रांची: लैंड स्कैम मामले में प्रवर्तन निदेशालय के चौथे समन को सीएम हेमंत सोरेन ने झारखंड हाईकोर्ट में चुनौती दे दी है. सीएम के इस स्टैंड को लेकर दिन भर कयासों का बाजार गर्म रहा. लेकिन शाम के वक्त पुष्टि हुई कि सीएम की ओर से हाईकोर्ट में याचिका दे दी गई है. जाहिर है कि 23 सितंबर को अब तक मिले सभी तीन समन की तरह एजेंसी को मुख्यमंत्री की ओर से यह कहते हुए जवाब चला जाएगा कि वह हाईकोर्ट जा चुके हैं.
सीएम हेमंत सोरेन की तरफ से 22 सितंबर को ही याचिका दायर करने की तैयारी थी. हालांकि पूरे दिन ये चर्चा होती रही कि हाई कोर्ट के न्यायाधीश केपी देव के असमय निधन और उसके बाद न्यायिक कार्य स्थगित होने के कारण कल याचिका दायर हो सकती है. लेकिन देर शाम को सूचना मिली कि सीएम ने याचिका दाखिल कर दी है.
दरअसल, लैंड स्कैम मामले में ईडी ने 14 अगस्त को पहला समन जारी कर बुलाया था. तब सीएम ने ईडी के इस पहल पर कई गंभीर सवाल खड़े किए थे. इसके बाद उनको 24 अगस्त को आने के लिए दूसरा समन जारी हुआ था. इससे पहले ही सीएम ने सुप्रीम कोर्ट का रुख कर लिया था. उन्होंने ईडी के समन को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. इसके बावजूद ईडी ने तीसरा समन जारी कर 9 सितंबर को बुलाया था. तब जवाब में सीएम की ओर से कहा गया था कि मामला सुप्रीम कोर्ट में है. इसके बाद ईडी ने 23 सितंबर को आने के लिए चौथा समन दे दिया. इस बीच 18 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि आपको पहले हाई कोर्ट जाना चाहिए. इस आधार पर सीएम के अधिवक्ता ने याचिका को वापस ले लिया था.
शनिवार का दिन झारखंड की राजनीति के लिहाज से बेहद खास होने वाला है. क्योंकि इस दिन पता चलेगा कि सीएम के नहीं जाने पर ईडी का अगला स्टैंड क्या होगा. इस मामले में एक बात की चर्चा जोर शोर से चल रही है कि अगर सीएम कल हाई कोर्ट जाने का हवाला देकर ईडी दफ्तर नहीं जाते हैं तो क्या हो सकता है. पीएमएलए के जानकार अधिवक्ता संजय कुमार का कहना है कि ऐसा नहीं है कि चार समन के बाद लीगल स्टेप उठाने के लिए एजेंसी बाध्य हो जाएगी. उन्होंने कहा कि खास बात है कि सीएम हर समन का जवाब देते जा रहे हैं. अब ईडी पर निर्भर करेगा कि वह हाई कोर्ट में दायर याचिका पर सुनवाई तक इंतजार करती है या कोई और लीगल एक्शन अपनाती है.