ETV Bharat / state

ऊर्जा संरक्षण को लेकर एक्शन प्लान बनाने में जुटी सरकार, जानिए क्या कहते हैं विशेषज्ञ?

झारखंड सरकार ऊर्जा संरक्षण को लेकर एक्शन प्लान बनाने में जुटी है. इसको लेकर रांची में ऊर्जा दक्षता योजना के निर्माण को लेकर कार्यशाला (State Energy Efficiency action plan for Jharkhand) का आयोजन किया गया. जिसमें भारत सरकार के ऊर्जा दक्षता ब्यूरो के सचिव आरके राय, ज्रेडा (JREDA) निदेशक केके वर्मा के अलावा बड़ी संख्या में स्टैकहोल्डर्स मौजूद रहे.

author img

By

Published : Apr 9, 2022, 10:15 PM IST

Updated : Apr 9, 2022, 10:32 PM IST

workshop-on-energy-efficiency-scheme-in-ranchi
ऊर्जा संरक्षण

रांचीः ऊर्जा को संरक्षित करने के लिए फरवरी महीने में भारत सरकार के आला अधिकारियों के बीच बैठक हुई. जिसके बाद ऊर्जा दक्षता ब्यूरो भारत सरकार के द्वारा शनिवार को ज्रेडा (JREDA) के सहयोग से ऊर्जा दक्षता योजना के निर्माण को लेकर कार्यशाला आयोजित किया. जिसमें भारत सरकार के ऊर्जा दक्षता ब्यूरो के सचिव आरके राय, ज्रेडा निदेशक केके वर्मा के अलावा बड़ी संख्या में स्टैकहोल्डर मौजूद रहे.

नवंबर 2021 में आयोजित COP26 में पीएम मोदी के जलवायु परिवर्तन पर दुनियां के देशों के समक्ष की गई घोषणा के बाद इसे जमीन पर उतारने की पहल शुरू हो गयी है. वर्ष 2070 तक कार्बन उत्सर्जन को नेट जीरो करने की पीएम मोदी के घोषणा के बाद भारत सरकार के ऊर्जा दक्षता ब्यूरो इस दिशा में एक्शन प्लान बनाना शुरू कर दिया है. ऊर्जा संरक्षण के लिए फरवरी महीने में भारत सरकार के आला अधिकारियों के बीच हुई बैठक के बाद ऊर्जा दक्षता ब्यूरो भारत सरकार के द्वारा शनिवार को ज्रेडा के सहयोग से ऊर्जा दक्षता योजना के निर्माण को लेकर कार्यशाला आयोजित किया.

देखें पूरी रिपोर्ट

घरेलू उपयोग में बिजली की खपत ज्यादाः भविष्य की चिंता करते हुए ऊर्जा संरक्षण के लिए एक्शन प्लान बनाने में जुटे विशेषज्ञों ने माना कि पारंपरिक बिजली की सबसे ज्यादा खपत घरेलू सेक्टर में होता है, जिसके बाद उद्योग, कृषि शामिल है. इस अवसर पर भारत सरकार के ऊर्जा दक्षता ब्यूरो के सचिव आरके राय ने कहा कि लक्ष्य के अनुरूप करीब 45% ऊर्जा को संरक्षित करना है. जिसके लिए देश के सभी राज्यों में एक्शन प्लान बनाया जा रहा है कि आखिर कैसे इस लक्ष्य को प्राप्त किया जा सके. इस कार्य से ना केवल पर्यावरण संरक्षित होगा बल्कि भविष्य में बिजली की किल्लत से भी बचा जा सकता है.

इस अवसर पर ज्रेडा निदेशक केके वर्मा ने कहा कि वर्तमान समय की मांग है कि हम उतनी ही बिजली की खपत करें जो बहुत ही आवश्यक है. उन्होंने कहा कि एक समय था जब शीशा का बिजली बल्ब इस्तेमाल करते थे और अब एलईडी का धड़ल्ले से इस्तेमाल कर रहे हैं इसके बाबजूद जो बचत होनी चाहिए वो नहीं हो पा रही है. उन्होंने कहा कि ऊर्जा दक्षता ब्यूरो के मानक के अनुसार बिजली उपकरणों का सदुपयोग होना चाहिए. आज घरेलू सेक्टर में 50%, व्यवसायिक क्षेत्र में 20%, कृषि में 12%, उद्योग में 10% बिजली की खपत होती है. इन सेक्टर्स में कैसे सामंजस्य बनाया जाए इस पर योजना तैयार करने की जरूरत है.

