रांची: झारखंड में शराब घोटाले के जरिए मनी लाउंड्रिंग के केस में ईडी ने शराब कारोबारी योगेंद्र तिवारी को गुरुवार की देर शाम गिरफ्तार कर लिया. ईडी ने इसी वर्ष 23 अगस्त को योगेंद्र तिवारी और उनके सहयोगियों के 32 ठिकानों पर छापेमारी की थी. राज्य में साल 2021 में लागू हुई थोक शराब नीति के मामले में दर्ज ईसीआईआर में ईडी ने पहली गिरफ्तारी की है.
ये भी पढ़ें- Liquor Scam In Jharkhand: रांची ईडी ऑफिस में तिवारी ब्रदर्स से पूछताछ, डेढ़ घंटे लेट पहुंचे दोनों भाई
योगेंद्र तिवारी के खिलाफ शराब घोटाले के साथ साथ देवघर में राय बंगला की जमीन खरीद में गड़बड़ी और बालू के कारोबार के निवेश की भी जांच ईडी ने की है. ईडी ने जांच में पाया है कि बालू, जमीन, कोयला तस्करी से अर्जित अवैध कमाई का निवेश भी शराब कारोबार में किया गया था. ईडी ने योगेंद्र तिवारी को गिरफ्तार करने के पहले गुरुवार को पूरे दिन पूछताछ की थी. इससे पहले बुधवार को भी एजेंसी के रांची जोनल कार्यालय में ईडी ने योगेंद्र तिवारी से पूछताछ की थी.
प्रेम प्रकाश के साथ मिलकर तैयार किया शराब का मॉडल: ईडी ने जांच में पाया है कि सत्ता के गलियारों में चर्चित नाम प्रेम प्रकाश के साथ मिलकर योगेंद्र तिवारी ने शराब कारोबार हासिल करने का मॉडल तैयार किया था. साल 2021 में शराब की थोक कारोबार की नीति लागू होने के बाद योगेंद्र तिवारी ने प्रेम प्रकाश की मदद से 19 जिलों में शराब का थोक कारोबार हासिल किया था. इस कारोबार को हासिल करने के लिए राजनेताओं, अफसरों को घूस देने की बात भी ईडी की जांच में सामने आयी है.
200 से अधिक बैंक खातों के ट्रांजेक्शन की हो रही जांच: ईडी योगेंद्र तिवारी, उनके करीबियों और साझेदारों के 200 से अधिक बैंक खातों की पड़ताल कर रही है. इन बैंक खातों से हुए ट्रांजक्शन के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग के बड़े साक्ष्य जुटाए गए हैं. जांच से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, शराब ठेकों के आवंटन, बालू कारोबार में उगाही के सबूत एजेंसी को मिले हैं. इस मामले में एक दर्जन से अधिक लोगों को जल्द ही एजेंसी समन भी करने वाली है.