रांची: 3 जून को पूरा देश वर्ल्ड साइकिल डे मनाता है. पर्यावरण के प्रति प्यार सुरक्षा संरक्षा और किफायती सवारी के मद्देनजर इस दिन को साइकिल को समर्पित करते मनाया जाता है. इसी कड़ी में आज ईटीवी भारत की टीम ने साईकिल सवारों से बातचीत की और इसके फायदे पूछे.
साइकिल चलाने से होते हैं कई फायदे
दरअसल, साइकिल की विशेषता और बहुमुखी प्रतिभा को जानने के उद्देश्य से ही 3 जून को अंतरराष्ट्रीय विश्व साइकिल दिवस मनाया जाता रहा है. कहा जाता है कि ग्रामीण क्षेत्रों में लोग आस पास जाने के अलावे कई मील दूरी भी साइकिल से ही तय कर लेते हैं. तो शहरी क्षेत्र में इसे एक शारीरिक व्यायाम के तौर पर अब लोग लेने लगे हैं. अगर आप सही तरीके से साइकिल का उपयोग करेंगे तो इसके कई फायदे हैं. आसपास की दूरी तय करने के लिए साइकिल का इस्तेमाल करने से प्रतिदिन सैकड़ों लीटर पेट्रोल की खपत कम होगी. वहीं शहर का प्रदूषण स्तर भी कम होगा और फिटनसे भी बनी रहेगी.
साइकिल से हो रहा सोशल डिस्टेंसिंग का पालन
जो लोग साइकिल चलाते हैं उनका यह कहना है कि इस कोरोना काल में सामाजिक दूरी का भी पूरी तरह पालन किया जा सकता है और वे साइकिल चला कर अपने आप को चुस्त दुरुस्त रखते हैं. साथ ही साथ सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन करते हैं.
ये भी पढ़ें-जिला शिक्षा अधीक्षक गिरिडीह के मामले पर HC में सुनवाई, अदालत ने राज्य सरकार से मांगा जवाब
साइकिल से झारखंड पहुंचे थे मजदूर
फिलहाल तो भारत में यह साइकिल लोगों के दिमाग और जेहन में है क्योंकि कोरोना काल काल में कुछ वर्गों के लिए यह साइकिल हवाई जहाज से काम किया. कोरोना काल में लगे लॉकडाउन में जब मजदूरों को लाने के लिए ट्रेन और बस चलने शुरू नहीं हुई थी. तब मजदूर वर्ग ने साइकिल से मिलों सफर तय कर झारखंड के कोने-कोने में अपने घर पहुंच रहे थे. आंध्र प्रदेश के हैदराबाद से झारखंड के गोड्डा के लिए 5 मजदूर 12 मई को जमशेदपुर पहुंचे थे. ऐसे कई उदाहरण है जो इस कोरोना काल में साइकिल की सवारी ने करके दिखाया है.