साहिबगंज: जिले में डेंगू मरीजों की संख्या बढ़ती ही जा रही है. शुक्रवार को डेंगू के संदिग्ध 40 मरीजों का सैंपल लिया गया था, जिसमें जांच के बाद 11 मरीजों में डेंगू की पुष्टि हुई है. इस तरह साहिबगंज जिले में डेंगू मरीजों की संख्या बढ़कर 99 हो चुकी है. वहीं डेंगू की चपेट में आए मरीजों का इलाज बिहार और पश्चिम बंगाल के विभिन्न अस्पतालों में चल रहा है. जिला मलेरिया सलाहकार डॉ सती डाबडा के अनुसार अब तक डेंगू सस्पेक्टेड 325 मरीज मिले हैं. जिनकी रिपोर्ट अभी आना बाकी है. शुक्रवार को मिले डेंगू के 11 मरीजों में सिर्फ उधवा प्रखंड के नौ मरीज शामिल हैं. वहीं सदर प्रखंड में दो डेंगू के दो मरीजों की पहचान हुई है.
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डेंगू से बचाव को लेकर जागरुकता बैठक आयोजितः शुक्रवार को स्वास्थ्य विभाग की ओर से उधवा प्रखंड के राधानगर पंचायत भवन में पीआरआई सदस्य, सीएचओ, एएनएम, एमटीएस, एमपीडब्ल्यू और बिटीटी के बीच डेंगू संबंधित जागरुकता बैठक आयोजित की गई. जिसमें स्वास्थ्य कर्मियों को बताया गया कि जिले में डेंगू के प्रकोप को देखते हुए ग्रामीणों के बीच जागरुकता फैलाएं. साथ ही ध्यान रखें कि वह बरसात के मौसम में वैसी वस्तुएं जहां पानी का ठहराव हो सकता है उसकी सफाई कराते रहें. इसके अलावा अगर घर के आसपास किसी गड्ढे में जलजमाव होता है तो तत्काल उसे साफ कराने की व्यवस्था करें. इस बीच बताया गया कि डेंगू बुखार एडीज नामक मच्छर के काटने से होता है. एडीज मच्छर साफ पानी में पनपता है. वहीं घर में रखे फ्रीज ट्रे, कूलर, बिना ढकी हुई टंकी एडीज मच्छर के लिए नर्सरी का काम करते हैं और हमारे आसपास रहकर बीमारी फैलाते हैं.
डेंगू मरीजों के लिए दो अस्पतालों में अलग वार्ड बनाया गयाः इस संबंध में साहिबगंज के सिविल सर्जन डॉ अरविंद कुमार ने कहा कि डेंगू एक वायरस बीमारी है. उधवा प्रखंड में सबसे अधिक डेंगू के मरीज मिल रहे हैं. ये सभी मरीज प्रवासी मजदूर हैं. स्वास्थ्य विभाग डेंगू से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है. साहिबगंज सदर अस्पताल और राजमहल अनुमंडल अस्पताल में 11-11 बेड का अलग डेंगू वार्ड बनाया गया है.