रांचीः झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र के हंगामेदार होने की संभावना है. मुख्य विपक्षी दल भाजपा ने स्पष्ट कर दिया है कि अगर सरकार सवालों का सही जवाब देगी, तभी सहयोग किया जाएगा. दूसरी तरफ सत्ताधारी दलों ने भी विपक्ष के हमलों से बचने की रणनीति तैयार कर ली है.
सत्र के पहले दिन आज (15 दिसंबर) विधानसभा अध्यक्ष के प्रारंभिक वक्तव्य के बाद यदि राज्यपाल द्वारा अध्यादेशों के प्रमाणीकृत प्रतियां होंगी तो उसे पटल पर रखा जाएगा. इसके बाद पिछले सत्र से इस सत्र के बीच दिवंगत हस्तियों को श्रद्धांजलि देने के बाद कार्यवाही स्थगित हो जाएगी. सत्र का दूसरा कार्य दिवस 18 दिसंबर को होगा. इस दिन प्रश्न काल, शून्य काल और ध्यानाकर्षण के अलावा द्वितीय अनुपूरक बजट को सरकार सभा पटल पर रखेगी. 19 दिसंबर को तीसरे कार्य दिवस के दिन सामान्य विधायी प्रक्रिया के अलावा अनुपूरक बजट पर वाद विवाद होगा. 20 दिसंबर को चौथे कार्य दिवस के दिन राजकीय विधेयक और अन्य राजकीय कार्य निपटाए जाएंगे. 21 दिसंबर को सत्र का अंतिम कार्य दिवस होगा. इस दिन गैर सरकारी संकल्प के अलावा सरकार के वक्तव्य पर सबकी नजर रहेगी.
जानकारों का कहना है कि यह सत्र कई मायनों में बेहद अहम होगा. भ्रष्टाचार के मुद्दे को विपक्ष जोर शोर से उठा सकता है. खासकर ईडी द्वारा एक के बाद एक छह समन जारी होने के बावजूद सीएम का टर्न अप नहीं होना बड़ा मुद्दा बन सकता है. इसके अलावा कांग्रेस के राज्यसभा सांसद धीरज साहू एंड फैमिली के ठिकानों से 350 करोड़ रुपए जब्त होने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं किए जाने पर हंगामे के आसार हैं. दूसरी तरफ इस बात की संभावना है कि इस सत्र में सरकार 1932 के खतियान पर आधारित स्थानीयता वाले बिल को दोबारा सदन से पारित कराकर अपना पॉलिटिकल मास्टर स्ट्रोक फिर खेल सकती है.
ये भी पढ़ेंः
झारखंड विधानसभा शीतकालीन सत्र को लेकर तैयारी पूरी, आमने-सामने होगा सत्ता पक्ष और विपक्ष