रांचीः झारखंड हाई कोर्ट में न्यायाधीश अपरेश कुमार सिंह और न्यायाधीश अनुभा रावत चौधरी की अदालत में रिम्स में ट्यूटर पद पर नियुक्त कर्मचारियों को हटाने से संबंधित मामले की सुनवाई हुई. हाई कोर्ट ने इस दौरान सरकार को आदेश दिया कि ट्यूटर पद के लिए वर्ष 2016 में जो विज्ञापन निकाला गया था, उसके आधार पर रिक्त पदों पर नियुक्ति की जाए. इससे रिम्स में ट्यूटर पद पर नियुक्ति का रास्ता साफ हो गया है.
काम कर रहे लोगों को अगले आदेश तक न हटाएं
दरअसल, रिम्स में ट्यूटर पद पर नियुक्त डॉक्टर रेखा शर्मा ने रिम्स प्रबंधन की ओर से ट्यूटर के पद पर नियुक्ति के लिए बनाए गए नियम को चुनौती दी है. उनकी ओर से अधिवक्ता एके सिंह ने पैरवी की. इस दौरान रिम्स की ओर से बताया गया कि 45 वैकेंसी के विरुद्ध 32 लोगों को नॉन क्लीनिकल डिपार्टमेंट के लिए चयनित किया गया था. इस पर कोर्ट ने कहा नॉन क्लीनिकल डिपार्टमेंट के 32 चयनित लोगों को रिक्त पदों पर नियुक्त किया जाए. साथ ही कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि जो पहले से ट्यूटर पद पर काम कर रहे हैं, जिन्हें हटाए जाने को लेकर कोर्ट का स्थगन आदेश है , उन्हें अंतिम सुनवाई पूरी होने तक नहीं हटाया जाए. कोर्ट ने दुर्गा पूजा के बाद पहले सप्ताह में मामले की अंतिम सुनवाई की तिथि निर्धारित की है.
ये भी पढ़ें-ऑन स्क्रीन ज्यादा रहना आंखों के लिए है घातक, जानिए कैसे रख सकते हैं आंखों का ध्यान
अपील याचिका में प्रार्थी की ओर से कोर्ट से आग्रह किया गया था कि उनकी नियुक्ति को स्थाई की जाए, जबकि राज्य सरकार का कहना था कि 3 साल के लिए ही इनकी नियुक्ति थी. इनकी नियुक्ति का कार्यकाल वर्ष 2010 में पूरा हो गया था. इसके बाद उन्हें हटाया जाना चाहिए, लेकिन रिम्स प्रबंधन ने उन्हें नहीं हटाया. इस पर खंडपीठ ने रिम्स की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा कि इतने वर्ष तक ट्यूटर के रिक्त पदों पर रिम्स ने विज्ञापन क्यों नहीं निकाला. इससे रिम्स में शिथिलता का पता चलता है. रिम्स के शिथिलता के कारण नई नियुक्ति में विलंब हुआ.
यह है मामला
डॉ. रेखा शर्मा रिम्स में ट्यूटर पद पर नियुक्त हैं, रिम्स प्रबंधन की ओर से 2014 में ट्यूटर पद के लिए नए नियम बनाकर नियुक्ति की अवधि 3 वर्ष निर्धारित कर दी थी. इससे पूर्व रिम्स में ट्यूटर पद पर जो नियुक्ति होती थी, उसके लिए कोई समय अवधि निर्धारित नहीं थी. डॉ. रेखा शर्मा 2014 से पूर्व से ही इस पद पर नियुक्त हैं. ऐसे में उन्होंने हाई कोर्ट में याचिका दायर की जिसमें कहा गया कि वे पूर्व से नियुक्त हैं, इसीलिए उन पर यह नया नियम लागू नहीं होगा. इस मामले में एकल पीठ ने अपने आदेश में रिम्स प्रशासन को निर्णय लेने को कहा था. बताया जा रहा है कि एकल पीठ ने तीन वर्ष पूरा कर चुके ट्यूटर पद पर नियुक्त कर्मचारियों को हटाने के आदेश दिए थे. डॉक्टर रेखा शर्मा ने एकल पीठ के आदेश को हाई कोर्ट की डबल बेंच में चुनौती दी. हाईकोर्ट की खंडपीठ ने मामले में वर्ष 2018 में इस पद पर नियुक्त कर्मियों को हटाने पर रोक लगा दी थी.