रांचीः ऊर्जा को संरक्षित करने के लिए फरवरी महीने में भारत सरकार के आला अधिकारियों के बीच बैठक हुई. जिसके बाद ऊर्जा दक्षता ब्यूरो भारत सरकार के द्वारा शनिवार को ज्रेडा (JREDA) के सहयोग से ऊर्जा दक्षता योजना के निर्माण को लेकर कार्यशाला आयोजित किया. जिसमें भारत सरकार के ऊर्जा दक्षता ब्यूरो के सचिव आरके राय, ज्रेडा निदेशक केके वर्मा के अलावा बड़ी संख्या में स्टैकहोल्डर मौजूद रहे.

नवंबर 2021 में आयोजित COP26 में पीएम मोदी के जलवायु परिवर्तन पर दुनियां के देशों के समक्ष की गई घोषणा के बाद इसे जमीन पर उतारने की पहल शुरू हो गयी है. वर्ष 2070 तक कार्बन उत्सर्जन को नेट जीरो करने की पीएम मोदी के घोषणा के बाद भारत सरकार के ऊर्जा दक्षता ब्यूरो इस दिशा में एक्शन प्लान बनाना शुरू कर दिया है. ऊर्जा संरक्षण के लिए फरवरी महीने में भारत सरकार के आला अधिकारियों के बीच हुई बैठक के बाद ऊर्जा दक्षता ब्यूरो भारत सरकार के द्वारा शनिवार को ज्रेडा के सहयोग से ऊर्जा दक्षता योजना के निर्माण को लेकर कार्यशाला आयोजित किया.

देखें पूरी रिपोर्ट

घरेलू उपयोग में बिजली की खपत ज्यादाः भविष्य की चिंता करते हुए ऊर्जा संरक्षण के लिए एक्शन प्लान बनाने में जुटे विशेषज्ञों ने माना कि पारंपरिक बिजली की सबसे ज्यादा खपत घरेलू सेक्टर में होता है, जिसके बाद उद्योग, कृषि शामिल है. इस अवसर पर भारत सरकार के ऊर्जा दक्षता ब्यूरो के सचिव आरके राय ने कहा कि लक्ष्य के अनुरूप करीब 45% ऊर्जा को संरक्षित करना है. जिसके लिए देश के सभी राज्यों में एक्शन प्लान बनाया जा रहा है कि आखिर कैसे इस लक्ष्य को प्राप्त किया जा सके. इस कार्य से ना केवल पर्यावरण संरक्षित होगा बल्कि भविष्य में बिजली की किल्लत से भी बचा जा सकता है.

इस अवसर पर ज्रेडा निदेशक केके वर्मा ने कहा कि वर्तमान समय की मांग है कि हम उतनी ही बिजली की खपत करें जो बहुत ही आवश्यक है. उन्होंने कहा कि एक समय था जब शीशा का बिजली बल्ब इस्तेमाल करते थे और अब एलईडी का धड़ल्ले से इस्तेमाल कर रहे हैं इसके बाबजूद जो बचत होनी चाहिए वो नहीं हो पा रही है. उन्होंने कहा कि ऊर्जा दक्षता ब्यूरो के मानक के अनुसार बिजली उपकरणों का सदुपयोग होना चाहिए. आज घरेलू सेक्टर में 50%, व्यवसायिक क्षेत्र में 20%, कृषि में 12%, उद्योग में 10% बिजली की खपत होती है. इन सेक्टर्स में कैसे सामंजस्य बनाया जाए इस पर योजना तैयार करने की जरूरत है.

Last Updated : Apr 9, 2022, 10:32 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.