रांची: प्रख्यात शिक्षाविद और जनजातिय समाज के हितों के लिए लगातार मुखर रहे शिक्षाविद डॉ करमा उरांव का रांची के एक निजी अस्पताल में रविवार को निधन हो गया. पिछले कुछ महीनों से बीमार चल रहे डॉ करमा उरांव के निधन की खबर से झारखंड में शोक की लहर फैल गई है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश, राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश अध्यक्ष संजय सिंह यादव, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर, जदयू के झारखंड अध्यक्ष राज्यसभा सांसद खीरू महतो सहित कई सामाजिक संगठन से जुड़े लोगों ने डॉ करमा उरांव के निधन को राज्य के लिए बड़ी क्षति बताया है.
सीएम ने डॉ करमा उरांव के निधन को व्यक्तिगत क्षति बतायाः दिवंगत डॉ करमा उरांव को महान शिक्षाविद और आदिवासी उत्थान के प्रति हमेशा सजग रहने वाला और एक चिंतक बताते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि कई विषयों पर उनका मार्गदर्शन प्राप्त होता था. उनका निधन मेरे लिए व्यक्तिगत क्षति है.
करमा उरांव का निधन राज्य के लिए अपूरणीय क्षतिः वहीं भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सह राज्यसभा सांसद दीपक प्रकाश ने शोक व्यक्त करते हुए कहा कि करमा उरांव ने जनजातिय समाज के उत्थान के लिए अपना पूरा जीवन लगा दिया. उनका असमय जाना राज्य के लिए अपूरणीय क्षति है. दीपक प्रकाश ने दिवंगत आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की और कहा कि दुःख की घड़ी में परमात्मा परिजनों को धैर्य और साहस प्रदान करें.
करमा उरांव अपने कार्यों को लेकर हमेशा याद किए जाएंगेः अपने शोक संदेश में पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने कहा कि जनजातिय समाज की भाषा, संस्कृति और कल्याण के लिए करमा उरांव ने उल्लेखनीय कार्य किए हैं. आदिवासी समाज के हक और अधिकार के लिए डॉ करमा उरांव हमेशा मुखर रहते थे. डॉ करमा उरांव के किए उल्लेखनीय कार्यों को राज्यवासियों के लिए प्रेरणादायक बताते हुए बाबूलाल मरांडी ने कहा कि डॉ करमा उरांव हमेशा याद किए जाएंगे.
राजद नेताओं ने जतायी गहरी संवेदनाः राष्ट्रीय जनता दल ने शिक्षाविद और मानवशास्त्री प्रो डॉ करमा उरांव के निधन को शिक्षा जगत और राज्य के लिए बड़ी क्षति करार दिया है. झारखंड प्रदेश राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष संजय सिंह यादव और मुख्य प्रवक्ता डॉ मनोज कुमार ने शिक्षाविद डॉक्टर करमा उरांव के असामयिक निधन पर गहरी संवेदना व्यक्त की है. डॉ करमा उरांव को एक मुखर वक्ता और झारखंड के अन्य ज्वलंत मुद्दों पर संघर्ष करने वाला व्यक्ति बताते हुए कहा कि उनका असामयिक निधन से राज्य को जो नुकसान हुआ है, उसे भर पाना आसान नहीं है.
ज्वलंत मुद्दों पर अपनी बात रखने के लिए जाने जाते थे प्रो उरांवः बताते चलें कि अलग सरना धर्म कोड, सीएनटी-एसपीटी एक्ट, स्थानीय और नियोजन नीति सहित झारखंड के अन्य ज्वलंत मुद्दों पर अपनी बात मजबूती से रखने वाले डॉ करमा उरांव रांची विश्वविद्यालय के मानवशास्त्र के पूर्व विभागाध्यक्ष, रांची यूनिवर्सिटी के पूर्व डीन, एकीकृत बिहार में बीपीएससी के मेंबर भी रहे थे. 72 साल की उम्र में उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया.