रांचीः कोराना हॉटस्पॉट ऐसे इलाके हैं जहां छह या उससे ज्यादा लोग कोरोना से संक्रमित हैं और जहां संक्रमण के तेजी से फैलने की आशंका है.
हॉटस्पॉट में रहते हैं तो ये जानना जरूरी
हॉटस्पॉट एक घर से लेकर अपॉर्टमेंट या पूरा सेक्टर तक हो सकता है. किसी मोहल्ला या कॉलोनी को भी हॉटस्पॉट जोन बनाया जा सकता है. हॉटस्पॉट एरिया में लोगों की आवाजाही पूरी तरह बंद कर दी जाती है. दवा और राशन दुकानों पर भी जाने की अनुमति नहीं होती है. इन इलाकों में मीडिया कवरेज पर भी पाबंदी लगा दी जाती है. पुलिस और प्रशासन की हर घर पर पैनी नजर रहती है. इन इलाकों में खाने-पीने के जरूरी सामानों की होम डिलिवरी सुनिश्चित करना राज्य सरकार की जिम्मेदारी होती है. साथ ही मेडिकल इमरजेंसी के लिए एंबुलेंस और लगातार सेनेटाइज करने की व्यवस्था की जाती है.
राज्य में दो हॉटस्पॉट जोन
हाल ही में उत्तर प्रदेश के 15 जिलों के हॉटस्पॉट के रूप में चिन्हित किया गया है. इसी तरह दिल्ली में भी 20 हॉटस्पॉट एरिया हैं, जिन्हें सील कर दिया गया है. झारखंड में कोरोना का पहला मामला 31 मार्च को आया था. रांची के हिंदपीढ़ी में पहला मामला सामने के बाद यहां मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है. इसके बाद हिंदपीढ़ी को हॉटस्पॉट घोषित कर दिया गया है. वहीं, बोकारो में भी कोरोना वायरस के 8 मरीजों की पुष्टी हो चुकी है. जिसके बाद का यह इलाका कोरोना का हॉटस्पॉट बन कर उभरा है.