रांचीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना काल में देश के आवाम को संबोधित करते हुए कहा था कि लोकल को वोकल बनाएं, जिसके बाद लोग इस दिशा में आगे बढ़ने लगे हैं. अपने लोकल हुनर को धार देकर राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय स्तर पर धाक जमाने को लेकर आतुर दिख रहे हैं. इसी क्रम में राजधानी के हरमू में स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने अनोखी पहल की शुरुआत की है. दरअसल, ये महिलाएं एलईडी बल्ब का निर्माण करने का काम कर रही है.
एलईडी बल्ब का निर्माण शुरू
'आत्मनिर्भर भारत अभियान' को आगे बढ़ाने में झारखंड की महिलाएं बखुबी अपना सहयोग दे रही हैं. राजधानी रांची में 40 महिलाओं के एक समूह ने एलईडी बल्ब का निर्माण शुरू कर एक मिसाल कायम किया है. इस व्यवसाय के जरिए महिलाएं न सिर्फ आत्मनिर्भर बन रही हैं, बल्कि दूसरों के घरों को भी रोशन करने का काम कर रही हैं. उन्होंने इस व्यवसाय से जुड़कर जहां अपने लिए आर्थिक सशक्तीकरण की राह तैयार की है, वहीं राष्ट्र की अर्थव्यवस्था को भी सशक्त बनाने में भी अपनी भूमिका निभा रही है. इन महिलाओं का दावा है कि इनके बनाएं बल्ब अच्छी गुणवत्ता के साथ-साथ काफी सस्ते भी हैं.
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छोटे-छोटे उद्योगों से बेरोजगारी की समस्या होगी दूर
महिला समूह द्वारा बनाए गए बल्बों की पूरे राज्य में काफी मांग है. इस कारण इन्हें बाजार की समस्या नहीं होती. बड़े दुकानदार थोक भाव में ये बल्ब खरीद लेते हैं, जिससे इन महिलाओं को अच्छी कीमत मिल जाती है. इस व्यवसाय से जुड़ने के बाद इन महिलाओं को रोजगार का अच्छा जरिया मिल गया है. समूह से जुड़ी प्रत्येक महिला महीने के पांच से दस हजार रुपये आराम से कमा लेती है. इन महिलाओं ने दूसरी महिलाओं के सामने सम्मान से जीने का एक नजीर पेश किया है. उनकी यह कोशिश इस बात का भी संदेश देती है कि छोटे-छोटे उद्योगों से बेरोजगारी की समस्या काफी हद तक कम की जा सकती है.
अपने जीवन को बना रही है खुशहाल
वाकई में इन महिलाओं से सीखने की जरूरत है. अपने हुनर और जिद की वजह से ये महिलाएं आज एक मिसाल पेश कर रही है. घर परिवार की आर्थिक स्थिति बेहतर तो कर ही रही है, साथ ही अपने जीवन को भी खुशहाल बना रही है.