रांची: परमहंस योगानंद के जीवन आदर्शों पर चलते हुए योगदा सत्संग के संन्यासी इन दिनों आश्रम परिसर में सहायता पैकेट बनाने में व्यस्त हैं. आश्रम की ओर से अपील की गई है कि इस अभियान में जो कोई भागीदार बनना चाहता है. वह आश्रम के वेबसाइट पर दान कर सकते हैं.
सहायता सामग्री का वितरण
वे पिछले तीन दिनों में डेढ़ टन चावल, आठ-आठ सौ किलो दाल और आलू, 400 किलो प्याज, दो सौ लीटर सरसों तेल, दो सौ किलो नमक, 20 किलो हल्दी पाउडर, 7, 200 नहाने के साबुन, 5,700 कपड़े धोने के साबुन और 3,800 फेस मास्क के अलग-अलग पैकेट बनाकर 1,500 जरूरतमंद परिवारों को उपलब्ध करा चुके हैं. यह सहायता सामग्री शनिवार से सोमवार तक धुर्वा क्षेत्र के जगन्नाथपुर और जोन्हा के गांवों में आश्रम के संन्यासियों और सेवकों की ओर से वितरित की गई.
खाद्य और स्वच्छता सामग्री उपलब्ध कराने की मुहिम
योगदा सत्संग के संन्यासी ने सोमवार को बताया कि परमहंस योगानंद ने पीड़ित और जरूरतमंद मानव समाज की आसक्तिरहित सेवा की पुरजोर हिमायत की थी. उन्होंने नसीहत दी थी कि आध्यात्मिक उन्नति का सीधा मतलब है कि अक्लमंदी और ईमानदारी के साथ ऐसे कार्य किये जाने चाहिए, जो स्वयं और समाज दोनों को लाभ पहुंचाएं. स्वामी जी ने समुचित व्यवहार, सौहार्द, स्वास्थ्य और मानव जीवन के अनुकूल कार्यों की वकालत की थी. इसी पर अमल करते हुए योगदा आश्रम विश्वव्यापी कोरोना आतंक के बीच केंद्र और राज्य सरकार की ओर से जारी लॉकडाउन के दौरान जरूरतमंदों, बीमारों और बेरोजगारों को आवश्यक खाद्य और स्वच्छता सामग्री उपलब्ध कराने की मुहिम चला रहे है.
सोशल डिस्टेंस अभियान का हो रहा है पालन
इस मौके पर लॉकडाउन आदर्शों का समुचित पालन करते-कराते हुए शनिवार से लेकर सोमवार तक वितरित सहायता सामग्री के पहले गुजरे दो हफ्तों में रांची और आसपास के क्षेत्रों में 500 किलो चावल, एक-एक टन आलू और प्याज, 250 लीटर सरसों तेल, 13 हजार साबुन टिकिया और तीन हजार फेस मास्क जरूरतमंदों को उपलब्ध कराये गये थे. योगदा आश्रम ने लॉकडाउन के दौरान जरूरतमंदों और दैनिक मजदूरी से वंचित लोगों को सहायता सामग्री उपलब्ध कराने का अभियान जारी रखने की बात कही है. आश्रम ने यह अपील भी की है कि उसके इस अभियान में जो कोई भागीदार बनना चाहता है, वह आश्रम के वेबसाइट पर दान कर सकते हैं.