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महामारी के बीच प्राकृतिक आपदा ने फसल किया बर्बाद, खेती छोड़ने को मजबूर किसान - रांची में यास तूफान का असर

कोरोना महामारी (Corona Pandemic) के बाद यास तूफान (Yaas Cyclone) ने किसानों की मुश्किलें बढ़ा दी है. रांची में यास तूफान के कारण खेत में लगी फसल बर्बाद हो गई है. वहीं शासन-प्रशासन कोई इनकी सुध नहीं ले रहा है.

yaas cyclone effect on farmers crop in ranchi
फसल बर्बाद
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Published : Jun 7, 2021, 11:59 AM IST

रांचीः कर्ज में डूबे झारखंड के किसानों का दर्द प्राकृतिक आपदा यास तूफान (Yaas Cyclone) और बढ़ाकर चला गया है. लगातार पिछले 1 वर्षों से कोरोना महामारी (Corona Pandemic) की मार से बदहाल किसान अपनी नियती पर रो रहे है. ऐसे में ना तो जनप्रतिनिधि आगे आ रहे हैं और ना ही कोई पदाधिकारी इस विकट परिस्थिति में उनका हाल ले रहा है. अखिल भारतीय प्रांत प्रतिष्ठान के राष्ट्रीय अध्यक्ष इंदु भूषण दुबे किसानों को उनका हक दिलाने के लिए झारखंड राज्य के विभिन्न जिला रामगढ़ खूंटी और रांची के गांव का दौरा कर किसानों से मुलाकात कर रहे है. इसके साथ ही उनका दुख दर्द बांट रहे हैं.

देखें पूरी खबर

इसे भी पढ़ें- यास तूफान में टूटकर बिखर गया घर, किसी ने नहीं ली पीड़ितों की सुध


रविवार को रांची जिला के कांके प्रखंड के सुदूर गांव कटमकुल्ली पहुंचकर राष्ट्रीय अध्यक्ष इंदु भूषण दुबे ने वहां के किसानों के क्षेत्रों में लगी सब्जी का मुआयना किया और किसानों से उनका दर्द बांटा. उन्होंने कहा कि प्राकृतिक की मार के साथ-साथ किसान महामारी का भी दर्द झेल रहे हैं. उनकी खेतों में लगी सब्जी पूरी तरह से बर्बाद हो गई हैं. 3 हजार किसानों के खेतों में लगी फूलगोभी, बंधागोभी, टमाटर, लौकी, नैनवा, खीरा, धनिया, झिंगी, पालक, अदरक करेला, चुकंदर सहित अन्य फसल पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी हैं. किसानों की लागत भी पूरी तरह से डूब चुकी है.
किसानों से मुलाकात कर बिंदु भूषण दुबे ने राज्य सरकार से मांग की कि किसानों का कर्ज माफी किया जाए और फसल क्षतिपूर्ति के हिसाब से मुआवजा दिया जाए. किसानों के लिए विशेष राहत पैकेज दिया जाए, किसानों को मुफ्त में खाद बीज रासायनिक दवा उपलब्ध कराया जाए और प्रखंडों में व्याप्त दलाली प्रथा को समाप्त किया जाए.

रांचीः कर्ज में डूबे झारखंड के किसानों का दर्द प्राकृतिक आपदा यास तूफान (Yaas Cyclone) और बढ़ाकर चला गया है. लगातार पिछले 1 वर्षों से कोरोना महामारी (Corona Pandemic) की मार से बदहाल किसान अपनी नियती पर रो रहे है. ऐसे में ना तो जनप्रतिनिधि आगे आ रहे हैं और ना ही कोई पदाधिकारी इस विकट परिस्थिति में उनका हाल ले रहा है. अखिल भारतीय प्रांत प्रतिष्ठान के राष्ट्रीय अध्यक्ष इंदु भूषण दुबे किसानों को उनका हक दिलाने के लिए झारखंड राज्य के विभिन्न जिला रामगढ़ खूंटी और रांची के गांव का दौरा कर किसानों से मुलाकात कर रहे है. इसके साथ ही उनका दुख दर्द बांट रहे हैं.

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रविवार को रांची जिला के कांके प्रखंड के सुदूर गांव कटमकुल्ली पहुंचकर राष्ट्रीय अध्यक्ष इंदु भूषण दुबे ने वहां के किसानों के क्षेत्रों में लगी सब्जी का मुआयना किया और किसानों से उनका दर्द बांटा. उन्होंने कहा कि प्राकृतिक की मार के साथ-साथ किसान महामारी का भी दर्द झेल रहे हैं. उनकी खेतों में लगी सब्जी पूरी तरह से बर्बाद हो गई हैं. 3 हजार किसानों के खेतों में लगी फूलगोभी, बंधागोभी, टमाटर, लौकी, नैनवा, खीरा, धनिया, झिंगी, पालक, अदरक करेला, चुकंदर सहित अन्य फसल पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी हैं. किसानों की लागत भी पूरी तरह से डूब चुकी है.
किसानों से मुलाकात कर बिंदु भूषण दुबे ने राज्य सरकार से मांग की कि किसानों का कर्ज माफी किया जाए और फसल क्षतिपूर्ति के हिसाब से मुआवजा दिया जाए. किसानों के लिए विशेष राहत पैकेज दिया जाए, किसानों को मुफ्त में खाद बीज रासायनिक दवा उपलब्ध कराया जाए और प्रखंडों में व्याप्त दलाली प्रथा को समाप्त किया जाए.

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