रांचीः मिट्टी की गुणवत्ता और अच्छी फसल के लिए उचित खनिजों की उपलब्धता की पहचान के लिए अब किसानों को चिंता करने की जरूरत नहीं है. किसानों की मिट्टी की अब उचित जांच होगी. इसके लिए राज्य के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने सम्मान और मृदा स्वास्थ्य कार्ड का वितरण किया.
झारखंड में पहली बार महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के उद्देश्य से सखी मंडल की महिलाओं को मिट्टी का डॉक्टर बनाया जा रहा है. जिसमें लगभग 87 सौ महिलाओं को विशेष तकनीकी प्रशिक्षण देकर डॉक्टर बनाया जाएगा. यह डॉक्टर मिट्टी के डॉक्टर के रूप में देशभर में जानी जाएंगी. इतना ही नहीं मुख्यमंत्री रघुवर दास प्रखंडस्तर पर स्वास्थ्य केंद्र की तरह स्वास्थ्य हेल्थ कार्ड की भी स्थापना करेंगे. जिसमें डॉ दीदी मिट्टी की जांच कर किसानों को खेती योग्य भूमि का चयन करने की जानकारी देंगी.
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इसके साथ ही डॉ. दीदी को लैब किट का वितरण भी किया गया है. वह इस किट के जरिए मिट्टी की जांच करेंगी और किसानों को जानकारी देंगी. जिससे यह पता चल जाएगा कि किसान के खेत में अनाज बोने के पूर्व मिट्टी में कितना उर्वरक है और किस मिट्टी में कौन सा बीज का रोपण किया जाना है. बता दें कि देश में अपनी तरह की यह अनोखी पहल है. इससे न केवल किसानों को फायदा होगा बल्कि महिलाओं को रोजगार मिलेगा. ऐसा देखा गया है कि किसान फसल तो लगा देते हैं लेकिन जानकारी के अभाव में मिट्टी में उर्वरकों की कमी के कारण या तो फसल खराब हो जाती है या फसल जितनी अच्छी होनी चाहिए, उतनी अच्छी नहीं हो पाती हैं.