल्द से जल्द संज्ञान लेकर अवैध खनन पर रोक लगाए, नहीं तो बहुत बड़ी घटना घट सकती है. वहीं इस समस्या को लेकर साहिबगंज ग्रिड के सहायक अभियंता अशोक मुर्मू ने टावर और कंडक्टर को होने वाले क्षति को लेकर जिरवाबाड़ी थाना में शिकायत भी की है.

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अवैध खनन

इसे भी पढे़ं: मानसून बिजली विभाग के लिए हर साल बन जाता है सरदर्द, जानिए इस बार क्या है खास तैयारी

स्थानीय लोगों ने खनन विभाग के अधिकारियों पर लगाया आरोप

वहीं, स्थानीय लोगों का कहना है कि जिला प्रशासन की अनदेखी के कारण इस तरह की समस्या उत्पन्न हो रही है. जिले में अवैध खनन धड़ल्ले से चल रहा है. अवैध खनन क्षेत्र में चार टावर हैं जिसके नीचे क्रेशर चल रहा है. खनन विभाग के अधिकारियों के शह पर जिले में इस तरह का अवैध कार्य हो रहा है. अगर एक भी टावर क्षतिग्रस्त होकर गिरता है तो खनन क्षेत्र में काम करने वाले दर्जनों मजदूरों की मौत हो सकती है. इसमें जिला प्रशासन को हस्तक्षेप करने की जरूरत है.

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खदानों के पास के टावर को खतरा

अवैध खनन से हो सकती है बिजली की समस्या

जिले में अवैध खनन से भविष्य में बिजली की समस्या हो सकती है. इस मामले की जानकारी उपायुक्त राम निवास यादव को भी मिली है. उन्होंने कहा कि पत्थर खदानों में हैवी ब्लास्टिंग से ट्रांसमिशन का टावर क्षतिग्रस्त हो रहा है. मामले की जांच करवाई जाएगी और बहुत जल्द इसका समाधान कर लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि किसी भी सूरत में शहर को अंधकारमय नहीं होने दिया जाएगा.

इसे भी पढे़ं: झारखंड में शराब के बाद अब बिजली का भी निजीकरण, विपक्ष ने कहा- गुणवत्ता में होगी गिरावट

नियम का उल्लंघन कर हो रहा खनन

ललमटिया से साहिबगंज ग्रिड तक आने वाले ट्रांसमिशन लाइन के कई टावर खनन के दायरे में आ रहे हैं. शहर के पास स्थित कर्मा पहाड़ पर टावर संख्या 136, 137, 138, 139 के काफी पास कई खदान संचालित हो रहे हैं जिसमें लगातार विस्फोट किया जाता है. विस्फोट के कारण टावर में लगा कंडक्टर खराब हो जा रहा है. वहीं, टावर को खदान के काफी नजदीक लगाया गया है जो कभी भी ब्लास्टिंग की चपेट में आकर गिर सकता है. टावर गिरने के बाद साहिबगंज जिले का विद्युत आपूर्ति पूरी तरह से ठप हो जाएगी. नियमानुसार टावर लाइन के 500 मीटर के दायरे में विस्फोट करने पर रोक है. इसके बावजूद भी टावर के पास धड़ल्ले से खनन हो रहा है.

साहिबगंज: जिले के ललमटिया स्थित धनकुंडा ग्रिड से ट्रांसमिशन लाइन (Transmission Line) के जरिए कई जिलों में 1.32 लाख केवीए का पावर सप्लाई होता है. इस ट्रांसमिशन लाइन के कई टावर पत्थर खदान की चपेट में आ रहे हैं. पत्थर खदानों में लगातार हैवी ब्लास्टिंग (Heavy Blasting) होने से कुछ दिनों से ट्रांसमिशन लाइन में खराबी आ रही है. ब्लास्ट के कारण ट्रांसमिशन लाइन में लगे विद्युत कंडक्टर भी अक्सर खराब हो रहे हैं, जिसके कारण ग्रिड को सही वोल्टेज नहीं मिल पाता है और लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

