साहिबगंजः झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के विधानसभा क्षेत्र बरहेट के लैम्पस से किसान का लगभग 1200 क्विंटल धान गायब होने का मामला प्रकाश में आया है. इस वाकये से लगभग 24 लाख रुपया का चूना सरकार लगा है और किसान को भी भुगतान से पहले उनका धान गायब हो गया है.
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ये पूरा मामला तब सामने में आया, जब किसान समाहरणालय पहुंचकर उपायुक्त से मिलकर अपनी धान की राशि नहीं मिलने की शिकायत की. उपायुक्त ने अनुमंडल पदाधिकारी को जांच करने का आदेश दिया और रिपोर्ट देने को कहा.
अनुमंडल पदाधिकारी की ओर से मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में पुलिस फोर्स के साथ बरहेट लैम्पस का ताला तोड़ा गया तो पाया गया कि लैम्पस में धान नहीं है. जब रजिस्टर से सूची का मिलान किया गया तो लिस्ट में धान की क्वांटिटी चढ़ी हुई मिली. लेकिन बरहेट लैम्पस से चावल मिल तक धान नहीं पहुंचने की कोई जानकारी कहीं दर्ज नहीं है. ऐसी परिस्थिति में धान बीच में कहां गायब हो गई, इसकी जांच चल रही है.
अनुमंडल पदाधिकारी हेमंत सती ने बताया कि वह बरहेट लैम्पस में लगभग 1200 क्विंटल धान गायब होने का मामला सही पाया गया है. इसमें लगभग 24 लाख का गबन का मामला है. इस घोटाला में बरहेट लैम्पस के सचिव और सहकारिता विभाग के कर्मी संलिप्त होने की आशंका है, इसको लेकर जांच चल रही है और दो दिन के अंदर पूरी रिपोर्ट उपायुक्त को सौंप दी जाएगी. उसके बाद कानूनी कार्रवाई करते हुए विभागीय कार्रवाई भी की जाएगी.
बीजेपी से राजमल विधायक अनंत ओझा ने भी इस घोटाले का निंदा की है. उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचारी को कहीं ना कहीं सफेदपोश लोग पनाह दे रहे हैं. मुख्यमंत्री के विधानसभा में घोटाला का पर्दाफाश होना कई सवाल खड़े करता है. मुख्यमंत्री को चाहिए कि संबंधित विभाग के पदाधिकारी और सफेदपोशों पर कड़ी कार्रवाई करें.