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सीएम हेमंत सोरेन अयोग्य करार, समझिए झारखंड में बहुमत का अंकगणित

ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले में सीएम हेमंत सोरेन अयोग्य करार दिए गए हैं. भारत निर्वाचन आयोग का पत्र राजभवन पहुंच चुका है. चुनाव आयोग के अधिकारी ने पुष्टि की है. इसके बाद बहुमत का समीकरण कैसा होगा, ईटीवी भारत की इस रिपोर्ट से समझिए.

What will be Equation of majority in Jharkhand after Hemant government falls
सीएम हेमंत सोरेन
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Published : Aug 25, 2022, 12:48 PM IST

रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से जुड़े ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले में चुनाव आयोग का पत्र राजभवन पहुंच चुका है. जिसमें सीएम हेमंत सोरेन अयोग्य करार दिए गए हैं. इसकी पुष्टि चुनाव आयोग के अधिकारी ने की है. गुरुवार दोपहर बाद राज्यपाल रमेश बैस दिल्ली से रांची पहुंचने वाले हैं. रांची पहुंचने के बाद वह कभी भी चुनाव आयोग की सिफारिश से राज्य की जनता को अवगत करा सकते. दोपहर बाद राज्यपाल के रांची पहुंचने पर इससे पर्दा उठा जाएगा. ईटीवी भारत को मिली जानकारी के मुताबिक हेमंत सोरेन की विधानसभा सदस्यता रद्द करने की चुनाव आयोग ने सिफारिश की है.

इसे भी पढ़ें- हेमंत सोरेन अयोग्य करार, जा सकता है सीएम पद

झारखंड में बहुमत का अंकगणितः गुरुवार शाम तक पूरे मामले से पटाक्षेप हो जाएगा. राजभवन की ओर से आधिकारिक पुष्टि भी की जाएगी. लेकिन अब सीट का गणित क्या होगा और सरकार का समीकरण क्या होगा. झारखंड में बहुमत का अंकगणित को जानने से पहले यहां की सत्ता का अंकगणित जानना जरूरी है. झारखंड विधानसभा में 81 विधायक चुनकर आते हैं. सरकार बनाने के लिए 41 विधायकों का समर्थन जरूरी है. अभी झामुमो के 30, कांग्रेस के 18 और राजद के एक विधायक यानी कुल 49 विधायकों के समर्थन से सरकार चल रही है. भाकपा माले ने अपने एक विधायक का समर्थन बाहर से दे रखा है. कागज पर एनसीपी के इकलौते विधायक का भी बाहर से समर्थन प्राप्त है. दूसरी तरफ भाजपा के पास कुल 26 विधायक हैं. उसकी सहयोगी पार्टी आजसू के दो विधायक हैं. अगर निर्दलीय सरयू राय, एनसीपी विधायक कमलेश सिंह और बरकट्ठा विधायक अमित यादव का साथ मिल भी जाता है तो यह संख्या 31 पर सिमट जाएगी. ऐसे में भाजपा उसी सूरत में सरकार बना पाएगी, अगर कांग्रेस के 18 में से दो तिहाई यानी 12 विधायक उसके साथ आ जाएंगे.

सरकार गिराने की दो बार हो चुकी है साजिश: हेमंत सोरेन के नेतृत्व में सरकार बनने के बाद दो बार सरकार को गिराने की साजिश का मामला थाना तक पहुंच चुका है. एक प्राथमिकी जुलाई 2021 को कोतवाली थाने में दर्ज हुई थी. सीएम के करीबी और बेरमो से कांग्रेस के विधायक जय मंगल उर्फ अनूप सिंह ने आरोप लगाया था कि रांची के होटल ली-लैक में मुंबई से आए लोग विधायकों की खरीद-फरोख्त कर रहे हैं. हालांकि इस मामले में किसी भी विधायक को आरोपी नहीं बनाया गया. इस घटना के ठीक तीन माह बाद झामुमो के विधायक रामदास सोरेन ने जगन्नाथपुर थाने में एक शिकायत दर्ज कराई. उन्होंने झामुमो से निष्कासित कोषाध्यक्ष रवि केजरीवाल पर प्रलोभन देकर सरकार गिराने की साजिश का आरोप लगाया था.

रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से जुड़े ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले में चुनाव आयोग का पत्र राजभवन पहुंच चुका है. जिसमें सीएम हेमंत सोरेन अयोग्य करार दिए गए हैं. इसकी पुष्टि चुनाव आयोग के अधिकारी ने की है. गुरुवार दोपहर बाद राज्यपाल रमेश बैस दिल्ली से रांची पहुंचने वाले हैं. रांची पहुंचने के बाद वह कभी भी चुनाव आयोग की सिफारिश से राज्य की जनता को अवगत करा सकते. दोपहर बाद राज्यपाल के रांची पहुंचने पर इससे पर्दा उठा जाएगा. ईटीवी भारत को मिली जानकारी के मुताबिक हेमंत सोरेन की विधानसभा सदस्यता रद्द करने की चुनाव आयोग ने सिफारिश की है.

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झारखंड में बहुमत का अंकगणितः गुरुवार शाम तक पूरे मामले से पटाक्षेप हो जाएगा. राजभवन की ओर से आधिकारिक पुष्टि भी की जाएगी. लेकिन अब सीट का गणित क्या होगा और सरकार का समीकरण क्या होगा. झारखंड में बहुमत का अंकगणित को जानने से पहले यहां की सत्ता का अंकगणित जानना जरूरी है. झारखंड विधानसभा में 81 विधायक चुनकर आते हैं. सरकार बनाने के लिए 41 विधायकों का समर्थन जरूरी है. अभी झामुमो के 30, कांग्रेस के 18 और राजद के एक विधायक यानी कुल 49 विधायकों के समर्थन से सरकार चल रही है. भाकपा माले ने अपने एक विधायक का समर्थन बाहर से दे रखा है. कागज पर एनसीपी के इकलौते विधायक का भी बाहर से समर्थन प्राप्त है. दूसरी तरफ भाजपा के पास कुल 26 विधायक हैं. उसकी सहयोगी पार्टी आजसू के दो विधायक हैं. अगर निर्दलीय सरयू राय, एनसीपी विधायक कमलेश सिंह और बरकट्ठा विधायक अमित यादव का साथ मिल भी जाता है तो यह संख्या 31 पर सिमट जाएगी. ऐसे में भाजपा उसी सूरत में सरकार बना पाएगी, अगर कांग्रेस के 18 में से दो तिहाई यानी 12 विधायक उसके साथ आ जाएंगे.

सरकार गिराने की दो बार हो चुकी है साजिश: हेमंत सोरेन के नेतृत्व में सरकार बनने के बाद दो बार सरकार को गिराने की साजिश का मामला थाना तक पहुंच चुका है. एक प्राथमिकी जुलाई 2021 को कोतवाली थाने में दर्ज हुई थी. सीएम के करीबी और बेरमो से कांग्रेस के विधायक जय मंगल उर्फ अनूप सिंह ने आरोप लगाया था कि रांची के होटल ली-लैक में मुंबई से आए लोग विधायकों की खरीद-फरोख्त कर रहे हैं. हालांकि इस मामले में किसी भी विधायक को आरोपी नहीं बनाया गया. इस घटना के ठीक तीन माह बाद झामुमो के विधायक रामदास सोरेन ने जगन्नाथपुर थाने में एक शिकायत दर्ज कराई. उन्होंने झामुमो से निष्कासित कोषाध्यक्ष रवि केजरीवाल पर प्रलोभन देकर सरकार गिराने की साजिश का आरोप लगाया था.

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