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पंचायत चुनाव समय पर ना कराने पर जिप सदस्यों ने सरकार को घेरा, मंगलवार को करेंगे विरोध-प्रदर्शन

झारखंड में समय पर पंचायत चुनाव ना होने पर जनप्रतिनिधियों में मायूसी छा गई है. हालांकि ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने कहा है कि जब तक पंचायत चुनाव नहीं होते हैं, तब तक पंचायती राज व्यवस्था के लिए प्रत्येक पंचायत में समूह सह समिति के गठन पर विचार किया जा रहा है. इसको लेकर जिला परिषद सदस्यों ने विरोध जताते हुए मंगलवार को सभी रांची में विरोध-प्रदर्शन करेंगे.

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निर्वाचन भवन
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Published : Dec 29, 2020, 12:20 AM IST

रांचीः झारखंड में पंचायत चुनाव समय पर नहीं होने से पंचायती राज व्यवस्था के जनप्रतिनिधियों में मायूसी छा गई है. हालांकि झारखंड राज्य सरकार पंचायती राज व्यवस्था को वैकल्पिक तौर पर संचालित करने की तैयारी में जुट गई है. ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि जब तक पंचायत चुनाव नहीं होते हैं, तब तक पंचायती राज व्यवस्था के लिए प्रत्येक पंचायत में समूह सह समिति के गठन पर विचार किया जा रहा है.

जिप सदस्य देंगे धरना
पंचायत प्रतिनिधियों की गुहार

पंचायत प्रतिनिधियों ने समय पर पंचायत चुनाव कराने को लेकर सरकार से गुहार लगाई है. उनका कहना है कि व्हाट्सएप मैसेज के जरिए सूचना मिली है कि 4 जनवरी को सभी पंचायत प्रतिनिधियों का कार्यकाल समाप्त हो रहा है. पंचायत चुनाव समय पर नहीं होता है तो गांव तक विकास की योजनाएं कैसे पहुंचेगी. सरकार अगर पंचायत चुनाव नहीं कराती है तो तमाम जिला परिषद सदस्य मंगलवार को जिला मुख्यालय में धरना-प्रदर्शन कर अपना विरोध जताएंगे. साथ ही राज्यपाल और नेता प्रतिपक्ष को ज्ञापन भी सौंपेंगे. सरकार को जल्द से जल्द त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव कराने को लेकर निर्णय लेना चाहिए.

इसे भई पढ़ें- रांची नगर निगम के नए भवन का CM करेंगे उद्घाटन, खरमास के बाद शुरू होगा कामकाज



4 जनवरी को खत्म हो रहा पंचायत का कार्यकाल

पंचायती राज व्यवस्था के तहत कार्य कर चुके प्रतिनिधियों के तहत चुने गए जिला परिषद, मुखिया, पंचायत समिति सदस्य, वार्ड पार्षद की अवधि 4 जनवरी को समाप्त होने वाला है. ऐसे में ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि वैश्विक महामारी की वजह से इस बार चुनाव का समय पर नहीं कराया जा सकता है. झारखंड में ग्राम पंचायत का कार्यकाल 4 जनवरी को समाप्त होने जा रहा है. वैश्विक महामारी कोरोना से सामने आई परिस्थितियों की वजह से इस वर्ष पंचायत चुनाव करना संभव नहीं हो पा रहा. इस साल 31 दिसंबर तक ग्राम पंचायतों का विघटन और पूर्ण गठन की प्रक्रिया पूर्ण करने का लक्ष्य तय किया था लेकिन यह भी प्रक्रिया फिलहाल अटक गई है.


झारखंड में दूसरी बार पंचायत चुनाव 2015 में हुआ था. 24 जिला में 263 प्रखंडों में 4402 ग्राम पंचायतों में मुखिया के लिए चुनाव संपन्न हुए थे. पंचायत समिति के क्षेत्रीय निर्वाचन क्षेत्र की संख्या 5423 और जिला परिषद क्षेत्र निर्वाचित की संख्या 545 थी. लगभग 10 हजार पंचायत प्रतिनिधि निर्वाचित होकर पहुंचे थे. इन्हीं का तीसरे चरण का चुनाव होना था, इसके अलावा छह नगर निकाय चुनाव की अवधि मई में ही समाप्त हो चुकी है, यह भी महामारी के कारण अटकी गई है.

रांचीः झारखंड में पंचायत चुनाव समय पर नहीं होने से पंचायती राज व्यवस्था के जनप्रतिनिधियों में मायूसी छा गई है. हालांकि झारखंड राज्य सरकार पंचायती राज व्यवस्था को वैकल्पिक तौर पर संचालित करने की तैयारी में जुट गई है. ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि जब तक पंचायत चुनाव नहीं होते हैं, तब तक पंचायती राज व्यवस्था के लिए प्रत्येक पंचायत में समूह सह समिति के गठन पर विचार किया जा रहा है.

जिप सदस्य देंगे धरना
पंचायत प्रतिनिधियों की गुहार

पंचायत प्रतिनिधियों ने समय पर पंचायत चुनाव कराने को लेकर सरकार से गुहार लगाई है. उनका कहना है कि व्हाट्सएप मैसेज के जरिए सूचना मिली है कि 4 जनवरी को सभी पंचायत प्रतिनिधियों का कार्यकाल समाप्त हो रहा है. पंचायत चुनाव समय पर नहीं होता है तो गांव तक विकास की योजनाएं कैसे पहुंचेगी. सरकार अगर पंचायत चुनाव नहीं कराती है तो तमाम जिला परिषद सदस्य मंगलवार को जिला मुख्यालय में धरना-प्रदर्शन कर अपना विरोध जताएंगे. साथ ही राज्यपाल और नेता प्रतिपक्ष को ज्ञापन भी सौंपेंगे. सरकार को जल्द से जल्द त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव कराने को लेकर निर्णय लेना चाहिए.

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4 जनवरी को खत्म हो रहा पंचायत का कार्यकाल

पंचायती राज व्यवस्था के तहत कार्य कर चुके प्रतिनिधियों के तहत चुने गए जिला परिषद, मुखिया, पंचायत समिति सदस्य, वार्ड पार्षद की अवधि 4 जनवरी को समाप्त होने वाला है. ऐसे में ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि वैश्विक महामारी की वजह से इस बार चुनाव का समय पर नहीं कराया जा सकता है. झारखंड में ग्राम पंचायत का कार्यकाल 4 जनवरी को समाप्त होने जा रहा है. वैश्विक महामारी कोरोना से सामने आई परिस्थितियों की वजह से इस वर्ष पंचायत चुनाव करना संभव नहीं हो पा रहा. इस साल 31 दिसंबर तक ग्राम पंचायतों का विघटन और पूर्ण गठन की प्रक्रिया पूर्ण करने का लक्ष्य तय किया था लेकिन यह भी प्रक्रिया फिलहाल अटक गई है.


झारखंड में दूसरी बार पंचायत चुनाव 2015 में हुआ था. 24 जिला में 263 प्रखंडों में 4402 ग्राम पंचायतों में मुखिया के लिए चुनाव संपन्न हुए थे. पंचायत समिति के क्षेत्रीय निर्वाचन क्षेत्र की संख्या 5423 और जिला परिषद क्षेत्र निर्वाचित की संख्या 545 थी. लगभग 10 हजार पंचायत प्रतिनिधि निर्वाचित होकर पहुंचे थे. इन्हीं का तीसरे चरण का चुनाव होना था, इसके अलावा छह नगर निकाय चुनाव की अवधि मई में ही समाप्त हो चुकी है, यह भी महामारी के कारण अटकी गई है.

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