रांची: 9 अक्टूबर को विश्व डाक दिवस पूरे विश्व में मनाया गया. यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन (Universal Postal Union) के गठन के बाद विश्व डाक दिवस मनाने की शुरुआत हुई. शुरुआत के दिनों में भारत की डाक व्यवस्था ही एकमात्र लोगों के संचार का माध्यम था लेकिन धीरे-धीरे आधुनिकरण के साथ डाक व्यवस्था कमजोर होता चला गया. भारत में डाक व्यवस्था में संचार के साथ-साथ वित्तीय लेनदेन की व्यवस्था की भी शुरुआत की गई. वित्तीय लेनदेन की व्यवस्था होने के बाद लोग पोस्ट ऑफिस में पैसे जमा करने लगे और उम्मीद के साथ अपने भविष्य के लिए धन संचित करने लगे. लेकिन मौजूदा वक्त में डाक व्यवस्था की साख कमजोर होती चली गयी.
विश्व डाक दिवस के दिन सभी ने एक साथ संकल्प के लेत हुए इस मांग को दोहराया कि डाक व्यवस्था में सुधार की आवश्यकता (pledge taken to improve postal system) है. साथ वित्तीय लेनदेन की व्यवस्था को मजबूत करने की दरकार भी है. झारखंड की डाक व्यवस्था (postal system in Jharkhand) की बात करें तो रांची के डोरंडा हेड पोस्ट ऑफिस (Doranda Head Post Office) में काम कर रहे कई ऐसे एजेंट अपनी पीड़ा बताई. उनकी शिकायतों से पता चलता है कि वित्त व्यवस्था बेहतर तरीके से संचालित नहीं हो पा रहा है.
डाक विभाग की वित्त व्यवस्था की बात करें तो वर्तमान में कई ऐसे योजनाएं चल रही हैं. जिसमें लोग पैसा जमा करते हैं, जैसे टाइम डिपाजिट योजना, नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट योजना, सीनियर सिटीजनशीप स्कीम, रेकरिंग डिपोजिट योजना, किसान विकास पत्र, सुकन्या समृद्धि योजना जैसे स्कीम के तहत लोग उम्मीद के साथ पैसे जमा कराते हैं. जिससे विपरीत परिस्थिति में उन्हें इन पैसों का लाभ मिल सके.
वहीं आम लोगों के लिए काम कर रहे डाक विभाग के एजेंट बताते हैं कि भारत सरकार के इस कार्यालय में व्यवस्था की घोर कमी है. राजधानी रांची के हेड पोस्ट ऑफिस के वित्त विभाग में फिलहाल कैश गिनने की मशीन खराब पड़े हुए हैं. जिस वजह से लोगों को समय पर पैसे नहीं मिल पाते हैं. एजेंट बताते हैं कि कई ऐसे ग्राहक हैं जिनकी योजना की अवधि पूरी हो गई है. लेकिन उन्हें समय पर पैसे नहीं मिल पा रहे, उनका चेक क्लियर नहीं हो पा रहा है.
राजधानी के शहीद चौक स्थित जनरल पोस्ट ऑफिस के अवर डाक अधीक्षक (Under Postal Superintendent of GPO) उदयभान सिंह बताते हैं कि वक्त के साथ-साथ डाक व्यवस्था को मजबूत किया जा रहा है. ग्रामीण क्षेत्रों में अभी भी डाक व्यवस्था के भरोसे ही लोगों के सामान घर तक सुरक्षित पहुंच रहे हैं. उन्होंने बताया कि आधुनिकरण के साथ-साथ आज भी मेल और पार्सल डाक विभाग अव्वल है. कई ऐसे ऑनलाइन मार्केटिंग कंपनी है जो डाक विभाग की मदद से ही अपने ग्राहकों को सामान पहुंचा पा रहे हैं.
वहीं आम लोगों की बात करें तो लोगों ने कहा कि पोस्ट ऑफिस में पैसा जमा कराने की तो सुविधा जरूर है. लेकिन समय पर यहां से पैसे की निकासी नहीं हो पाती इसलिए पोस्ट ऑफिस से ज्यादा भरोसा वित्तीय लेनदेन के मामले में लोग बैंक पर करते हैं. विश्व डाक दिवस के मौके पर डाक विभाग के अधिकारियों ने कहा कि लोगों से वह अपील करते हैं कि पोस्ट ऑफिस पर अपना भरोसा कायम रखें ताकि भारत सरकार कि यह व्यवस्था सदा लोगों को सुविधा पहुंचाती रहे.