रांची: झारखंड में भाई की लंबी उम्र की कामना को लेकर बहनें यम द्वितीया की पूजा करते हैं. सोमवार को राजधानी समेत राज्य के कई जिलों में यम द्वितीया की पूजा की गई. इस दिन गोधन कूटने और भाई-बहन के साथ नदी-जलाशयों में डुबकी लगाने की परंपरा है.
गोबर की मानव मूर्ति बनाकर ईंट रखने की है परंपरा
गोवर्धन पूजा के बाद रांची में यम द्वितीया पूजा की धूम देखी की जा रही है. यह पर्व बहन भाई की लंबी उम्र के लिए करती है. सबसे पहले संयुक्त रूप से भाई और बहन नदी और जलाशयों में डुबकी लगाते हैं. गोधन की पूजा कर भाई की लंबी आयु की कामना की जाती है. सबसे पहले सुबह में गोबर से विग्रहों की आकृति बनाई जाती है. इसमें गोबर से ही यम-यामी की प्रतिमा बनाई जाती है. इसके अलावा सांप, बिच्छू, चूल्हा भी बनाया जाता है. गोबर की मानव मूर्ति बनाकर उस पर ईंट रखने की भी परंपरा है.
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भाइयों की उम्र हो जाती लंबी
पूजा के दौरान बहन भाई को पहले श्राप देती है और कांटा भी चुभाया जाता है. ऐसी मान्यता है कि गोधन कूटने वाली बहनों के भाइयों की उम्र लंबी हो जाती है. आज के दिन भाइयों को श्राप देने से उन्हें मृत्यु का भय नहीं रहता है. अपने भाई की लंबी आयु के लिए पूजा की थाल सजाकर चंदन, दूध, घास और हल्दी रखी जाती है. आज के दिन महिलाएं भाई दूज का त्यौहार भी मानती है. राजधानी समेत झारखंड के विभिन्न जिलों में यम द्वितीया पूजा अर्चना श्रद्धा के साथ सोमवार को मनाया गया.