रांचीः झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र को लेकर तैयारियां शुरू हो गई हैं. जानकारी के मुताबिक 15 दिसंबर से 22 दिसंबर 2023 तक शीतकालीन सत्र चलने की संभावना है. 22 नवंबर को होने वाली कैबिनेट की बैठक में शीतकालीन सत्र को लेकर निर्णय होने की संभावना है. शीतकालीन सत्र के दौरान सरकार के द्वारा जहां सदन में अनुपूरक बजट लाने की तैयारी की जा रही है, वहीं राज्यपाल के द्वारा पूर्व में लौटाए गए बिल को सदन के पटल पर लाए जाने की संभावना है. सत्र के दौरान सदन में सरकार विधेयक भी लाने की तैयारी में है. इसके अलावे ध्यानाकर्षण, प्रश्नकाल जैसे प्रावधान इस बार भी होंगे. जिसके जरिए सदन में सरकार से सवाल किए जाएंगे. पिछले साल शीतकालीन सत्र 19 दिसंबर से 23 दिसंबर तक आहूत किया गया था.
कई बिल सदन के पटल पर लाने की तैयारीः इस संबंध में संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि 15 दिसंबर से 23 दिसंबर तक सदन आहूत करने की तैयारी की जा रही है. इस दौरान सरकार के द्वारा कई बिल सदन के पटल पर लाने की तैयारी है. साथ ही अनुपूरक बजट भी लाया जाएगा.
अहम होगा शीतकालीन सत्रः लोकसभा चुनाव 2024 को देखते हुए इस बार का शीतकालीन सत्र कई मायनों में अहम होगा. सरकार जहां अपने लंबित बिल को सदन के पटल पर लाकर इसे पास कराती दिखेगी, वहीं अगले वित्तीय वर्ष के मुख्य बजट से ठीक पहले अनुपूरक बजट लाकर सरकार वित्तीय मामले निपटाने का प्रयास करेगी. इन सबके बीच पंचम विधानसभा के इस सत्र में पहला मौका होगा, जब सदन में नेता प्रतिपक्ष भी मौजूद होंगे.
सदन की कार्यवाही हंगामेदार होने से इनकार नहीं किया जा सकता है, क्योंकि ईडी के समन और भ्रष्टाचार के मुद्दे पर विपक्ष लगातार सरकार पर हमलावर है. गौरतलब है कि संवैधानिक प्रावधान के अनुसार दो सत्रों के बीच का अंतराल छह महीने से अधिक का नहीं होना चाहिए. झारखंड विधानसभा का मानसून सत्र इस साल 28 जुलाई से चार अगस्त 2023 तक आहूत किया गया था. इस लिहाज से सरकार के पास अभी पर्याप्त समय है.