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जिले में पिछले कुछ दिनों से कई इलाकों के लोगों को लो वोल्टेज की समस्या से जूझना पड़ रहा है. कंडक्टर खराब होने के कारण लो वोल्टेज और लाइन ट्रिप की समस्या उत्पन्न हो रही है. खदानों में लगातार हैवी ब्लास्टिंग होने से जिले में विद्युत व्यवस्था कभी भी ब्लैक आउट हो सकता है. जिसके कारण लोगों को समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. बिजली विभाग के कार्यपालक अभियंता राज कुमार का कहना है कि पत्थर खदान में होने वाले ब्लास्टिंग की चपेट में आकर अगर ट्रांसमिशन लाइन टावर गिर जाता है तो एक महीने तक जिले में बिजली आपूर्ति ठप हो सकती है.

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टावर गिरने पर एक महीने तक बिजली की आपूर्ति ठप

राज कुमार ने बताया कि अगर ब्लास्टिंग से एक भी टावर गिरता है तो एक महीने तक पूरा शहर अंधेरे में डूब सकता है. नया टावर लगाने में कम से कम 20 से 25 दिन लग सकता है. उन्होंने बताया कि मामले की जानकारी जिरवाबाड़ी थाना, उपायुक्त और खनन पदाधिकारी विभूति कुमार को दे दी गई है ताकि जल्द से जल्द संज्ञान लेकर अवैध खनन पर रोक लगाए, नहीं तो बहुत बड़ी घटना घट सकती है. वहीं इस समस्या को लेकर साहिबगंज ग्रिड के सहायक अभियंता अशोक मुर्मू ने टावर और कंडक्टर को होने वाले क्षति को लेकर जिरवाबाड़ी थाना में शिकायत भी की है.

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अवैध खनन

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स्थानीय लोगों ने खनन विभाग के अधिकारियों पर लगाया आरोप

वहीं, स्थानीय लोगों का कहना है कि जिला प्रशासन की अनदेखी के कारण इस तरह की समस्या उत्पन्न हो रही है. जिले में अवैध खनन धड़ल्ले से चल रहा है. अवैध खनन क्षेत्र में चार टावर हैं जिसके नीचे क्रेशर चल रहा है. खनन विभाग के अधिकारियों के शह पर जिले में इस तरह का अवैध कार्य हो रहा है. अगर एक भी टावर क्षतिग्रस्त होकर गिरता है तो खनन क्षेत्र में काम करने वाले दर्जनों मजदूरों की मौत हो सकती है. इसमें जिला प्रशासन को हस्तक्षेप करने की जरूरत है.

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खदानों के पास के टावर को खतरा

अवैध खनन से हो सकती है बिजली की समस्या

जिले में अवैध खनन से भविष्य में बिजली की समस्या हो सकती है. इस मामले की जानकारी उपायुक्त राम निवास यादव को भी मिली है. उन्होंने कहा कि पत्थर खदानों में हैवी ब्लास्टिंग से ट्रांसमिशन का टावर क्षतिग्रस्त हो रहा है. मामले की जांच करवाई जाएगी और बहुत जल्द इसका समाधान कर लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि किसी भी सूरत में शहर को अंधकारमय नहीं होने दिया जाएगा.

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नियम का उल्लंघन कर हो रहा खनन

ललमटिया से साहिबगंज ग्रिड तक आने वाले ट्रांसमिशन लाइन के कई टावर खनन के दायरे में आ रहे हैं. शहर के पास स्थित कर्मा पहाड़ पर टावर संख्या 136, 137, 138, 139 के काफी पास कई खदान संचालित हो रहे हैं जिसमें लगातार विस्फोट किया जाता है. विस्फोट के कारण टावर में लगा कंडक्टर खराब हो जा रहा है. वहीं, टावर को खदान के काफी नजदीक लगाया गया है जो कभी भी ब्लास्टिंग की चपेट में आकर गिर सकता है. टावर गिरने के बाद साहिबगंज जिले का विद्युत आपूर्ति पूरी तरह से ठप हो जाएगी. नियमानुसार टावर लाइन के 500 मीटर के दायरे में विस्फोट करने पर रोक है. इसके बावजूद भी टावर के पास धड़ल्ले से खनन हो रहा है.

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