रांची: राजधानी में गर्मी के मौसम के मई महीने में सबसे ज्यादा पानी की किल्लत होती है. पानी की समस्या से शहर के 53 वार्डों में से 10 वार्डों में सबसे ज्यादा पानी की समस्या का प्रभाव पड़ता है. वर्तमान में इन वार्डों में लोगों को रांची नगर निगम के टैंकर पर ही आश्रित रहना पड़ रहा है. स्थानीय प्रतिनिधियों का भी मानना है कि पानी की समस्या से निजात के लिए कोई ठोस व्यवस्था नहीं की गई है. किसी तरह लोगों की प्यास बुझाई जा रही है.
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वर्तमान में राजधानी के खासकर वार्ड 1, 3, 21, 23, 26, 27, 28, 31, 34, 38 में पानी की सबसे ज्यादा किल्लत है. भीषण गर्मी की वजह से इन इलाकों में चापानल सूख जाते हैं. ऐसे में लोगों को दिनचर्या के काम के लिए रांची नगर निगम के पानी के टैंकर पर निर्भर रहना पड़ रहा है.
वार्ड 34 पार्षद विनोद सिंह ने बताया कि प्रत्येक दिन 30 से 35 टैंकर पानी उनके वार्ड समेत वार्ड 26, 27, 28 में पानी लेकर आते हैं. बावजूद इसके लोगों को पूरी तरह से पानी नहीं मिल पा रहा है. वहीं, वार्ड 26 के पार्षद अरुण झा का कहना है कि किसी तरह से लोगों को पानी मुहैया कराया जा रहा है.
यहां पानी संकट
रांची में पानी की समस्या मुख्य रूप से रातू रोड, हरमू समेत पहाड़ी मंदिर के आसपास का इलाका, मोरहाबादी, पंडरा, कटहल मोड़, पुनदाग में है. इन इलाकों में भू-जल स्तर काफी नीचे चला गया है. ऐसे में शहर के डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय ने आम लोगों से अपील की है कि पानी की समस्या दूर करने के लिए सभी को वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को अपनाना चाहिए.
डिप्टी मेयर ने कहा कि वर्तमान में नगर निगम के कई इंजीनियर कोरोना संक्रमित हैं, जिससे शहर में सामुदायिक वाटर हार्वेस्टिंग का काम रूका हुआ है. लेकिन शहर में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को स्थापित करने के साथ-साथ लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया जाएगा. उन्होंने कहा कि लोग फाइन देना पसंद करते हैं, लेकिन लोग वाटर हार्वेस्टिंग स्थापित नहीं करते. जिसकी वजह से लगातार पानी की समस्या आ रही है.