रांची: झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद की ओर से राज्य के 64 हजार शिक्षक और पारा शिक्षकों के लिए बनाए गए कल्याण कोष का ड्राफ्ट तैयार कर लिया गया है. हालांकि शिक्षा मंत्री कोरोना संक्रमित हो जाने के बाद इससे जुड़ी ड्राफ्ट पर सुकृति नहीं मिल पाई है. ड्राफ्ट से जुड़ी योजना राज्य में लागू होने के बाद शिक्षकों को इसका काफी फायदा है.
शिक्षा मंत्री कोरोना पॉजिटिव कई बैठक स्थगित
सूबे के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो कोरोना संक्रमित हो गए हैं और उनका इलाज फिलहाल रिम्स में चल रहा है. सोमवार को कई महत्वपूर्ण बैठकों में शिक्षा मंत्री को हिस्सा लेना था. इसमें से एक अहम बैठक भी होनी थी. झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद की ओर से समग्र शिक्षा अभियान के तहत कार्यरत राज्य के पारा शिक्षक, बीआरपी- सीआरपी और कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों के शिक्षकों और कर्मियों का कार्यकाल के दौरान निधन होने पर उनके आश्रितों के लिए सहयोग राशि देने संबंधी कई महत्वपूर्ण विषयों को लेकर चर्चा होनी थी. मंत्री जगन्नाथ महतो की अध्यक्षता में ही कल्याण कोष की आम सभा की पहली बैठक होनी थी.
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ड्राफ्ट है तैयार
इसी बैठक के दौरान शिक्षकों के हित के लिए बनाए गए योजना पर अमली जामा पहनाना था, लेकिन फिलहाल कुछ दिनों तक इस पर विराम लग गया है. झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद की ओर से ड्राफ्ट तैयार कर लिया गया है. शिक्षा विभाग की मुहर और राज्य सरकार की ओर से हरी झंडी मिलते ही राज्य भर में इसे लागू कर दिया जाएगा. इसका लाभ इन शिक्षकों के परिजनों को मिलेगा. इस योजना के तहत कल्याण कोष के लिए सरकार एक मुश्त 10 करोड़ देगी, जबकि कोष के सदस्य हर महीने 200 रुपये अनुदान देंगे. कार्यकाल के दौरान मृत्यु होने पर आश्रितों को आर्थिक सहायता 5 लाख रुपये मिलेगी.
हरी झंडी का इंतजार
असाध्य रोग के इलाज के लिए एक लाख, कार्यअवधि के दौरान दुर्घटना में विकलांग होने पर डेढ़ से 2 लाख दिए जाएंगे. बच्चों की शिक्षा के लिए लोन अधिकतम 2 लाख दिए जाएंगे. बेटी की शादी के लिए ऋण दो लाख दिए जाएंगे और भी कई लाभकारी योजना इनके लिए बनाए गए हैं. सरकार की ओर से हरी झंडी मिलने के बाद 64 हजार शिक्षक और कर्मियों को इसका लाभ मिलेगा. इनमें सबसे ज्यादा 60 हजार पारा शिक्षक होंगे.