रांचीः राजधानी के सुखदेव नगर थाना के सामने रविवार की रात एक युवक की बेरहमी से चाकू गोदकर हत्या कर दी गई. इस हत्याकांड को एक 16 साल के नाबालिग ने अंजाम दिया था. नाबालिग ने अपने चार अन्य दोस्तों के साथ युवक को मौत के घाट उतार दिया था. आरोपियों ने मृतक को चाकुओं से गोद दिया था.
इससे मौके पर ही युवक की मौत हो गई. मृतक का नाम दीपांशु उपाध्याय है. वह इंद्रपुरी का रहने वाला था. थाना के सामने बेरहमी से हत्या की वारदात को अंजाम देने की वजह से एसएसपी ने थानेदार जॉन मुर्मू को लाइन हाजिर कर दिया है. हालांकि इस घटना में शामिल नाबालिग सहित सात आरोपी गिरफ्तार कर लिए गए हैं.
भारी पड़ी लापरवाही
एसएसपी ने दुर्गा पूजा को लेकर सभी थानेदारों को विशेष रूप से अपने क्षेत्र में सतर्कता बरतने की हिदायत दी थी, लेकिन सुखदेव नगर थाने के प्रभारी जॉन मुर्मू ने एसएसपी की बातों को गंभीरता से नहीं लिया और थाने के सामने ही एक युवक की चाकू मारकर हत्या कर दी गई. मामले में लापरवाही बरतने को लेकर एसएसपी ने थाना प्रभारी को लाइन हाजिर कर दिया.
पिस्टल बरामद
पुलिस ने पकड़े गए नाबालिग के पास से एक पिस्टल भी बरामद किया है. घटना को अंजाम देने के बाद नाबालिग सहित उसके सभी साथी दुर्गा मंदिर के समीप स्थित एक घर में जाकर छुप गए थे.
जहां से पुलिस ने छापेमारी कर सभी को दबोच लिया. इधर, घटना के बाद गुस्साए मृतक के परिजनों और मोहल्लेवासियों ने नाबालिग आरोपित के घर में तोड़फोड़ का और जमकर पथराव किया.
हालांकि पुलिस मौके पर पहुंची और पथराव करने वालों को खदेड़ा. गिरफ्तार आरोपियो में नाबालिग के अलावा सोनू कुमार, निहाल पांडे, अंकित पाठक, सूरज यादव, संजीत कुमार और गुड्डू कुमार गुप्ता उर्फ गोलू शामिल हैं.
दीपांशु उपाध्याय की हत्या में शामिल मुख्य आरोपी नाबालिग रातू रोड कब्रिस्तान में डबल मर्डर कर लाश छुपाने के मामले में भी शामिल था.
सिल्की गुरुंग और अनुराग विश्वकर्मा की हत्या कर लाश को छुपा दिया गया था. पहली हत्या 28 दिसंबर 2018 की रात सिल्की गुरुंग की गई थी. इतनी सफाई से उसकी हत्या कर रातू रोड कब्रिस्तान में दफनाया था कि 14 दिन भी किसी को इसकी भनक तक नहीं लग सकी थी.
जब 11 जनवरी 2019 को नाबालिग के साथी अनमोल उर्फ कांटी ने दूसरी बार अनुराग विश्वकर्मा की हत्या कर शव को रातू रोड कब्रिस्तान में दफनाया और उसकी गिरफ्तारी हुई तब यह खुलासा हुआ था.
इस हत्याकांड में रिमांड होम से छूटने के बाद अगस्त 2020 में भी उसने एक युवक को चाकू मारकर बुरी तरह से जख्मी कर दिया था. इसके बाद उसे पुलिस ने पकड़ कर रिमांड होम भेजा था. हालांकि 7 दिनों बाद ही वह रिमांड होम से छूट कर बाहर आ गया था.
रिमांड होम से निकलने के लगभग 2 माह बाद ही उसने फिर से अपने दोस्तों के साथ मिलकर थाना के समीप ही चाकू से गोदकर दीपांशु की हत्या कर दी.
खून लगा चाकू कांके डैम में फेंका
दीपांशु की हत्या करने के बाद नाबालिग आरोपी ने घटना में प्रयुक्त खून लगा चाकू लेकर सीधे कांके डैम पहुंचा था. वहां चाकू फेंक दिया.
इसके बाद दुर्गा मंदिर के पीछे स्थित किराए के मकान में जाकर दोस्तों के साथ छुप गया था. पकड़े जाने के बाद पुलिस ने जब नाबालिग से घटना में इस्तेमाल की गई चाकू के संबंध में पूछा तब उसने कांके डैम में फेंके जाने की बात बताई.
उसे बरामद करने के लिए पुलिस कांके डैम पहुंची लेकिन चाकू नही मिला. हालांकि साक्ष्य के तौर पर पुलिस ने नाबालिग आरोपी के पास से वह जींस बरामद कर लिया है जो घटना का अंजाम देने के समय वह पहन रखा था, जिसमें खून लगे थे. पुलिस संबंधित जींस और मृतक के कपड़े का एसएसएल जांच कराएगी.
कम उम्र में डॉन बनने की चाहत
हत्याकांड की घटना को अंजाम देने के बाद पकड़े गए नाबालिग आरोपी ने पुलिस की पूछताछ में बताया है कि कम उम्र में ही उसे डॉन बनने की चाहत है. उसे पिस्टल रखने का शौक है.
डॉन बनने की राह पर अपने से बड़े उम्र के लोगों के साथ मिलकर अपना गिरोह तैयार कर रहा था. पकड़े जाने के बाद उसे हत्या करने में जरा भी अफसोस नहीं था. उसके चेहरे पर जरा सी भी शिकन दिखाई नहीं दे रही थी.
उसने बताया कि उसे यह पता नहीं था कि चाकू गोदने के बाद युवक की मौत हो जाएगी. उसने गलत कमेंट किया था इस वजह से चाकू गोदकर हत्या कर दी गई.
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नाबालिग ने बताया कि उसने 20 हजार में डाल्टनगंज के एक युवक से पिस्टल खरीदा था पुलिस संबंधित आर्म्स सप्लायर की भी तलाश कर रही है. पुलिस पूछताछ में नाबालिग आरोपी ने बताया है कि नाबालिग अपने साथियों के साथ सुखदेवनगर थाना के पास से गुजर रहा था. इस दौरान दीपांशु अपने दो अन्य दोस्तों रोहित और बलवंत के साथ वहां से गुजर रहा था.
इस दौरान नाबालिग ने दीपांशु से पूछा गांजा कहां मिलेगा, इस पर दीपांशु ने कहा गांजा बुढ़मू में मिलेगा. इतना सुनते ही नाबालिग ने उसे चाकू मार दिया.