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झारखंड कांग्रेस में उपेक्षित हैं महिलायें, संगठन में हिस्सेदारी की मांग को लेकर किया विरोध प्रदर्शन

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Published : Dec 9, 2022, 8:05 AM IST

Updated : Dec 9, 2022, 12:01 PM IST

झारखंड कांग्रेस की महिला समर्थकों ने विरोध प्रदर्शन (Women supporters of Jharkhand Congress protest) किया है. प्रदर्शनकारी महिलाओं ने कहा कि संगठन में महिलाओं के साथ भेदभाव किया गया है. यही वजह है कि जिलाध्यक्षों की सूची से महिलायें गायब हैं.

Women supporters of Jharkhand Congress protest
झारखंड कांग्रेस में उपेक्षित हैं महिलायें

रांचीः झारखंड कांग्रेस के जिलाध्यक्षों के नाम की घोषणा के साथ विवाद शुरू हो गया है. यह विवाद महिलाओं की हकमारी तक पहुंच गया है. अब महिलाओं ने अपनी हकमारी के खिलाफ प्रदेश प्रभारी और प्रदेश अध्यक्ष के खिलाफ मोर्चा खोल (Women supporters of Jharkhand Congress protest) दिया है.

यह भी पढ़ेंः कांग्रेस कार्यालय के बाहर प्रदर्शनः महिला कांग्रेस नेताओं ने फूंका प्रदेश प्रभारी का पुतला

झारखंड कांग्रेस मुख्यालय के समक्ष प्रदेश अध्यक्ष और प्रदेश प्रभारी का पुतला फूंका. इसके साथ ही वर्तमान कांग्रेस नेतृत्व को महिला विरोधी बताते हुए प्रदर्शन किया. प्रदर्शन कर रहे महिलाओं ने कहा कि इसकी शिकायत दिल्ली में सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी से भी करेंगे. कांग्रेस समर्थक महिलाओं का आरोप है कि राज्य में आधी आबादी का विश्वास और समर्थन महिलाओं के प्रति है. यही वजह है कि राज्य में सबसे अधिक पांच महिला विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह, दीपिका पांडे सिंह, शिल्पा नेहा तिर्की, अंबा प्रसाद और ममता कुमारी कांग्रेस से हैं. इसके साथ ही एक महिला सांसद भी हैं. इसके बावजूद हेमंत मंत्रिमंडल में एक भी महिला विधायक को जगह नहीं मिली है. इसके साथ ही जिलाध्यक्षों की सूची में भी महिलायें नहीं है.

देखें पूरी खबर

4 दिसंबर को जिलाध्यक्षों की सूची जारी होते ही अल्पसंख्यक का नाम नहीं होने का मामला सामने गया तो गढ़वा और साहिबगंज जिले में अल्पसंख्यक को जिलाध्यक्ष बना दिया गया. इसके साथ ही कई जिलों में कार्यकारी अध्यक्ष अल्पसंख्यक को बनाया गया. अब आंदोलनकारी महिलाओं ने कहा कि राज्य में आधी आबादी का विश्वास कांग्रेस के साथ है तो महिलाओं को पार्टी में उपेक्षा क्यों की जा रही है. झारखंड कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की ने कहा कि महिलाओं को संगठन में स्थान मिलेगा. उन्होंने कहा कि धैर्य और अनुशासन बनाये रखें. उन्होंने कहा कि प्रदेश प्रभारी और प्रदेश अध्यक्ष दोनों जल्द ही इस पर फैसला लेंगे.

रांचीः झारखंड कांग्रेस के जिलाध्यक्षों के नाम की घोषणा के साथ विवाद शुरू हो गया है. यह विवाद महिलाओं की हकमारी तक पहुंच गया है. अब महिलाओं ने अपनी हकमारी के खिलाफ प्रदेश प्रभारी और प्रदेश अध्यक्ष के खिलाफ मोर्चा खोल (Women supporters of Jharkhand Congress protest) दिया है.

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झारखंड कांग्रेस मुख्यालय के समक्ष प्रदेश अध्यक्ष और प्रदेश प्रभारी का पुतला फूंका. इसके साथ ही वर्तमान कांग्रेस नेतृत्व को महिला विरोधी बताते हुए प्रदर्शन किया. प्रदर्शन कर रहे महिलाओं ने कहा कि इसकी शिकायत दिल्ली में सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी से भी करेंगे. कांग्रेस समर्थक महिलाओं का आरोप है कि राज्य में आधी आबादी का विश्वास और समर्थन महिलाओं के प्रति है. यही वजह है कि राज्य में सबसे अधिक पांच महिला विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह, दीपिका पांडे सिंह, शिल्पा नेहा तिर्की, अंबा प्रसाद और ममता कुमारी कांग्रेस से हैं. इसके साथ ही एक महिला सांसद भी हैं. इसके बावजूद हेमंत मंत्रिमंडल में एक भी महिला विधायक को जगह नहीं मिली है. इसके साथ ही जिलाध्यक्षों की सूची में भी महिलायें नहीं है.

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4 दिसंबर को जिलाध्यक्षों की सूची जारी होते ही अल्पसंख्यक का नाम नहीं होने का मामला सामने गया तो गढ़वा और साहिबगंज जिले में अल्पसंख्यक को जिलाध्यक्ष बना दिया गया. इसके साथ ही कई जिलों में कार्यकारी अध्यक्ष अल्पसंख्यक को बनाया गया. अब आंदोलनकारी महिलाओं ने कहा कि राज्य में आधी आबादी का विश्वास कांग्रेस के साथ है तो महिलाओं को पार्टी में उपेक्षा क्यों की जा रही है. झारखंड कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की ने कहा कि महिलाओं को संगठन में स्थान मिलेगा. उन्होंने कहा कि धैर्य और अनुशासन बनाये रखें. उन्होंने कहा कि प्रदेश प्रभारी और प्रदेश अध्यक्ष दोनों जल्द ही इस पर फैसला लेंगे.

Last Updated : Dec 9, 2022, 12:01 PM IST
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